महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि उन्हें हल्के में ना लिया जाए, वर्ना ‘तांगा पलट सकता है’. उन्होंने उन अटकलों के जवाब में ये बात कही है जिनमें दावा किया जाता है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच 'कोल्ड वॉर' चल रही है.
'मुझे हल्के में मत लो' के बाद अब एकनाथ शिंदे बोले, 'ठंडा-ठंडा, कूल-कूल!'
अब शिंदे ने कहा है कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया. उन्होंने कहा, “आज मैंने कहीं पढ़ा कि मैंने यह बात सत्ताधारी गठबंधन के बीच कथित ‘कोल्ड वॉर’ के बारे में कही थी. मेरा निशाना उन लोगों पर था जो विकास को रोकते हैं.”

बीते साल महाराष्ट्र में चुनाव हुए थे. तब सूबे के मुख्यमंत्री थे एकनाथ शिंदे. उनके नेतृत्व वाली शिवसेना और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा और सरकार बना ली. बीजेपी अच्छी-खासी सीटों के साथ राज्य में ‘बड़े भाई’ के रोल में आ गई. बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने और पूरा समर्थन देने के बावजूद शिंदे मुख्यमंत्री नहीं बन सके. उन्हें डिप्टी सीएम यानी उप मुख्यमंत्री के पद से ही संतोष करने पड़ा. मुख्यमंत्री का सहरा सज़ा देवेंद्र फडणवीस के सिर.
इसी के बाद से बीच-बीच में ऐसी ख़बरें चलीं कि दोनों के बीच कुछ ठीक नहीं है. कहा जाने लगा कि दोनों के बीच ‘कोल्ड वॉर’ चल रही है. लेकिन अब शिंदे ने इसे लेकर बयान दिया है. उन्होंने साफ किया कि दोनों के बीच किसी तरह की कोई ‘कोल्ड वॉर’ नहीं है. 18 फरवरी को शिंदे ने कहा,
"हमारे सहयोगियों के बीच कोई ‘कोल्ड वॉर’ नहीं है. हम लोगों की भलाई के लिए मिलकर काम करते हैं. हमारा युद्ध विकास का विरोध करने वालों के खिलाफ है. We are thanda thanda, cool cool! (हम शांत और ठंडा हैं). हम राज्य की प्रगति के लिए एकजुट हैं."
दरअसल बीते दिनों शिंदे का एक बयान वायरल हुआ था. उसके बाद ही कोल्ड वॉर की अटकलों को बल मिला था. शिंदे ने कहा था,
“मैं हमेशा कहता हूं मुझे हल्के में मत लो, वर्ना तांगा पलट जाएगा. दाढ़ी को हल्के में मत लो. इसी दाढ़ी ने तुम्हारी गाड़ी को गड्ढे में डाल दिया था.”
लेकिन अब शिंदे ने कहा है कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया. उन्होंने कहा, “आज मैंने कहीं पढ़ा कि मैंने यह बात सत्ताधारी गठबंधन के बीच कथित ‘कोल्ड वॉर’ के बारे में कही थी. मेरा निशाना उन लोगों पर था जो विकास को रोकते हैं.”
दरअसल कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच कुछ मुद्दों को लेकर मतभेद हैं, खास तौर पर गार्डियन मिनिस्ट्री के पदों की नियुक्तियों को लेकर. लेकिन बाद में शिंदे ने फडणवीस को दो संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति के फैसले को पलटने के लिए मना लिया था.
इससे इतर, शिंदे कई बैठकों से भी नदारद दिखे. 2027 कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर पिछले महीने फडणवीस की ओर से बैठक बुलाई गई थी. लेकिन शिंदे इसमें शामिल नहीं हुए थे. इसके बजाय, उन्होंने इस विषय पर अपनी बैठक की थी. इसके अलावा शिवसेना विधायकों की सिक्योरिटी कम करने को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच खींचतान के दावे किए जाते रहे हैं.
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