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महाराष्ट्र में चुनाव से पहले जिस लाडकी बहिन योजना के जरिए बांटे थे पैसे, अब उसकी जांच के आदेश

Ladki Bahin scheme: योजना की स्क्रूटनी की ख़बरों पर विपक्षी नेताओं का कहना है- 'चुनाव से पहले डॉक्यूमेंट्स की अच्छे से जांच नहीं की गई, तो अब महिलाओं से पैसे वापस लेने का अधिकार नहीं है.'

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लाडकी बहिन योजना की जांच की जाएगी, ऐसे संकेत मिले हैं. (फ़ोटो - PTI)

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने संकेत दिया है कि लाडकी बहिन योजना की जांच की जाएगी. ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि सिर्फ़ पात्र उम्मीदवारों को ही इसका लाभ मिले. लेकिन उनके इस संकेत से राजनीतिक विवाद छिड़ गया है. शिवसेना (UBT) और शरद पवार वाले NCP गुट ने महाराष्ट्र सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं. कहा है कि उन लोगों से पैसे वापस ना लिया जाए, जो मानदंड़ों पर खरे नहीं उतरते.

बताया जाता है कि लाडकी बहिन योजना के तहत अब तक 2.34 करोड़ महिलाओं को फ़ायदा मिला है. योजना के तहत हर परिवार की महिला मुखिया को प्रतिमाह 1500 रुपये दिया जाता है. इसने महाराष्ट्र चुनाव, 2024 में निर्णायक भूमिका निभाई थी. अब अलग-अलग अख़बारों ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस योजना की स्क्रूटनी होगी. ऐसा ही बयान महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने दिया.

हालांकि, उन्होंने साथ में जोड़ा कि सिर्फ़ फ़र्ज़ी लाभार्थियों से संबंधित शिकायतों का ही निपटारा किया जाएगा. लेकिन स्क्रूटनी की ख़बर पर विपक्षी नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा है. शिवसेना (UBT) के प्रवक्ता संजय राउत ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में कहा,

अब जब आपने वोट पाने के लिए नियमों का सख्ती से पालन किए बिना लाभार्थियों को पैसे दे दिए हैं, तो आपको पैसे वापस लेने का अधिकार नहीं है. सुनिश्चित हो कि सरकार नोटिस जारी न करे और महिलाओं को परेशान न करे. मुख्यमंत्री के बयान से संकेत मिलता है कि सरकार महिलाओं के ख़िलाफ़ अभियान चला सकती है.

संजय राउत ने आगे कहा,

चुनाव से पहले महायुति सरकार ने महिला वोटर्स को लुभाने के लिए हरसंभव कोशिश की. तब महिलाओं के डॉक्यूमेंट्स की जांच नहीं की गई कि वो पात्रता मानदंडों को पूरा करती हैं या नहीं. अब जब महायुति सरकार पैसे बांटकर सत्ता में आई है, तो सरकार को स्वार्थी तरीके से व्यवहार नहीं करना चाहिए.

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वहीं, NCP (शरद पवार) के प्रवक्ता महेश तपासे ने आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है,

अगर सरकार योजना को सख़्ती से लागू करने के नाम पर महिलाओं को किसी भी तरह से परेशान करती है, तो हम सड़क पर उतरेंगे. हम सरकार के ख़िलाफ़ आंदोलन शुरू करेंगे. उन्हें पहले ही ऐसा कर लेना चाहिए था, अब वे सुशासन का नाटक नहीं कर सकते.

महेश तपासे आगे कहते हैं,

जब योजना शुरू की गई, तो ये ग़रीब परिवारों की महिलाओं के लिए थी. लेकिन बाद में इसे संपन्न वर्ग की महिलाओं तक बढ़ा दिया. बिना डॉक्यूमेंट्स की जांच के, वोट पाने के इरादे से खुशी-खुशी मंजूरी दे दी. अब जब वोट मिल गया, तो उन्हें महिलाओं का अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है. 

बता दें कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली प्रेस कॉफ़्रेंस में फडणवीस ने कहा था कि लाडकी बहिन योजना जारी रहेगी. साथ ही उन्होंने वादे के मुताबिक राशि 2100 रुपये प्रति माह तक बढ़ाने की भी बात की थी. हालांकि, उन्होंने संकेत दिया कि आवेदनों की आगे भी जांच की जा सकती है. ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि सिर्फ़ योग्य उम्मीदवारों को ही योजना का लाभ मिले.

बताते चलें, सरकार बनने से पहले महायुति गठबंधन की पार्टियों ने लाडकी बहिन योजना के तहत मासिक भत्ता 1500 रुपये से बढ़ाकर 2100 रुपये करने की बात कही थी.

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