दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आम आदमी पार्टी (AAP) को सत्ता से बेदखल कर दिया है. राजधानी में BJP बहुमत के साथ सरकार बनाएगी. कांग्रेस का इस बार भी खाता नहीं खुला. इन सबके बीच असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) की भी चर्चा रही. हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने दिल्ली की दो विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे. ओखला से शिफा-उर रहमान और मुस्तफाबाद से ताहिर हुसैन ने ताल ठोकी. AIMIM दोनों में से कोई सीट भले ही न जीत सकी, लेकिन इसके प्रदर्शन ने अन्य पार्टियों के कान जरूर खड़े कर दिए हैं.
दिल्ली चुनाव: ओवैसी ने सिर्फ दो कैंडिडेट उतारे, दोनों हारे, फिर भी बाकी पार्टियों को डरना चाहिए
AIMIM के प्रदर्शन की बात करें तो ओखला से शिफा-उर रहमान और मुस्तफाबाद से ताहिर हुसैन ने कांग्रेस कैंडिडेट्स से बेहतर परफॉर्म किया है. ओखला से कांग्रेस ने पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान की बेटी अरीबा खान को टिकट दिया था, जबकि मुस्तफाबाद से कांग्रेस के अली मेहदी मैदान में थे.

आम आदमी पार्टी ओखला सीट बचाने में तो कामयाब रही, लेकिन मुस्तफाबाद सीट गंवा दी. ओखला से AAP विधायक अमानतुल्लाह खान चुनाव जीत गए हैं, जबकि मुस्तफाबाद से BJP के मोहन सिंह बिष्ट ने जीत का परचम लहराया. AIMIM इन दोनों सीटों पर तीसरे नंबर पर रही. 2020 में बिष्ट ने BJP के टिकट पर करावल नगर से जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें मुस्तफाबाद से चुनाव लड़ाया.
AIMIM के प्रदर्शन की बात करें तो ओखला से शिफा-उर रहमान और मुस्तफाबाद से ताहिर हुसैन ने कांग्रेस कैंडिडेट्स से बेहतर परफॉर्म किया है. ओखला से कांग्रेस ने पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान की बेटी अरीबा खान को टिकट दिया था, जबकि मुस्तफाबाद से कांग्रेस के अली मेहदी मैदान में थे.
असदुद्दीन ओवैसी के दोनों उम्मीदवार 2020 दिल्ली दंगों के आरोपी हैं. चुनाव कैंपेन करने के लिए दोनों को कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी. ओखला में असदुद्दीन ओवैसी ने अपने उम्मीदवारों के लिए रोड शो भी किया था, जिसका फायदा इस चुनाव में मिला है.
चुनाव आयोगी की वेबसाइट के मुताबिक, दिल्ली की महज दो सीटों पर चुनाव लड़ते हुए AIMIM को 0.77 फीसदी वोट शेयर के साथ कुल 73,032 वोट मिले. ओखला में शिफा-उर रहमान 39,558 वोट, और मुस्तफाबाद से ताहिर हुसैन 33,474 वोट हासिल करने में कामयाब रहे.
AIMIM के दोनों कैंडिडेट 30 हजार से ज्यादा वोट बटोरने में सफल रहे. कांग्रेस के लिए यह बड़ा सबक है, क्योंकि AIMIM जिन दो सीटों पर लड़ी वहां तीसरे नंबर पर रही. कांग्रेस खिसक कर चौथे नंबर पर आ गई. ओखला से कांग्रेस की अरीबा खान को मात्र 12,739 वोट मिले, जो AIMIM को मिले वोट का आधा भी नहीं है.
मुस्तफाबाद में भी यही हाल रहा. कांग्रेस के अली मेहदी को महज 11,763 वोट से संतोष करना पड़ा, जबकि AIMIM के ताहिर हुसैन को इसकी तुलना में दोगुने से भी ज्यादा वोट मिले. अगर इस सीट पर ताहिर न लड़ते तो 17,578 वोट से हारने वाले AAP के अदील अहमद चुनाव जीत सकते थे. उन्हें 67,637 वोट मिले हैं.
दिल्ली की 2 सीटों पर लड़ते हुए भी AIMIM का वोटिंग पर्सेंटेज शानदार रहा. वहीं, कांग्रेस को चौथे नंबर पर खिसकाते हुए ओवैसी ने दिखा दिया कि जीत न भी मिले, तो भी वे किसी भी पार्टी का खेल बना और बिगाड़ सकते हैं.
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