अमेरिका की फार्मास्यूटिकल कंपनी ने HIV (Human immunodeficiency virus) रोकने की नई दवा बना ली है. इसे लेकर दावा है कि वह यौन संबंधों से होने वाले HIV संक्रमण को 99 परसेंट तक रोक सकती है. राहत की बात ये है कि इस दवा के आ जाने के बाद रोज गोली खाने की मौजूदा झंझट से निजात मिल जाएगी. इस नई दवा को साल में सिर्फ दो बार इंजेक्शन के जरिए लेना होगा.
HIV रोकने वाली दवा अमेरिका में पास, 99% चांस है इंफेक्शन नहीं होगा
अमेरिका की एक दवा बनाने वाली कंपनी ने HIV संक्रमण रोकने की नई दवा ईजाद की है. इसे बहुत बड़ी उपलब्धि माना जाता रहा है क्योंकि अभी तक एचआईवी संक्रमण रोकने के लिए हर रोज दवा खानी होती थी लेकिन इसे साल में सिर्फ दो बार इंजेक्शन के जरिए लिया जाता है.

क्या है ये दवा, कैसे काम करती है और क्या है कीमत? सब कुछ विस्तार से जानते हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस नई दवा का नाम लेनाकापाविर (Lenacapavir injection) है, जिसे बाजार में Yeztugo नाम से बेचा जाएगा. दवा बनाने वाली दिग्गज कंपनी गिलियड (Gilead Sciences) ने इसे तैयार किया है. इस दवा को लेकर दो बड़े ट्रायल हुए, जिसमें पाया गया कि जो लोग साल में 2 बार ये इंजेक्शन लेते हैं, उनमें से 99.9% लोगों को HIV संक्रमण नहीं हुआ.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे लेकर कहा कि FDA की मंजूरी के बाद अब यह दवा जल्दी WHO की मंजूरी भी पा सकती है, जिससे दुनियाभर के देशों में इसकी उपलब्धता आसान होगी.
Lenacapavir क्या है?Lenacapavir एक एंटी-रेट्रोवायरल दवा है. यानी HIV वायरस को शरीर में बढ़ने से रोकने वाली दवा. इसका इस्तेमाल HIV के इलाज और बचाव दोनों में होता है. इलाज के लिए Sunlenca नाम से ये दवा दी जाती है. जो लोग बहुत लंबे समय से HIV की दवाएं खा रहे हैं और अब दवाओं का असर उन पर नहीं हो रहा है, उनके इलाज में Lenacapavir का इस्तेमाल किया जाता है. इसे दूसरी HIV की दवाओं के साथ मिलाकर दिया जाता है.
बचाव के लिए Yestugo नाम से ये दवा दी जाती है. HIV संक्रमण से बचने के लिए इसे PrEP के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. मतलब अगर किसी व्यक्ति को HIV होने का खतरा है, तो वो ये दवा पहले से लेकर HIV से बच सकता है.
यह दवा HIV वायरस के बाहरी खोल (Capsid) से चिपक जाती है और वायरस को शरीर में फैलने से और नई कोशिकाओं को संक्रमित करने से रोक देती है.
PrEP क्या है?PrEP यानी प्री-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस अक्सर उन लोगों को दिया जाता है जिन्हें HIV के एक्सपोजर का रिस्क ज्यादा होता है. ये दवाइयां यौन संबंधों के जरिए HIV संक्रमण के खतरे को 99 प्रतिशत तक कम कर देती हैं.
PrEP शुरू करने से पहले HIV का टेस्ट कराना जरूरी होता है. सिर्फ HIV नेगेटिव लोगों को संक्रमण की रोकथाम के लिए ही अकेले ये दवा दी जाती है. अगर HIV पॉजिटिव व्यक्ति को ये दवाएं अकेले दे दी जाएं तो वायरस में दवा के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता (resistance) आ सकती है. इससे अन्य दवाओं का असर कम होने का खतरा रहता है.
भारत में उपलब्ध है?भारत में PrEP की जेनेरिक गोलियां उपलब्ध हैं लेकिन अभी आम लोगों तक इनकी पहुंच नहीं हैं. इसके पीछे दो वजहें हैं. एक तो इन दवाओं की कीमत काफी ज्यादा है और दूसरा ये अभी भारत के सरकारी HIV प्रोग्राम का हिस्सा नहीं हैं. भारत सरकार फिलहाल उन लोगों को मुफ्त इलाज देती है जो HIV पॉजिटिव पाए जाते हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, एचआईवी के बचाव के लिए दिए जाने वाले इंजेक्शन Yeztugo की सालाना कीमत करीब 28 हजार 218 डॉलर यानी लगभग 23 लाख रुपए है.
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