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बिलासपुर ट्रेन हादसा: दो साल का ऋषि मां-बाप के साथ गाड़ी में था, नहीं जानता अब अनाथ है

Chhattisgarh Train Crash: दो साल के ऋषि यादव की हादसे में मौत नहीं हुई. लेकिन इसे उसकी खुशकिस्मती नहीं कहा जा सकता. नन्हे ऋषि को तो ये तक नहीं पता कि उसे इस दुनिया में लाने वाले अब इस दुनिया में नहीं हैं.

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इस हादसे में 11 लोगों की जान चली गई थी. (फोटो- PTI)

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हुए रेल हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में अर्जुन यादव और उनकी पत्नी शिला भी शामिल हैं. शिला की मां मानवती भी इस हादसे में मारी गईं. हालांकि परिवार का एक सदस्य बच गया. दो साल के ऋषि यादव की हादसे में मौत नहीं हुई. लेकिन इसे उसकी खुशकिस्मती नहीं कहा जा सकता. नन्हे ऋषि को तो ये तक नहीं पता कि उसे इस दुनिया में लाने वाले अब इस दुनिया में नहीं हैं.

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हादसे से जुड़ी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की गईं तब जाकर ऋषि के परिवार के बाकी सदस्यों को इस त्रासदी का पता चला. उन्होंने बताया कि ऋषि के माता-पिता अर्जुन यादव और शिला, और नानी मानवती दुर्घटना में जान गंवाने वाले 11 लोगों में शामिल हैं. ऋषि घायल है. उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. 

द हिंदू ने ऋषि की बड़ी मां (ताई) अर्चना यादव से बात की. वो उसकी सीटी स्कैन रिपोर्ट का इंतजार कर रही थीं. इसी दौरान उन्होंने कहा,

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जिंदगी पल भर में बदल सकती है. मैंने दुर्घटना से एक घंटा पहले अर्जुन से बात की थी. वो अपने परिवार के साथ चांपा से लौट रहा था. जहां वो इलाज के लिए एक अस्पताल गया था. उसने मुझे बताया कि वो अब भी ट्रेन में है और बिलासपुर से बस कुछ ही किलोमीटर दूर है. हमें उम्मीद थी कि वो जल्द ही लौट आएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

अर्चना यादव ऋषि के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित दिखीं. उन्होंने बताया कि बच्चे के सिर और पैरों में चोटें आई हैं. कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि स्कैन रिपोर्ट में कोई बड़ी बात नहीं होगी.’ 

लेकिन अर्चना अपने भतीजे के पालन-पोषण को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने बताया कि अर्जुन ऑटोरिक्शा चलाते थे. अब उनकी मौत के बाद उनके बड़े भाई अजय पर और जिम्मेदारिया आ जाएंगी.

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हादसे के बाद पीड़ितों की दर्दभरी कहानियां लगातार सामने आ रही हैं. इनमें से एक कहानी राधिका की है. उनके पति झाडूराम ने बताया कि जब राधिका को पता चला कि उनकी मां गोदावरी की हादसे में मौत हो गई, तो वो बेहोश हो गईं. झाड़ूराम ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा,

हमने उसे उसकी चाची गोटीबाई की मौत के बारे में तो बताया. लेकिन उसकी मां के बारे में नहीं. हमने उसे बस इतना बताया कि उसकी मां का इलाज चल रहा है. लेकिन जब हम यहां (छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CIMS)) पहुंचे, तो पोस्टमॉर्टम केंद्र के एक अधिकारी ने गलती से मरने वालों के नाम बता दिए और राधिका को पता चल गया.

झाडूराम बताते हैं कि राधिका लगातार रो रही हैं और बार-बार बेहोश हो जा रही हैं.

हादसे के बाद रेलवे ने हर मृतक के परिवार वालों की मदद को 10-10 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने की घोषणा की है. वहीं राज्य सरकार ने 5 लाख रुपये देने का वादा किया है.

वीडियो: बिलासपुर ट्रेन दुर्घटना में अब तक 11 लोगों की मौत, शुरुआती जांच में क्या पता चला?

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