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भारत ने मैक्सिको को दिया कड़ा जवाब, साफ कहा- ‘अगर आपके टैरिफ से हमें नुकसान हुआ तो... ’

India On Mexico Tariff: भारत सरकार का कहना है कि बिना पहले बातचीत किए इस तरह से टैक्स बढ़ाना, दोनों देशों के सहयोगी व्यापार संबंधों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों की भावना के खिलाफ है. बयान में आगे मैक्सिको को कड़ी चेतावनी भी दी गई है.

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टैरिफ को लेकर मैक्सिको की संसद ने हाल में एक नया बिल पास किया है. (फोटो- इंडिया टुडे)

भारत पर अमेरिका के बाद मैक्सिको ने भी टैरिफ लगा दिया. उसके इस फैसले पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है. सरकार ने चेतावनी भरे लहजे में दो टूक कहा है कि अगर इससे भारतीय निर्यातकों को नुकसान होता है, तो वो अपने हितों की रक्षा के लिए “उचित कदम” उठा सकती है. हालांकि, सरकार ने बातचीत के जरिए हल निकालने की भी पेशकश की है. 

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मैक्सिको की संसद ने हाल में एक नया बिल पास किया है. इसे निचले सदन से मंजूरी मिलने के बाद बुधवार 10 दिसंबर को मैक्सिको की सीनेट ने भी पास कर दिया. इसके तहत उन देशों से आने वाले सामान पर इम्पोर्ट टैरिफ बढ़ाया जाएगा, जिनके साथ मैक्सिको का फ्री ट्रेड एग्रीमेंट नहीं है. इसमें भारत, चीन, ब्राजील समेत कई देश शामिल हैं. यह नया कानून 1 जनवरी 2026 से लागू होगा.

50 प्रतिशत तक का टैरिफ!

इस बिल के तहत करीब 1,463 तरह के उत्पादों पर टैक्स बढ़ाया जाएगा. इनमें ऑटो पार्ट्स, हल्के वाहन, प्लास्टिक, खिलौने, कपड़ा, फर्नीचर, जूते, कपड़े, एल्युमिनियम और कांच जैसे सेक्टर शामिल हैं. नए शुल्क 5% से लेकर 50% तक हो सकते हैं. लेकिन ज्यादातर सामान पर लगभग 35% टैक्स लगने की संभावना जताई जा रही है.

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भारत ने क्या कहा?

इंडिया टुडे में छपी ज्योति शुक्ला की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार का कहना है कि बिना पहले बातचीत किए इस तरह से टैक्स बढ़ाना, दोनों देशों के सहयोगी व्यापार संबंधों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों की भावना के खिलाफ है. भारत यह मानता है कि यह फैसला सीधे उसे निशाना बनाने के लिए नहीं है. लेकिन यह भी तय है कि इसका असर भारतीय निर्यात पर जरूर पड़ेगा.

सरकार का कहना है कि असली असर इस बात पर निर्भर करेगा कि भारतीय सामान मैक्सिको की सप्लाई चेन में कितने अहम हैं. क्या कंपनियां ज्यादा टैक्स का बोझ ग्राहकों पर डाल पाती हैं या नहीं. किन सामानों पर कितना टैरिफ लगेगा, इसकी लिस्ट भी अभी नहीं आई है, ऐसे में इस फैसले ने चिंता जरूर बढ़ा दी है. 

यह भी पता चला है कि भारत की तरफ से कॉमर्स सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल ने मैक्सिको के वित्त मंत्रालय के सीनियर अधिकारियों से बातचीत की है. आगे तकनीकी स्तर पर भी बैठकें होने की संभावना है. भारतीय दूतावास पहले ही इस मुद्दे पर चिंता जता चुका है. उसने भारतीय निर्यातकों के लिए खास छूट मांगी है.

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वहीं, मैक्सिको सरकार का कहना है कि यह कदम घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने और व्यापार घाटा कम करने के लिए उठाया गया है. अधिकारियों ने कहा कि इससे मैक्सिको को हर साल करीब 3.8 अरब डॉलर की एक्स्ट्रा इनकम हो सकती है.

भारत-मैक्सिको के बीच कितना कारोबार?

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2023 में मैक्सिको भारत का 9वां सबसे बड़ा व्यापार साझेदार था. दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 10.58 अरब डॉलर का रहा. भारत मैक्सिको को गाड़ियां, ऑटो पार्ट्स, दवाइयां, इंजीनियरिंग और केमिकल प्रोडक्ट भेजता (निर्यात) करता है. वहीं मैक्सिको से भारत कच्चा तेल, सोने की जूलरी और कुछ तकनीकी सामान आयात करता है.

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