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20 हजार 'अवैध भारतीयों' को निकालने पर अड़े डॉनल्ड ट्रंप, मोदी सरकार ने भी प्लान बना लिया है

US Indian Deportation: अमेरिका के नए नवेले विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने अवैध प्रवास के मुद्दे पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से चर्चा करने की बात कही है. इस बीच H-1B वीजा व्यवस्था को लेकर भी कई डेवलपमेंट्स हुए हैं.

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एक कार्यक्रम के दौरान डॉनल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो)

डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ (Donald Trump) ले चुके हैं. इस बीच खबरें आ रही हैं कि अमेरिका में मौजूद करीब 20 हजार 'अवैध भारतीयों' को वापस भारत भेजा जा सकता (Illegal Indians US) है. अमेरिका के नए नवेले विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ 'अवैध प्रवास' के मुद्दे पर चर्चा करने की बात कही है. ऐसी भी खबरें हैं इस पूरे मामले को लेकर भारत सरकार थोड़ी चिंतित है. हालांकि, भारत सरकार इन अवैध प्रवासियों को वापस लाने की भी तैयारी कर रही है.

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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने ऐसे करीब 18 हजार अवैध भारतीयों की पहचान कर ली है जिन्हें वापस भेजा जाना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत इन अवैध प्रवासियों को वेरिफाई करेगा और फिर उन्हें वापस भेजे जाने की प्रक्रिया शुरू होगी. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन अवैध प्रवासियों की संख्या 18 हजार से अधिक भी हो सकती है.

डॉनल्ड ट्रंप लगातार दूसरे देशों पर व्यापार टैरिफ लगाने की धमकी दे रहे हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया गया कि भारत नहीं चाहता कि उसके ऊपर इस तरह के टैरिफ लगाए जाएं, इसलिए अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर वो ट्रंप प्रशासन का सहयोग करने के लिए तैयार है.

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भारत की रणनीति

इसके साथ ही मुद्दा H-1B वीजा का भी है. ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद से ही अमेरिका की सत्ताधारी रिपब्लिकन पार्टी के दो धड़ों के बीच इस वीजा व्यवस्था को लेकर बहस छिड़ी हुई है. एक हिस्सा कह रहा है कि इस वीजा को पूरी तरह से बैन कर देना चाहिए और अमेरिका में पैदा होने वाले रोजगार अमेरिकियों को ही मिलने चाहिए. वहीं दूसरे हिस्से का कहना है कि इस वीजा की व्यवस्था इसलिए की गई थी ताकि दुनियाभर से प्रतिभावान लोगों को अमेरिका बुलाया जा सके.

H-1B वीजा को लेकर ट्रंप की भी प्रतिक्रिया आ चुकी है. उनका कहना है कि उन्होंने दोनों पक्षों की बातें सुनी हैं और उन्हें लगता है कि प्रतिभावान लोगों को वैध तरीके से अमेरिका आने देना चाहिए. साल 2023 में अमेरिका ने 386,000 H-1B वीजा दिए थे. इनमें से तीन-चौथाई वीजा भारतीयों के हिस्से आए थे.

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल का कहना है कि अमेरिका और भारत, दोनों ही देश अवैध प्रवास को हतोत्साहित करना चाहते हैं, ताकि वैध प्रवास के लिए और रास्ते खुलें. उन्होंने कहा कि हाल फिलहाल में भारत ने अमेरिका से अपने कुछ अवैध प्रवासियों को वापस बुलाया था. इस प्रक्रिया को इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए कि अवैध प्रवास को खत्म करने को लेकर भारत अपनी तरफ से सभी प्रयास कर रहा है. पिछले एक साल में करीब 1,100 अवैध भारतीय प्रवासियों को अमेरिका से वापस भेजा जा चुका है.

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ये भी पढ़ें- भारतीयों के लिए H1B Visa के क्या मायने हैं? अमेरिका में इसे लेकर कब और क्यों घमासान मचा?

डेटा में समस्या

यूएस इमीग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट (ICE) डिपार्टमेंट के मुताबिक, नवंबर 2024 तक अमेरिका में ऐसे कुल 20,047 अवैध भारतीय मौजूद थे, जिनको वापस भेजने का अंतिम आदेश या तो दिया जा चुका था या फिर वो वहां के डिटेंशन सेंटर्स में बंद थे. डेटा के मुताबिक, 17,940 अवैध प्रवासी डिटेंशन सेंटर्स में नहीं हैं, लेकिन उनको वापस भेजने के अंतिम आदेश दिए जा चुके हैं, वहीं 2,467 अवैध भारतीय डिटेंशन सेंटर्स में मौजूद हैं.

ICE की साल 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका से जिन अवैध भारतीयों को वापस भेजा गया है, पिछले चार साल में उनकी संख्या पांच गुना बढ़ी है. साल 2021 में ऐसे करीब 292 भारतीय वापस भेजे गए थे, वहीं 2024 में इनकी संख्या बढ़कर 1,529 हो गई. हालांकि, कई बार इस डेटा को जोड़ने में दिक्कतें आती हैं. अमेरिका के ही होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट के मुताबिक, अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024 तक ऐसे करीब 1,100 भारतीयों को वापस भेजा गया था.

इधर, भारत के विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में बताया था कि अमेरिकी सरकार के डेटा के मुताबिक, नवंबर 2023 से अक्टूबर 2024 तक 519 अवैध भारतीय प्रवासियों को अमेरिका से वापस भेजा चुका है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इन आंकड़ों में दिख रही यह असंगति इसलिए हो सकती है क्योंकि कई बार अवैध प्रवासी खुद ही वापस लौट आते हैं. ऐसे में ICE को कानूनी प्रक्रिया के तहत उन्हें वापस नहीं भेजना होता है. 

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