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दूसरी पत्नी बनने से मना किया तो रेप के बाद नाबालिग की हत्या कर दी, कोर्ट ने अब मौत की सजा दी है

CG Rape Case: छत्तीसगढ़ के कोरबा की जिला अदालत ने 5 लोगों को मौत की सजा सुनाई है. आदिवासी समुदाय की नाबालिग लड़की के रेप और हत्या की इस घटना को कोर्ट ने 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर' केस बताया है.

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पीड़िता ने अपराधी के साथ शादी करने से मना किया था. (आज तक इमेज)

छत्तीसगढ़ के कोरबा की एक जिला अदालत ने 5 लोगों को मौत की सजा सुनाई है. इन सभी को 14 साल की एक आदिवासी लड़की के रेप और हत्या का दोषी पाया गया है. दोष यह भी सिद्ध हुआ है कि इन लोगों ने नाबालिग के पिता और उसकी 4 साल की भतीजी की भी हत्या की थी.

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कोर्ट ने कहा कि यह बहुत ही घिनौनी हरकत है और इन अपराधियों का इसका अफसोस भी नहीं है. कोर्ट ने आगे कहा कि इस पूरे घटनाक्रम ने समाज की आत्मा को हिलाकर रख दिया है. मामले की सुनवाई कर रहीं एडिशनल सेशन जज ममता भोजवानी ने कहा,

आरोपियों की यह घिनौनी हरकत अश्लीलता, जघन्यता, निर्दयता, और कायरता से भरी है. उन्होंने अपनी वासना को संतुष्ट करने के लिए इन मासूम और कमजोर लोगों की हत्या की है. उनकी इस हरकत ने पूरे समाज को झकझोर दिया है. इसलिए उन्होंने कोर्ट के पास मौत की सजा सुनाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं छोड़ा है.

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बताते चलें कि पीडिता और उसका परिवार पहाड़ी कोरवा आदिवासी समुदाय का हिस्सा है. यह समुदाय विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) में आता है. इस पूरे घटनाक्रम के विरोध में छत्तीसगढ़ में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए थे.

कोर्ट ने पांचों आरोपियों को हत्या, गैंगरेप, और षड़यंत्र करने के लिए भारतीय दंड संहिता, SC/ST अधिनियम, और POCSO अधिनियम के तहत सजा सुनाई है. कोर्ट ने कहा है कि यह एक "रेयरेस्ट ऑफ रेयर" मामला है. इसलिए कोर्ट ने आरोपियों को कठोर से कठोर सजा देने का आदेश दिया है.  

स्पेशल पब्लिक प्रॉजीक्यूटर, सुनील कुमार मिश्रा ने द इंडियन एक्स्प्रेस को इस मामले के बारे में बताया. उन्होंने कहा है कि मामले में 6 आरोपियों को दोषी ठहराया गया था. लेकिन कोर्ट ने छठे अपराधी को मौत की सजा नहीं सुनाई है. क्योंकि उसके खिलाफ रेप से संबंधित सबूत नहीं पाए गए है. लेकिन, चूंकि वह इस घटना के षड़यंत्र में शामिल था, इसलिए कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा से नवाजा है.

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मामला क्या है?

सुनील कुमार के अनुसार यह घटना 29 जनवरी 2021 को घटित हुई थी. उस दिन नाबालिग पीड़िता अपने माता-पिता के साथ बस स्टैन्ड पर इंतज़ार कर रही थी. इन लोगों के साथ दो बच्चे और मौजूद थे. तभी इस मामले का मुख्य आरोपी, मंझवार , अपने साथियों के साथ वहां आया. पीड़िता के पिता और आरोपी एक दूसरे को जानते थे. पीड़िता के पिता आरोपी के यहां जानवरों को चराने का काम कर चुके थे.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी ने पीड़िता और उसके साथ मौजूद लोगों को बाइक पर बिठाकर घर छोड़ने की बात कही. पीड़िता और परिवार वाले उसकी बात मान गए.

नाबालिग लड़की और उसके घरवालों को दो बाइक पर ले जाया गया. एक बाइक पर पीड़िता, उसके पिता और उसकी एक 4 साल की भतीजी बैठे थे. और दूसरी बाइक पर पीड़िता की मां और उनका एक पोता/पोती बैठे थे. पीड़िता की मा और उनके पोता/पोती को कुछ दूर छोड़ दिया गया, और उस बाइक पर सवार आरोपी दूसरी बाइक के साथ चलने लगा. 

रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपी पीड़िता, उसके पिता और उस 4 साल की भतीजी को उनके घर ले जाने की जगह, एक दूसरे गांव, कोरई, ले गए. वहां जाकर आरोपियों ने शराब पी. फिर आरोपी के बाकी साथी भी वहां पहुंचेे. मंझवार नाबालिग पीड़िता को अपनी दूसरी बीवी बनाना चाहता था. पीड़िता और उसके घरवालों ने ऐसा करने से मना कर दिया था. इसके बाद मंझवार और उसके पांचों साथियों ने पिता की मौजूदगी में नाबालिग पीड़िता का गैंगरेप किया. 

इसके बाद आरोपियों ने पीड़िता, उसके पिता और उसकी चार साल की भतीजी को बेरहमी से पत्थर से मारा. उन तीनों को मृत समझकर वो उन्हें जंगलों में फेंक आए. 4 दिन बाद पीड़िता के घरवालों ने पुलिस में FIR दर्ज कराई थी. पुलिस ने जांच शुरू की और 2 फरवरी को सभी 6 आरोपियों को घेर लिया था. उनसे पूछताछ करने पर पुलिस को घटनास्थल का पता मिला. वहां पुलिस ने पीड़िता के पिता और उस 4 साल की बच्ची को मृत पाया. वहीं, जब पुलिस ने पीड़िता को ढूंढा, तब वह जीवित थी. लेकिन अस्पताल ले जाते वक्त उसकी भी मौत हो गई.

(ये स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहीं मेघा ने लिखी है)

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