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गूगल मैप देख ट्रेकिंग करने गए 5 लड़के जंगल में भटक गए, गृहमंत्री के ट्वीट के बाद गुजरात पुलिस ने बचाया

पांचों लड़के सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और Vadodara में रहते हैं. उन्होंने Tungai Hills पर Trekking करने का सोचा. पहुंचे भी, लेकिन Google Maps ने उन्हें गलत रास्ता बता दिया और वो पहाड़ी जंगल में भटक गए.

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स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से सभी 5 लड़कों को ढूंढ लिया गया (PHOTO-AajTaK)
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नरेंद्र पेपरवाला

गूगल मैप (Google Maps)) कितना भरोसेमंद है? इस सवाल का जवाब बड़ा पेचीदा है. नोएडा, चंडीगढ़ जैसे शहरों जहां सड़कें और मोहल्ले प्लान्ड तरीके से बने हैं, वहां के लिए तो गूगल की ये सेवा काफी हद तक कारगर है. लेकिन जरा सा इधर-उधर निकले नहीं कि गूगल मैप आपको जीवन भर का सबक दे सकता है. नोएडा जैसे शहर में ही कुछ इलाकों में ये आपको रास्ता भटका सकता है. कई ऐसे मामले देखने में आए हैं जब लोग गूगल मैप के भरोसे जाने पर अपनी जान तक गंवा बैठे. आगे पुल टूटा था, लेकिन मैप ने रास्ता दिखाया तो चल पड़े और बड़ा हादसा हो गया. और अब कुछ ऐसा ही मामला गुजरात के नर्मदा (Narmada Gujarat) जिले से सामने आया है. यहां हैदराबाद, तेलंगाना के रहने वाले 5 लड़के जरवानी फॉरेस्ट एरिया में ट्रेकिंग के लिए गए. लेकिन गूगल मैप ने उन्हें भटका (Five Boys Lost in Forest using Google Maps) दिया और वो जंगल में खो गए. 

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जाना था पहाड़ पर, पहुंच गए जंगल में

हैदराबाद, तेलंगाना के रहने वाले पांच दोस्तों ने नर्मदा के तुंगई हिल पर ट्रेकिंग करने का प्लान बनाया. ये जगह स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास जरवानी फॉरेस्ट एरिया के नजदीक है. इन लड़कों ने कोई गाइड हायर नहीं किया और खुद से ही जंगल और ट्रेक को एक्सप्लोर करने का सोचा और निकल पड़े. मैप के मुताबिक जब ये तुंगई हिल पहुंचे, तो यहां गूगल मैप चल तो रहा था, लेकिन जंगल का इलाका होने की वजह से उसमें लोकेशन की जानकारी गलत फीड थी. इन सभी ने कुछ दूरी तक बाइक से सफर किया. फिर उन्होंने जरवानी गांव के पास फलिया इलाके में बाइक छोड़ मैप के मुताबिक तुंगई हिल पर चढ़ाई शुरू कर दी. दोपहर के लगभग ढाई बजे वो हिल स्टेशन पर पहुंचे. पर तब उन्हें समझ आया कि मैप ने उन्हें गसत रास्ता बताया है और वो तुंगई हिल नहीं बल्कि कहीं और पहुंच गए हैं. 

आजतक से जुड़े पत्रकार नरेंद्र पेपरवाला के मुताबिक इन लड़कों के नाम हितेश सुरेश पेनमुसु, हिमतेज वारा प्रसाद वल स्वामी, विकियात नागेश्वर राव चिलियाला, लिखित चेतन्य मेका और सुशील रमेश भंडारू हैं. जब ये सभी लड़के रास्ते से भटके, उसी समय उनमें से एक लड़के लिखित ने अपनी मां को कॉल कर बताया कि वो लोग जंगल में भटक गए हैं. लिखित की मां सुभाषिनी टीडीपी तेलंगाना की पूर्व राज्य संगठन सचिव हैं. मां सुभाषिनी ने अपने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया और लिखा कि गुजरात के जंगल में मेरे बेटे सहित उसके पांच दोस्त ट्रैकिंग के दौरान रास्ते से भटक गए हैं. गुजरात सरकार के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने इस पोस्ट का संज्ञान लिया और मदद का आश्वासन दिया. गृहमंत्री के हरकत में आने के बाद नर्मदा जिले की पुलिस और स्थानीय लोगों को तुरंत सूचित किया गया. 

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(यह भी पढ़ें: गूगल मैप का धोखा! रात को टूटे पुल पर ले गया, कार नदी में जा गिरी, 3 की मौत)

रेस्क्यू किए जाने के बाद युवकों ने बताया कि वो सभी गुजरात में ही रहकर वडोदरा के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस, स्थानीय ग्रामीणों और वन विभाग ने हमारी बहुत मदद की. उन्होंने बताया कि पुलिस ने हमें लिए चाय-नाश्ता तो कराया ही, साथ ही हमारे लिए सारी व्यवस्थाएं भी कीं और हमें यहां तक पहुंचाया. युवकों ने कहा कि वे उनके आभारी हैं. इस मामले पर जानकारी देते हुए नर्मदा पुलिस ने बताया

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सूचना मिलने के बाद हमने उन लड़कों को रेस्क्यू करने के लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट और स्थानीय लोगों से संपर्क किया. हमने उन्हें ढूंढ निकाला. थाने लाने के बाद हमने ये सुनिश्चित किया कि सबकी तबियत ठीक है या नहीं. हमने उन्हें  कहा कि आप रुकना चाहें तो हम यहीं व्यवस्था कर सकते हैं. लेकिन वो लोग वड़ोदरा निकल गए.

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बचाए जाने के बाद गुजरात पुलिस को धन्यवाद देते पांचो लड़के (PHOTO-AajTak)

पुलिस ने कहा कि अच्छा हुआ युवक जंगल में भटके तो समय पर उन्होंने अपनी मां को फोन कर लिया. अगर मदद मांगने में रात हो जाती और मोबाइल नेटवर्क चला जाता तो उन्हें ढूंढने में और भी दिक्कत होती. इस घटना के बाद सोशल मीडिया से लेकर तमाम जगहों पर एक चर्चा शुरू हो गई कि गूगल मैप से होने वाले हादसे कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो जाते हैं. कुछ ही समय पहले राजस्थान के चितौड़गढ़ में एक परिवार से भरी गाड़ी बनास नदी में जा गिरी थी.

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