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400 किलो गोल्ड, अरबों में कीमत... कनाडा की सबसे बड़ी लूट का आरोपी भारत में रह रहा है

Canada Simran Preet Panesar: डकैती के समय सिमरन प्रीत पनेसर एयर कनाडा में मैनेजर का काम करता था. घटना के तुरंत बाद उसने कनाडा छोड़ दिया. वर्तमान में वो अपनी पत्नी के साथ चंडीगढ़ में सामान्य जीवन जी रहा है.

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सिमरन प्रीत पनेसर. (फाइल फोटो: एजेंसी)

कनाडा के इतिहास में आज तक की सबसे बड़ी लूट का एक संदिग्ध भारत में रह रहा है. 32 साल का सिमरन प्रीत पनेसर (Simran Preet Panesar), कनाडा की वांटेड लिस्ट में है. वो एयर कनाडा कंपनी में मैनेजर रह चुका है. पनेसर 20 मिलियन डॉलर (लगभग 173 करोड़) से ज्यादा की सोने की लूट के मामले में संदिग्ध है. रिपोर्ट है कि वो चंडीगढ़ के बाहरी इलाके में रह रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस ने ‘सीबीसी न्यूज: द फिफ्थ एस्टेट’ के साथ मिलकर इस मामले को रिपोर्ट किया है. मीडिया संस्थानों ने पनेसर का पता लगाया. वो अपनी पत्नी प्रीति पनेसर के साथ किराए के एक मकान में रह रहा है. प्रीति पनेसर ‘मिस इंडिया युगांडा’ रह चुकी हैं. वो सिंगिंग और एक्टिंग के पेशे से जुड़ी हैं. ऐसा माना जाता है कि प्रीति इस डकैती में शामिल नहीं थीं. सिमरन प्रीत पनेसर की लीगल टीम कनाडा में ये केस लड़ रही है. 

400 किलो सोने की लूट

साल 2023 का अप्रैल महीना था. कनाडा के पियर्सन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख से आई एक फ्लाइट ने लैंड किया. इस फ्लाइट से 400 किलो शुद्ध सोने की 6600 ईंटें और लगभग 2.5 मिलियन डॉलर (21 करोड़ से ज्यादा) की फॉरेन करेंसी लाई गई थी. इसे एयरपोर्ट के कार्गो कंपाउंड में रखा गया था. फ्लाइट लैंड करने के कुछ समय बाद ही पता चला कि सोना और फॉरेन करेंसी वहां से गायब थी.

वर्तमान में सिमरन प्रीत पनेसर और उसकी पत्नी भारत में एक सामान्य जीवन जी रहे हैं. दूसरी तरफ कनाडाई अधिकारी सिमरन को तलाश कर रहे हैं और उसके आत्मसमर्पण का इंतजार कर रहे हैं. 

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संदिग्ध और पत्रकार की मुलाकात

इंडियन एक्सप्रेस ने पनेसर से उसके घर पर मुलाकात की. उसने कानूनी कारणों का हवाला देते हुए ‘ऑन रिकॉर्ड’ बात करने से इनकार कर दिया. उसके एक पड़ोसी ने बताया कि उन्हें पता चला कि पनेसर कनाडा में पैसों के किसी विवाद में उलझा है. लेकिन उनसे बताया गया कि ये मामला खत्म हो चुका है.

डकैती के समय संदिग्ध पनेसर, ओंटारियो के ब्रैम्पटन में था. शुरुआत में पुलिस को उस पर संदेह नहीं था. पनेसर ही पुलिस को उस कार्गो तक लेकर गया और वो जगह दिखाई जहां डकैती हुई थी. पुलिस को संदेह तब हुआ जब इसके तुरंत बाद वो कनाडा से बाहर चला गया. जांच अधिकारियों को उसके नए ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली, और इस तरह वो भारत आ गया.

जून 2024 में उसके वकीलों ने कोर्ट में बयान दिया कि पनेसर आत्मसमर्पण करने वाले हैं. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. उसके वकीलों ने इस मामले पर पूछे गए एक्सप्रेस के सवालों का जवाब नहीं दिया.

क्षेत्रीय पुलिस के मुताबिक, इस मामले में पनेसर समेत कुल नौ संदिग्ध शामिल थे. परमपाल सिद्धू नाम के अन्य कर्मचारी पर भी आरोप लगे. पुलिस का कहना है कि ये दोनों डकैती के समय एयर कनाडा में काम कर रहे थे और इस डकैती में भी शामिल थे. क्योंकि इन दोनों ने डैकेतों को एयरपोर्ट के भीतर की जानकारी दी.

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