“मैंने इस आरोप, POCSO (नाबालिग के साथ यौन शोषण) को कभी कलंक माना ही नहीं , क्योंकि मुझे मालूम था कि ये झूठ है इस तरह की घटनाओं को अपने आप से समझने में 1 मिनट से ज्यादा का वक्त नहीं लगेगा कि आप से कहां गलती हुई.”
कोर्ट से बरी होने के बाद बोले बृजभूषण, 'मैंने कभी POCSO को कलंक नहीं माना'
आरोप लगने के बाद बृज भूषण शरण सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि उन पर लगे आरोप झूठे हैं. अगर इन आरोपों में रत्ती मात्र भी सच्चाई होगी वो खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेंगे.

ये शब्द हैं कैसरगंज से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद बृज भूषण शरण सिंह के. POCSO के मामले में बरी होने के बाद पहली बार बृज भूषण शरण सिंह ने आजतक से बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आरोपों की जानकारी मिलने के बाद ही से वे इसे सिरे से खारिज करते आए हैं.
फांसी पर लटक जाऊंगाआरोप लगने के बाद बृज भूषण शरण सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि उन पर लगे आरोप झूठे हैं. अगर इन आरोपों में रत्ती मात्र भी सच्चाई होगी वो खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेंगे. बृज भूषण शरण सिंह ने कहा,
आज एक लंबी प्रक्रिया के बाद, ढाई साल के बाद यह खत्म हुआ है, लेकिन मैं बहुत खुश हो गया हूं ऐसी बात नहीं है, मैं किसी भी स्थिति में ना ज्यादा खुश ना ज्यादा दुखी होता हूं. हां, मेरे समर्थक खुश जरूर हैं. मेरे मामले में कोर्ट ने आरोप लगाने वाली लड़की और उसके परिवार को भी बहुत लंबा मौका दिया और मौका मिलना भी चाहिए था क्योंकि यह एक संवेदनशील मामला था. क्लोजर रिपोर्ट पुलिस के लगाने के बाद अदालत ने उसे लड़की के परिवार को कई बार बुलाकर पूछा और अभी फैसला देने के पहले भी आखिरी बार अदालत ने उस लड़की और उसके परिवार को मौका दिया कि अगर अभी भी कुछ कहना है तो आप बताओ.
कुमार अभिषेक ने बृज भूषण शरण सिंह से पूछा कि क्या अपने ऊपर लगे आरोपों को वो बोझ मानते थे? इस पर बृज भूषण शरण सिंह कहते हैं,
देखिए कलंक और बोझ जैसी बात नहीं है. मैं थोड़ा पढ़ता-लिखता हूं. कौन ऐसा है जिसने ठोकर नहीं खाई हो? कौन बचा है? जो व्यक्ति समाज के लिए और लोगों के लिए अलग होकर चलेगा तो उसपर यह आरोप लगेंगे. क्या आप मानेंगे कि शिवाजी के पुत्र संभाजी पर भी यह आरोप लगे थे. ऐसे षड्यंत्र आज से नहीं सदियों से हो रहे हैं. संभाजी पर जब आरोप लगा तो शिवाजी ने उनका परित्याग कर दिया था.
बृज भूषण शरण सिंह पर लगे मुकदमों को लेकर भी सवाल पूछे गए. इस पर वो कहते हैं,
मेरे ऊपर मेरे ही घर को गिराने का मुकदमा है. 307 भी लगा है. कई तरह के मुकदमे और आरोप लगे लेकिन यही चीजें मुझे ताकत देती हैं. मेरे ऊपर हनुमान जी का बड़ा आशीर्वाद है कि जब-जब मेरे ऊपर ऐसे आरोप लगे तो मेरा ही फायदा हुआ जब 1993 में टाडा लगा तो मेरी पत्नी सांसद हो गईं. जब POCSO लगा तो मेरा बेटा सांसद हो गया. मैं अब इसको दूसरे तरीके से देखता हूं कि यह मेरे बेटे की किस्मत में था. मैं तो सांसद की सीट छोड़ने वाला तो था नहीं. ना मेरा मूड था सांसदी छोड़ने का, न मेरी जनता का मूड था.
बृज भूषण शरण सिंह आगे कहते हैं,
मैं इस बात को विश्वास के साथ कह सकता हूं सिर्फ कैसरगंज नहीं, आसपास की तमाम सीटों पर अगर आप सर्वे कर लें. आसपास की सभी 8 सीटों को आप देख ले तो सब की पहली पसंद मैं हूं. आगे मैं चुनाव लड़ूं या नहीं, ये तो पार्टी तय करेगी. लेकिन आप किसी से पूछिए आगे, पीछे, दाएं बाएं, इधर-उधर सब की पसंद मैं हूं. आप यह पूछिए कि किसको मौका दिया जाए सांसद बनने का तो सभी कहेंगे बृजभूषण सिंह.
कुमार अभिषेक ने बृज भूषण शरण सिंह से पूछा कि उनके बेटे अब सांसद हैं. वो भी लोकप्रिय हो रहे हैं. इसको कैसे देखते हैं? इस पर बृज भूषण शरण सिंह कहते हैं,
बेटा मेरा सांसद है. मेरी कोई दुर्भावना नहीं है. लेकिन आप एक लोकसभा नहीं, आसपास की सभी आठ लोकसभा में पता करें तो मैं सबसे पॉपुलर हूं. बेटे से भी ज्यादा पॉपुलर हूं.
SC/ST एक्ट, दहेज उत्पीड़न एक्ट और यौन शोषण पर बने कानूनों को सवाल पर बृज भूषण शरण सिंह कहते हैं,
अकेले मैं ही नहीं बहुत सारे लोग SC/ST एक्ट, दहेज उत्पीड़न एक्ट, यौन शोषण जैसे झूठे आरोपों से पीड़ित हैं. लेकिन मैं अपने अनुभव से यह कह सकता हूं कि अब ऐसे कानून की समीक्षा की जानी चाहिए. मैं यह नहीं कहता कि यह कानून खत्म हो लेकिन इसकी समीक्षा जरूर हो.
लव जिहाद को लेकर पूछे गए सवाल पर बृज भूषण शरण सिंह कहते हैं कि जब लोग आपस में मिलकर संबंध बनाते हैं, वो बालिग़ होते हैं पढ़े लिखे होते हैं, लेकिन संबंध टूटने पर इस तरह के आरोपों में फंसाए जाते हैं तो यह नहीं होना चाहिए. ये कानून बच्चियों के संरक्षण के लिए बनाए गए थे. लेकिन अब इसका इस्तेमाल देश भर में हथियार के तौर पर किया जा रहा है.
बृज भूषण शरण सिंह कहते हैं कि पहलवानों के सारे आरोपों के जवाब उनके पास है. बृज भूषण कहते हैं कि उन्होंने एक-एक टाइम, जब जब आरोप लगा है, सबके सबूत के साथ अदालत में जमा कर रखे हैं. जो-जो टाइम पहलवानों ने बताया है, तब तब वो विदेश में पत्रकारों के साथ थे. वो कहते हैं-
यह साफ हो गया कि मेरे खिलाफ साजिश की गई और साजिश करने वालों में मुख्य भूमिका दीपेंद्र हुड्डा और भूपेंद्र हुड्डा की थी. यह सब पहलवानों के कुश्ती संघ पर कब्जा चाहते थे. बाद में किसान नेता जुड़ गए, कनाडा वाले जुड़ गए, आम आदमी पार्टी जुड़ गई, कांग्रेस के नेता जुड़ गए. लेकिन, उत्तर प्रदेश और बिहार के बड़े नेता और पार्टियां मेरे साथ थीं.
जब बृज भूषण शरण सिंह से पूछा गया कि अखिलेश यादव और लालू यादव का उनके मामले पर क्या रिएक्शन था? इस पर बृज भूषण शरण सिंह ने कहा,
राजनीतिक संबंधों का फायदाआपने दो नाम लिए अखिलेश यादव और लालू यादव. आपको मालूम है की सबसे ज्यादा यादव परिवार के बच्चे ही रेसलिंग में हैं. पहलवानी में हैं तो मुझसे मुलाकात हमेशा होती रहती है. उनसे हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं. मैं समाजवादी पार्टी में भी रहा हूं. अखिलेश जी मेरे साथ सांसद रहे हैं. अखिलेश जी से मेरा बहुत नजदीकी रिश्ता है. आज भी वह मेरा सम्मान करते हैं, मैं भी उनका सम्मान करता हूं. कम से कम वो सभी मुझको जानते हैं कि मैं क्या हूं.
कुश्ती संघ की अध्यक्षता के सवाल पर बृज भूषण शरण सिंह कहते हैं कि 12 साल रहने के बाद अब मैं दोबारा भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष तो नहीं हो सकता लेकिन आज भी यह संघ मेरा ही है. वो कहते हैं कि उनका बेटा यूपी के कुश्ती संघ का अध्यक्ष है. भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष उनके करीबी हैं. 40 साल से वो उन्हें जानते हैं. वो कहते हैं कि कुश्ती और संघ से उनका रिश्ता कभी खत्म हो ही नहीं सकता. बृज भूषण शरण सिंह अपने आप को शुद्ध ‘मनुवादी’ और सनातनी आदमी बताते हैं. वो कहते हैं कि मैं पहले से ज्यादा सक्रिय हूं और कर्म कर रहा हूं.
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