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'पहले भी कई बार....', पाकिस्तान से सीजफायर कराने के दावे पर चीन को भारत का दो टूक जवाब

China के विदेश मंत्री वांग यी ने 30 दिसंबर को दावा किया था कि मई 2025 में India-Pakistan Conflict के दौरान चीन ने मध्यस्थता करवाई थी. वांग ने कहा कि चीन ने अंतरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने में ‘निष्पक्ष और सही रुख’ अपनाया है. ट्रंप तो अब तक अनगिनत बार कह चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच Ceasefire कराया था.

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चीन ने भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कराने का दावा किया था. (Photo: ITG/File)

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-पाकिस्तान का संघर्ष 4 दिन चला, लेकिन सीजफायर कराने की क्रेडिट लेने की होड़ महीनों से चल रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप हर दूसरे दिन दावा कर रहे हैं कि उन्होंने संघर्ष रुकवाया. अब तक सैकड़ों बार वह इसका क्रेडिट ले चुके हैं. चीन को लगा वह क्यों पीछे रहे, तो अब बहती गंगा में उसने भी हाथ धोते हुए सीजफायर कराने का दावा कर दिया. चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि हमने भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान मध्यस्थता (Mediation) की थी.

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भारत का स्पष्ट जवाब

हालांकि भारत का जवाब एक बार फिर वही है, जो लगातार किए जा रहे ट्रंप के दावों के बाद दिया गया था. चीन के नए दावे के बाद भारत ने अपनी तरफ से फिर साफ कर दिया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी. चीनी विदेश मंत्री के दावे पर जवाब देते हुए सूत्रों ने इंडिया टुडे से कहा,

हमने पहले ही ऐसे दावों का खंडन कर दिया है. भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है. हमारा रुख पहले भी कई बार साफ किया जा चुका है कि भारत-पाकिस्तान युद्धविराम पर दोनों देशों के DGMOs के बीच सीधे सहमति बनी थी.

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चीन ने किया था दावा

इससे पहले चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 30 दिसंबर को दावा किया था कि मई 2025 में भारत-पाक तनाव के दौरान चीन ने मध्यस्थता करवाई थी. वांग ने कहा कि चीन ने अंतरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने में ‘निष्पक्ष और सही रुख’ अपनाया है. लंबे समय तक चलने वाली शांति बनाने के लिए हमने ऐसा किया है. हमने मूल कारणों और विवाद सुलझाने पर फोकस किया है. मालूम हो कि ट्रंप भी लगातार यही कहते आ रहे हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच मई में हुए संघर्ष को रुकवाया था. हालांकि भारत ने आधिकारिक बयान जारी कर साफ किया था कि दोनों देशों के DGMO के बीच बातचीत के बाद ही संघर्ष विराम हुआ था. खुद प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में साफ किया था कि सीजफायर में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी.

यह भी पढ़ें- 'हमने करवाया था सीजफायर'; ट्रंप के बाद अब चीन ने किया भारत-पाक जंग रुकवाने का दावा

दूसरी तरफ चीन का संघर्ष रुकवाने का दावा उसका ढोंग भी दिखाता है. क्योंकि चीन खुद ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के खिलाफ पाकिस्तान की मदद कर रहा था. उसे रियल टाइम जानकारी मुहैया करा रहा था. इसकी पुष्टि खुद भारतीय सेना के अधिकारी राहुल आर सिंह ने की थी. उन्होंने कहा था कि इस संघर्ष को चीन ने अपने हथियारों को टेस्टिंग ग्राउंड के रूप में इस्तेमाल किया, जो उसने पाकिस्तान को दिए थे. 

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