गुजरात में स्कूल प्रिंसिपल की कथित तौर पर SIR ड्यूटी के दौरान दिल का दौरान पड़ने से मौत हो गई. राजस्थान में भी कथित रूप से हार्ट अटैक से एक BLO की जान चली गई. इससे पहले बंगाल में एक महिला BLO के परिवार ने दावा किया कि SIR के वर्कलोड के चलते उसने अपनी जान ले ली.
SIR के काम में लगे दो और BLO की मौत, यहां भी परिजनों ने कहा- 'बहुत ज्यादा वर्कलोड था'
BLO Dies of Heart Attack: इससे पहले, जयपुर में एक सरकारी स्कूल टीचर ने 16 नवंबर को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. उनके परिवार ने दावा किया था कि उन पर SIR प्रक्रिया के तहत वोटर लिस्ट से संबंधित काम पूरा करने का भारी दबाव था.


देश के 12 अलग-अलग राज्यों में चल रहे वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) ने बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) के लिए चिंता खड़ी कर दी है. ग्राउंड लेवल पर SIR की जिम्मेदारी इन्हीं BLOs पर है. दावा है कि इन कर्मचारियों पर काम का इतना दबाव है कि तनाव में कुछ BLO ने या तो आत्महत्या कर ली या दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई. बीते एक हफ्ते में ऐसे कम से कम पांच मामले सामने आ चुके हैं.
‘SIR Workload’ से एक और मौत?गुजरात के खेड़ा जिले में ड्यूटी के दौरान एक BLO की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. मृतक की पहचान कपड़वंज के नवापुरा प्राथमिक विद्यालय के प्रिंसिपल रमेशभाई परमार के रूप में हुई है. परिवार के मुताबिक, रमेशभाई SIR से जुड़ा काम निपटाने के बाद मंगलवार, 19 नवंबर की देर रात घर लौटे थे.
कथित तौर पर थकान और तनाव के कारण उन्होंने रात का खाना नहीं खाया और सीधे बिस्तर पर चले गए. अगली सुबह वो नहीं उठे. इसके बाद उनके परिवार वाले उन्हें बायद के एक प्राइवेट अस्पताल ले गए. वहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मौत का कारण दिल का दौरा बताया गया.
इंडिया टुडे से जुड़े ब्रजेश दोषी की खबर के मुताबिक, परिवार के एक सदस्य ने साफ कहा, “BLO ड्यूटी के असहनीय वर्कलोड और लगातार यात्रा के कारण उनकी मौत हुई है.” उन्होंने बताया कि रमेशभाई बीते दो हफ्ते से तनाव में थे. उनके BLO वाले काम की जगह उनके स्कूल से 48 किलोमीटर दूर थी. इसका मतलब था कि उन्हें मोटरसाइकिल से रोज 94 किमी से ज्यादा की यात्रा करनी पड़ती थी.
हालांकि, इस मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी या जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में भी ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां SIR के काम के बीच बुधवार, 19 नवंबर की सुबह एक BLO की हृदय गति रुकने यानी कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई. मृतक की पहचान हरिओम बैरवा के रूप में हुई है. 34 साल के हरिओम राजस्थान के सेवती खुर्द सरकारी स्कूल में ग्रेड III टीचर थे और बीएलपी के पद पर तैनात थे.
हरिओम के परिवालों का आरोप है कि तहसीलदार का फोन आने के बाद वो बेहोश हो गए. कथित तौर पर अधिकारी SIR ड्यूटी को लेकर उन पर दबाव बना रहे थे. जिसकी वजह से वो बीते छह दिनों से काफी तनाव में थे. परिवार वालों ने दावा किया कि लगातार काम के बोझ के कारण उन्होंने घर पर ज्यादा बातचीत करना बंद कर दिया था.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, हरिराम के पिता बृजमोहन बैरवा ने बताया, “मुझे नहीं पता कि तहसीलदार ने फोन पर क्या कहा, लेकिन पांच मिनट बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा.”
हालांकि, तहसीलदार ने सभी आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ उच्च अधिकारियों से मिले निर्देशों की जानकारी दी थी. स्थानीय थाना प्रभारी (SHP) लक्ष्मण सिंह के मुताबिक, अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है.
ये दोनों घटनाएं इस महीने देश भर में तीन अन्य BLO की कथित रूप से ‘वर्कलोड से’ मौत के बाद हुई हैं. इससे पहले, जयपुर में एक सरकारी स्कूल टीचर ने 16 नवंबर को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. उनके परिवार ने दावा किया था कि उन पर SIR प्रक्रिया के तहत वोटर लिस्ट से संबंधित काम पूरा करने का भारी दबाव था.
वहीं, केरल के कन्नूर जिले में अनीश जॉर्ज (44) का शव भी मिला था. केरल पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया. हालांकि जॉर्ज के परिजनों और आस-पड़ोस के लोगों ने दावा किया कि चुनाव संबंधी जिम्मेदारियों के दबाव ने उन्हें इस हद तक परेशान कर दिया था. पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में भी एक BLO ने 'आत्महत्या' कर ली थी.
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