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फर्जी फर्मों से 1800 करोड़ का कारोबार, 400 करोड़ की GST चोरी, लखनऊ से मुरादाबाद तक FIR दर्ज

आरोप है कि पहले फर्जी नाम पते पर फर्म खोली गई. फिर GST नंबर लिया गया. GST नंबर लेते समय दो मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड करवाए जाते हैं. लेकिन कुछ ही महीने बाद फर्म के दोनों मोबाइल नंबर बदल दिए जाते हैं, जिसकी जानकारी विभाग को नहीं होती.

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GST चोरी का नेटवर्क कई राज्यों में फैला है. (ITG)
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संतोष शर्मा

देश में गुड्स और सर्विस टैक्स (GST) की चोरी के एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें लोहे के कारोबार से जुड़ीं फर्जी फर्मों के जरिए टैक्स चोरी की गई. अनुमान है कि इन कंपनियां से 1800 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ, जिसमें लगभग 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की GST चोरी की आशंका जताई जा रही है. यह घोटाला उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब, महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, तेलंगाना और उत्तराखंड तक फैला हुआ है. मामले में लखनऊ से लेकर मुरादाबाद तक 20 FIR दर्ज हो चुकी हैं.

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इंडिया टुडे से जुड़े संतोष शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोप है कि गिरोह ने फर्जी पते पर कई फर्म खोलकर और बोगस बिलिंग कर GST चोरी की. ये फर्म असल में किसी भी तरह के व्यापार में शामिल नहीं थीं. इन फर्मों का जिस पते पर रजिस्ट्रेशन हुआ, वे पते असल में हैं ही नहीं.

कुछ फर्म, जिन पर GST चोरी का आरोप

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फर्म: राम इंटरप्राइजेज

  • मालिक: विश्वजीत धर्मेंद्र सोनवानडे
  • GST चोरी का आरोप: 9 करोड़ 25 लाख रुपये
  • पता: ग्राउंड फ्लोर शॉप नंबर 20 कोठारी बंधु मार्ग, आवास विकास, राजाजीपुरम, लखनऊ

फर्म: आरके एंटरप्राइजेज

  • मालिक: रमन कुमार
  • GST चोरी का आरोप: 10 करोड़ 78 लाख रुपये
  • पता: 65 सूबेदार पांडे, नन्यू कॉलोनी झूलेलाल मंदिर मार्ग, राजाजीपुरम, लखनऊ

फर्म: संतोष ट्रेडिंग

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  • मालिक: संतोष रमेश कुवरिया
  • GST चोरी का आरोप: 12 करोड़ 50 लाख रुपये
  • पता: ग्राउंड फ्लोर, शॉप नंबर 9, मेघदूत अपार्टमेंट, कोठारी बंधु मार्ग, राजाजीपुरम, लखनऊ

फर्म: विजय एंटरप्राइजेज

  • मालिक: अभिषेक विजय नरोटे
  • GST चोरी का आरोप: 8 करोड़ 72 लाख रुपये
  • पता: हाउस नंबर 130, आरती अपार्टमेंट, कोठारी बंधु मार्ग, आवास विकास, राजाजीपुरम, लखनऊ

फर्म: शिंदे एंटरप्राइजेज

  • मालिक: अनिल तुकाराम शिंदे
  • पता: 52 /120, LDA कॉलोनी, कानपुर रोड, लखनऊ

इन फर्मों के मालिकों ने कथित तौर पर करोड़ों रुपये की GST चोरी की. इन फर्मों का कारोबार बिना किसी असल माल की खरीद-बिक्री के केवल कागजों पर चल रहा था, जिससे कई राज्य सरकारों को भारी नुकसान हुआ.

कई राज्यों में फैले GST चोरी के इस नेटवर्क का सीधे कनेक्शन लोहे के कारोबार से है. GST चोरी करने वाली फर्जी फर्म का लेनदेन ऐसे ही लोहे के कारोबार करने वाली कंपनियों से दिखाया गया है. इस फर्जीवाड़े का खुलासा तो मुरादाबाद में हुआ, लेकिन कनेक्शन लखनऊ से निकला.

लखनऊ-मुरादाबाद हाईवे पर कुछ दिन पहले राज्य कर विभाग की टीम ने दो ट्रक पकड़े. ट्रक पर लोहे का माल था और माल पर लखनऊ की एके एंटरप्राइजेज का पता लिखा था. जांच की गई तो पता चला एके एंटरप्राइजेज लखनऊ के राजाजीपुरम के E 2810 पर रजिस्टर्ड है.

लेकिन इस जगह पर प्रवीण कुमार श्रीवास्तव का घर है. कैमरे पर आने से मना करते हुए प्रवीण श्रीवास्तव ने बस इतना ही कहा कि उनका एके एंटरप्राइजेज से कोई नाता नहीं है. उन्हें तो पता ही नहीं कि उनके छोटे से मकान पर कोई फर्म खुली है और वो करोड़ों का कारोबार कर रही है.

लखनऊ के DCP वेस्ट विश्वजीत श्रीवास्तव ने कथित GST चोरी पर कहा,

"GST विभाग द्वारा लखनऊ पश्चिमी के दो थानों- थाना नाका और थाना तालकटोरा में FIR कराई गई हैं. तालकटोरा थाने में करीब एक महीने के अंदर 8 FIR दर्ज हुई हैं. 2 FIR नाका में दर्ज हुई हैं. अभी मामला दर्ज करके और इसमें पूरी जांच की जाएगी और उसके बाद ही इसमें कोई आवश्यक कार्रवाई कराई जाएगी... प्रथम दृष्टया देखने से लगता है ये GST विभाग की अपनी आंतरिक जांच थी, जिसमें GST में जो चोरी की गई थी, जो टैक्स चोरी की गई है, उसके संबंध में ये FIR हुई हैं. बाकी डिटेल जांच से ही पता चलेगी."

GST चोरी के पैटर्न की बात करें तो पहले फर्जी नाम पते पर फर्म खोली गई. फिर GST नंबर लिया गया. GST नंबर लेते समय दो मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड करवाए जाते हैं. लेकिन कुछ ही महीने बाद फर्म के दोनों मोबाइल नंबर बदल दिए जाते, जिसकी जानकारी विभाग को नहीं होती.

फिर नए मोबाइल नंबर से ई-वे बिल जेनरेट कर कभी कच्चे बिल पर माल की खरीद-फरोख्त की जाती, तो कई बार बिना असल लेनदेन के ही फर्जी बिलिंग से करोड़ों रुपये का कारोबार किया जाता. करोड़ों का बिजनेस करने के बाद ऐसी तमाम फर्मों को जल्द ही बंद भी कर दिया जाता. मुरादाबाद में तो एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें एक ही मोबाइल नंबर से 69 फर्म रजिस्टर्ड की गई थीं. इन फर्मों से करोड़ों रुपये का कारोबार किया गया.

क्या कार्रवाई हुई?

राज्य कर विभाग ने जांच के बाद लखनऊ और मुरादाबाद में इन फर्मों के खिलाफ कई FIR दर्ज करवाई हैं. मुरादाबाद पुलिस ने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की GST चोरी की जांच के लिए एक SIT गठित की है, जो इस मामले की गहन जांच कर रही है.

मुरादाबाद के SP सिटी रणविजय सिंह ने बताया,

“दो FIR सिविल लाइंस थाने में दर्ज हुई हैं... फर्मों में कुछ कॉमन नाम है... सारा डॉक्यूमेंट्री सबूत है, जिसके आधार पर जांच करते हुए कार्रवाई की जाएगी... बहुत सारे आरोप हैं. ये भी आरोप है कि मोबाइल पर फर्म का फर्जी रजिस्ट्रेशन है. किरायानामे को लेकर भी विवाद है... पहले हम जांच कर लें, सारे पेपर्स देख लें, जो आरोप हैं, उन्हें वेरिफाई कर लें. जो भी सामने आएगा, फिर उसके हिसाब से हम लोग अपने स्तर पर कार्रवाई करेंगे.”

इतना ही नहीं, मुरादाबाद के सिविल लाइन थाने में एके एंटरप्राइजेज और उसके मालिक अंकित कुमार के खिलाफ 2 FIR दर्ज की गई हैं. ये फर्म और उसके मालिक फर्जी बिलिंग के जरिए कथित तौर पर करोड़ों का कारोबार कर रहे थे.

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