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'जीत के जबड़े से हार लेकर आया है भारत... ' सीजफायर पर बोले एक्सपर्ट ब्रह्म चेलानी

Brahma Chellaney ने Ceasefire के लिए राजी होने के भारत के फैसले की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि ये फैसला जीत के मुंह से हार छीनने के भारत के दीर्घकालिक राजनीतिक स्टैंड को दिखाता है. ये भी कहा कि भारत ने इतिहास से सबक नहीं लिया. और क्या बोले ब्रह्मा चेलानी?

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ब्रह्मा चेलानी ने सीजफायर को लेकर भारत सरकार की आलोचना की है. (इंडिया टुडे)

भारत-पाकिस्तान (India Pakistan Ceasefire) के बीच अचानक हुए सीजफायर को लेकर जियो पॉलिटिकल एक्सपर्ट ब्रह्मा चेलानी (Geo Political expert Brahma Chellaney) की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि ‘भारत ने जीत के मुंह से हार छीन ली है.’

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ब्रह्मा चेलानी ने सीजफायर को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि भारत इतिहास से सीखने में विफल रहा है. और केवल पिछली रणनीतिक गलतियों को दोहरा रहा है. इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए चेलानी ने कहा, 

सैन्य गतिविधि भारत के पक्ष में थी. पाकिस्तान का एयर डिफेंस उनके उम्मीद से कहीं ज्यादा कमजोर साबित हुआ. वे भारत में बहुत सारे ड्रोन और मिसाइल भेज रहे थे. लेकिन वो प्रभावी साबित नहीं हुए. दूसरी तरफ भारत ने सीमित संख्या में मिसाइल और ड्रोन भेजे. और अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम रहा.

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सैन्य दृष्टि से स्पष्ट बढ़त हासिल करने के बावजूद तनाव कम करने के भारत के फैसले पर ब्रह्मा चेलानी ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने इस फैसले पर आश्चर्य जताते हुए कहा, 

ये फैसला जीत के मुंह से हार छीनने के भारत के दीर्घकालिक राजनीतिक स्टैंड को दिखाता है. यह एक पैटर्न सा बन गया है. हम इतिहास से कभी नहीं सीखते. इसलिए इतिहास खुद को दोहराता है.

ब्रह्मा चेलानी ने मौजूदा स्थिति की तुलना अतीत की उन घटनाओं से की, जहां उनके हिसाब से भारत अपनी सैन्य या कूटनीतिक बढ़त का लाभ नहीं उठा पाया. उनके मुताबिक, 

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1972 में हमने पाकिस्तान से कुछ हासिल किए बिना युद्ध में हासिल उपलब्धियों को बातचीत की मेज पर गंवा दिया. साल 2021 में हमने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कैलाश हाइट्स को खाली कर सौदेबाजी का एकमात्र हथियार गंवा दिया. और फिर लद्दाख क्षेत्र में चीन के बनाए बफर जोन पर सहमत हो गए.

ब्रह्मा चेलानी ने आगे कहा, 

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की 26 महिलाओं के पतियों की हत्या का बदला लेने का एक शक्तिशाली प्रतीक था. लेकिन पाकिस्तान द्वारा दिल्ली पर मिसाइल दागे जाने के बावजूद हमने जिस तरह से इस ऑपरेशन को खत्म किया. उससे कई सवालों के जवाब मिलने को रह गए. 

जियोपॉलिटिकल एक्सपर्ट का मानना है कि भारत के इस निर्णय को इतिहास में अच्छी तरह से नहीं देखा जाएगा. यह एक रणनीतिक और प्रतीकात्मक चूक है, जो जवाब से अधिक सवाल उठाती है.

बता दें कि भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर लागू होने की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) ने भारत के DGMO को फोन किया. और उनके बीच यह सहमति बनी कि 10 मई की शाम 5 बजे से जमीन, हवा, और समुद्र में सभी तरह की गोलाबारी और सैन्य कार्रवाई बंद कर देंगे. 

वीडियो: 'सीजफायर पर पाकिस्तान का भरोसा नहीं', पूंछ के लोगों ने क्या बताया?

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