भारत और ब्रिटेन के बीच Free Trade agreement (FTA) डील पर समझौता पूरा हो गया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की मौजूदगी में इस पर हस्ताक्षर किए. इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर और ब्रिटिश चांसलर रीव्स भी उपस्थित रहे.
भारत-ब्रिटेन FTA डील फाइनल, 99% निर्यात पर टैरिफ होगा कम, कहीं-कहीं खत्म
समझौते के कारण साल 2030 तक इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट डबल हो जाएंगे. वहीं केमिकल एक्सपोर्ट अगले साल तक 30 से 40 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है.

ब्रिटिश प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास चेकर्स में FTA पर हस्ताक्षर किए गए. डॉक्यूमेंट्स के अनुसार FTA के बाद ब्रिटेन को जाने वाले 99% भारतीय निर्यात पर लगने वाले टैरिफ पर बड़ी राहत मिलेगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक कई सेक्टर से जुड़े उत्पादों और सेवाओं के निर्यात पर लगने वाले शुल्क में भारी छूट मिलेगी, जो कुछ टैरिफ लाइनों में जीरो पर्सेंट यानी पूरी तरह खत्म हो जाएगा.
डील के तहत जिन सेक्टर को फायदा मिलने वाला है उनमें टेक्सटाइल, जेनेरिक दवाएं और मेडिकल डिवाइस, चमड़े के सामान और कृषि एवं रासायनिक उत्पाद शामिल हैं. FTA से भारतीय एक्सपोर्ट्स को काफी बढ़ावा मिलेगा. इससे इंजीनियरिंग प्रोडक्ट और केमिकल से लेकर फूड प्रोसेसिंग, दवाइयों और सॉफ्टवेयर सेवाओं तक में जीरो ड्यूटी का लाभ मिलेगा. बदले में, भारतीय कस्टमर्स को स्कॉच व्हिस्की, इलेक्ट्रिक वाहन, चॉकलेट और कॉस्मेटिक्स जैसे ब्रिटिश सामान कम कीमतों में मिलेंगे.
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस समझौते से ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारत को व्हिस्की, कार और अन्य उत्पादों का निर्यात आसान हो जाएगा. भारत के लिए, ये अब तक का सबसे महत्वपूर्ण व्यापार समझौता है. इससे भारत अपनी टैरिफ लाइनों में 90% की कमी करेगा और UK के उत्पादों पर इसका औसत शुल्क 15% से घटकर 3% हो जाएगा. देश स्कॉच व्हिस्की पर अपने टैरिफ को तुरंत आधा करके 75% कर देगा. एक दशक में ये स्तर 40% तक गिर जाएगा. इलेक्ट्रिक वाहनों पर कोटा-आधारित टैरिफ कटौती पर भी सहमति बनी है, जो 110% से घटकर 10% हो जाएगी.
FTA के तहत भारतीय कृषि उत्पादों को जर्मनी जैसे प्रमुख निर्यातकों के साथ टैरिफ समानता मिलेगी. जबकि कपड़ा और चमड़े पर शून्य शुल्क से बांग्लादेश और कंबोडिया जैसे देशों के बीच भारत को कॉम्प्टीटिव एज मिलेगा. रिपोर्ट्स में बताया गया कि समझौते के कारण साल 2030 तक इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट डबल हो जाएंगे. वहीं केमिकल एक्सपोर्ट में अगले साल तक 30 से 40 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है. वहीं अगले तीन सालों में जेम्स और ज्वेलरी एक्सपोर्ट भी दोगुना होने की उम्मीद है.
व्यापार समझौते के प्रभावी होने के बाद सॉफ्टवेयर सेवाओं के निर्यात में सालाना लगभग 20% की वृद्धि होने का अनुमान है. ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा कि ये समझौता कस्टमर्स के लिए कीमतें कम करने में मदद कर सकता है. स्टारर ने कहा,
"भारत के साथ हमारा ऐतिहासिक व्यापार समझौता ब्रिटेन के लिए एक बड़ी जीत है. इससे पूरे ब्रिटेन में हजारों ब्रिटिश नौकरियां पैदा होंगी. व्यवसायों के लिए नए अवसर खुलेंगे और देश के हर कोने में विकास को गति मिलेगी."
ब्रिटिश अधिकारियों का अनुमान है कि इस समझौते से लंबी अवधि में भारत को ब्रिटेन के निर्यात में लगभग 60% की वृद्धि होगी. इसमें एक खरीद खंड (procurement section) भी शामिल होगा जिससे ब्रिटिश कंपनियां भारत में फेडरल लेवल कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए बोली लगा सकेंगी.
समझौते में एक सेक्शन इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी पर भी होगा. पहले चिंताएं जताई गई थीं कि ब्रिटेन भारत पर अपने इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी मानकों को कड़ा करने का दबाव डालेगा. जिससे सस्ती दवाओं की उसकी आपूर्ति प्रभावित हो सकती है. लेकिन अधिकारियों ने ब्लूमबर्ग को बताया कि ये समझौता भारत की जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति में बाधा नहीं बनेगा.
भारत में ब्रिटिश उत्पाद सस्ते होंगेभारत 90% ब्रिटिश वस्तुओं पर टैरिफ कम करेगा. इसमें शामिल हैं:
- स्कॉच व्हिस्की: आयात शुल्क तुरंत 150% से घटकर 75% हो जाएगा. और 10 वर्षों में 40% हो जाएगा.
- इलेक्ट्रिक वाहन: टैरिफ कोटा के भीतर 110% से घटाकर 10% किया गया.
- कॉस्मेटिक, चॉकलेट, बिस्कुट, भेड़ का मांस, सैल्मन, सॉफ्ट ड्रिंक्स और मेडिकल डिवाइस भी काफी किफायती हो जाएंगे.
भारत से ब्रिटेन एक्सपोर्ट होने वाले 99% सामान अब ड्यूटी फ्री भेजे जा सकेंगे. इसमें ये सेक्टर शामिल हैं:
- इंजीनियरिंग सामान: FTA के तहत 1,659 टैरिफ लाइनों के साथ, ये सबसे बड़ी कैटेगरी है. ब्रिटेन में भारत का इंजीनियरिंग निर्यात 2024-25 में 11.7% बढ़ा और इसमें तेजी आने की उम्मीद है.
- केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल्स: FTA 1,206 केमिकल टैरिफ लाइनों को कवर करता है. जो कुल टैरिफ लाइन का 12.4% है.
- फूड प्रोसेसिंग और कृषि निर्यात: ये क्षेत्र 985 टैरिफ लाइनों को कवर करता है और डील का 10.1% हिस्सा है.
- इलेक्ट्रॉनिक्स: स्मार्टफोन, इनवर्टर और ऑप्टिकल फाइबर केबल्स को जीरो ड्यूटी से लाभ मिलेगा. जिससे भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट को फायदा होगा.
FTA के अनुसार 1,800 भारतीय शेफ, योग इंस्ट्रक्टर और शास्त्रीय संगीतकारों को सेवाएं देने के लिए ब्रिटेन में अस्थायी प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. कुल मिलाकर, ब्रिटेन में 75,000 भारतीय प्रोफेशनल डबल कॉन्ट्रिब्यूशन कन्वेंशन (DCC) के तहत इस छूट का लाभ मिलने की उम्मीद है.
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