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पाकिस्तान पहुंचे तुर्किये के राष्ट्रपति ने कश्मीर पर की बयानबाजी, भारत ने कायदे से सुनाया

Recep Tayyip Erdogan Kashmir remark: इस्लामाबाद में रेचेप तैय्यप एर्दोगान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के साथ मीडिया से बातचीत की. तब उन्होंने कहा था कि कश्मीर मुद्दे को बातचीत के ज़रिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के अनुसार और कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए, सुलझाया जाना चाहिए.

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तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान (बाएं) और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (दाएं). (फ़ोटो - AP)

तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगान के कश्मीर मुद्दे पर दिए बयान पर भारत की प्रतिक्रिया आई है (Turkish President Kashmir). भारत ने कहा है कि उसकी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता पर इस तरह की ग़लतबयानी को स्वीकार नहीं किया जाएगा. भारत ने इस मामले पर दिल्ली में मौजूद तुर्किये के राजदूत के सामने भी कड़ा विरोध जताने की बात कही है. इससे पहले, तुर्किये ने कश्मीर मुद्दे को भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के ज़रिए सुलझाये जाने की बात कही थी.

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बीते हफ़्ते तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगान (Recep Tayyip Erdogan) पाकिस्तान की दो दिनों की यात्रा पर पहुंचे थे. इसी दौरान 13 फरवरी को इस्लामाबाद में उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के साथ मीडिया से बातचीत की. तब उन्होंने कहा था,

कश्मीर मुद्दे को बातचीत के ज़रिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के अनुसार और कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए, सुलझाया जाना चाहिए. हमारा राष्ट्र, पहले की तरह ही, आज भी हमारे कश्मीरी भाइयों के साथ एकजुटता में खड़ा है.

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इसी पर अब भारत का जवाब आया है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से एर्दोगान के कॉमेंट पर सवाल पूछा गया. इसके जवाब में उन्होंने कहा,

हम भारत के आंतरिक मामलों पर ऐसे आपत्तिजनक कॉमेंट्स को ख़ारिज करते हैं. जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, ये हमेशा से रहा है और ऐसा ही रहेगा. इस पर कोई संदेह या भ्रम नहीं होना चाहिए. किसी अन्य देश को इस पर कॉमेंट करने का कोई अधिकार नहीं है. 

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रणधीर जायसवाल ने आगे कहा, 

किसी देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने के बजाय, ठीक ये होता कि भारत के ख़िलाफ़ सीमा पार आतंकवाद का इस्तेमाल करने की पाकिस्तान की नीति पर सवाल उठाया जाता, जो जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सबसे बड़ा ख़तरा बना हुआ है.

रणधीर जायसवाल का कहना था कि दिल्ली में तुर्किये के राजदूत के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया गया है. भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता पर इस तरह के ग़लत बयान स्वीकार्य नहीं है.

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