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साल में दो बार होगी 10वीं की परीक्षा? नए ड्राफ्ट से छात्रों को क्या फायदा होगा?

CBSE Board के अधिकारियों ने बताया कि इससे उन छात्रों को विशेष लाभ मिलेगा जो एग्जाम के टेंशन या किसी अन्य व्यक्तिगत कारणों (जैसे बीमारी आदि) के कारण एक बार में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे. कई बार परीक्षा देने से सभी पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए समान अवसर मिलेंगे.

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अब से साल में दो बार होंगे दसवीं कक्षा के एक्जाम (तस्वीर : इंडिया टुडे)

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) 10वीं कक्षा का एग्जाम साल में दो बार कराने की तैयारी में है. इससे जुड़ा ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. अगर योजना लागू हुई तो इससे छात्र साल में दो बार परीक्षा दे सकेंगे. साथ ही उन्हें दोनों एग्जाम में से अपना बेस्ट स्कोर चुनने का मौका मिलेगा. इस नई परीक्षा व्यवस्था को साल 2026 से लागू किया जा सकता है. नए नियमों को नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (2020) के मुताबिक बनाया गया है. कहा जा रहा है कि इससे एग्जाम ज्यादा 'फ्लेक्सिबल' बनेंगे.

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इंडिया टुडे में छपी खबर के मुताबिक, हाल में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के नेतृत्व में शिक्षा मंत्रालय ने CBSE, ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT), केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और नवोदय विद्यालय समिति (NVS) के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. इसी में नई स्कीम के ड्राफ्ट को हरी झंडी दी गई. अब इस ड्राफ्ट को 24 फरवरी तक लोगों से सुझावों के लिए जारी किया जाएगा. 

साल में दो बार 10वीं की परीक्षा

नए ड्राफ्ट को लेकर शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों की राय सामने आई. एक अधिकारी ने बताया कि नई प्रणाली से छात्रों को केवल एक ही परीक्षा में अच्छे नंबर लाने के प्रेशर से छुटकारा मिलेगा. इससे उनकी परफॉर्मेंस सुधरेगी और वे बिना किसी अतिरिक्त तनाव के परीक्षा दे सकेंगे.

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एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इससे उन छात्रों को विशेष लाभ मिलेगा जो एग्जाम की टेंशन या अन्य व्यक्तिगत कारणों (जैसे बीमारी आदि) के चलते एक बार में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे. अधिकारियों का तर्क है कि एक से ज्यादा बार परीक्षा देने से सभी पृष्ठभूमि के छात्रों को ‘समान अवसर’ मिलेंगे.

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अधिकारियों ने बताया कि CBSE की नई प्रणाली पारंपरिक परीक्षा पद्धति की जगह Competency-Based Evaluations (स्किल आधारित मूल्यांकन) को महत्व देगी. इससे छात्र केवल रटने के बजाय व्यावहारिक ज्ञान और सेल्फ इंप्रूवमेंट पर फोकस कर सकेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक इस बदलाव को लेकर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की भी राय सामने आई. उन्होंने कहा, “परीक्षा प्रणाली में सुधार और बदलाव छात्रों के लिए तनाव-मुक्त शिक्षा को सुनिश्चित करेंगे. यह सुधार परीक्षा से जुड़ी चिंताओं को कम करेगा और अधिक संतुलित मूल्यांकन प्रणाली प्रदान करेगा.”

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नए इवेलुएशन सिस्टम को सहज रूप से लागू करने के लिए CBSE शिक्षकों की ट्रेनिंग को भी तेज कर रहा है. इसके अलावा, बोर्ड साल 2026-27 से विदेशी स्कूलों के लिए अपना CBSE Global Curriculum भी शुरू करने जा रहा है.

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