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EPFO में पेंशन के लाखों आवेदन खारिज, मुख्यालय ने जताई नाराज़गी

Pension Application Rejection: कुल 17.49 लाख आवेदनों में से 1.02 लाख आवेदन अधूरी जानकारी के कारण वापस भेजे गए हैं. पिछले वित्तीय वर्ष के अंत तक के आंकड़ों के अनुसार, ईपीएफओ ने 34,500 से अधिक पेंशन भुगतान आदेश (PPO) जारी किए हैं, जिनमें से लगभग 19,000 अभी प्रक्रिया में हैं.

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अब EPFO यह पता लगाएगा कि आखिर इतनी सारी एप्लीकेशन को क्यों किस वजह से खारिज किया जा रहा है? (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के मुख्यालय ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को एक सख्त पत्र भेजा है. इस पत्र में कहा गया है कि हाई पेंशन (ज्यादा अमाउंट वाली पेंशन) के लिए आए आवेदनों को बड़ी संख्या में खारिज किया जा रहा है, जो चिंता का विषय है. EPFO ने स्पष्ट किया है कि कई आवेदनों में मामूली खामियों के कारण उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया, जबकि यदि आवेदकों को सही जानकारी दी जाती, तो वे सुधार कर सकते थे.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक अब श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने EPFO को निर्देश दिया है कि ऐसे सभी मामलों की ऑडिट की जाए और यह देखा जाए कि किन कारणों से आवेदन खारिज किए जा रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मिले थे लाखों आवेदन

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों EPFO को पेंशन के हकदार लोगों के लिए एक पोर्टल शुरू करने का निर्देश दिया था. इसके बाद हायर पेंशन ऑप्शन के तहत कुल 17.49 लाख आवेदन EPFO को प्राप्त हुए.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इनमें से 1.02 लाख एप्लिकेशन अधूरी जानकारी के कारण वापस भेजे गए हैं. वहीं, 31 मार्च 2024 तक सिर्फ 3.68 लाख आवेदकों को डिमांड लेटर भेजे गए हैं- यानी उन्हें यह बताया गया है कि आगे की प्रक्रिया क्या होगी.

लाखों ने जमा की अतिरिक्त राशि, फिर भी PPO अधर में

इस मुद्दे पर कर्मचारी भविष्य निधि विभाग के अधिकारियों ने अपना पक्ष रखा है. विभाग ने यह भी बताया कि 

एक लाख से ज्यादा आवेदकों ने EPFO द्वारा मांगी गई अतिरिक्त रकम जमा कर दी है. इनमें 47,000 से अधिक वर्तमान कर्मचारी भी शामिल हैं जिन्होंने अपनी जेब से अतिरिक्त योगदान किया है.

पिछले वित्तीय वर्ष के अंत तक, EPFO ने 34,500 से अधिक पेंशन भुगतान आदेश (PPO) जारी किए हैं. हालांकि, इनमें से लगभग 19,000 मामले अभी भी प्रक्रिया में हैं.

बढ़ी शिकायतें, मुख्यालय नाराज़

मुख्यालय के पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि कुछ क्षेत्रीय कार्यालयों में आवेदनों को मनमाने ढंग से खारिज किया गया, जिससे लोगों की ओर से शिकायतों का अंबार लग गया. नतीजतन, मुख्यालय के लिए जवाब देना मुश्किल हो गया है.

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EPFO ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि:

  • निर्देशों का सख्ती से पालन हो.
  • आवेदन खारिज करने का ठोस कारण होना चाहिए.
  • छोटी-मोटी त्रुटियों को सुधारने का मौका आवेदकों को मिलना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: एक और मौका

गौरतलब है कि 4 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए Employees Pension Scheme (EPS) 2014 में किए गए संशोधनों को वैध करार दिया था. इसके तहत 1 सितंबर 2014 को EPS के सदस्य रहे लोगों को एक और अवसर दिया गया है. अब वे अपनी वास्तविक सैलरी का 8.33% हिस्सा पेंशन फंड में जमा कर सकते हैं.

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