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दिल्ली में तेजस्वी और कांग्रेस के बीच बातचीत कहां अटकी? महागठबंधन में नहीं बंट पा रही सीटें

Bihar Election: दिल्ली में सीट बंटवारे पर Tejashwi Yadav और Congress नेताओं ने जमकर नूराकुश्ती चली. लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला.

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बिहार में RJD और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर बात नहीं बनी. (PTI)
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मौसमी सिंह

बिहार में सीट बंटवारे पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) एक कदम आगे चल रहा है. NDA की पार्टियां उम्मीदवारों को सिंबल बांट रही हैं, पर महागठबंधन अभी तक सीटों का बंटवारा तक नहीं कर पाया है. गठबंधन की खींचतान यहां तक पहुंच चुकी है कि कांग्रेस ने सीट बंटवारे से पहले ही कह दिया कि उसने अपने हिस्से की सीटों पर उम्मीदवारों ने नाम फाइनल कर लिए हैं.

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बिहार कांग्रेस अध्यक्ष और कुटुंबा विधायक राजेश राम ने मंगलवार, 14 अक्टूबर को बताया कि दिल्ली में कांग्रेस की केद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक हुई. इसमें कुछ उम्मीदवार फाइनल हुए हैं. उन्होंने बताया कि कांग्रेस की मजबूत पकड़ वाली सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लग गई है.

राजेश राम ने साफ किया कि कांग्रेस के हिस्से वाली सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय किए गए हैं. हालांकि, कांग्रेस ने सीटों की संख्या नहीं बताई. इस बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल शामिल थे.

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लेकिन, 13 अक्टूबर की रात जो ड्रामा राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में टिकट सिंबल बांटने पर हुआ, उससे यह साफ होता दिख रहा है कि महागठबंधन में सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है. 12 अक्टूबर को RJD चीफ लालू प्रसाद यादव बेटे तेजस्वी यादव के साथ दिल्ली पहुंचे. 13 अक्टूबर को राउज एवेन्यू कोर्ट में IRCTC घोटाला मामले में उनकी पेश हुई. लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ कोर्ट ने आरोप तय कर दिए. इसके बाद लालू प्रसाद पटना लौट आए.

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13 अक्टूबर की रात राबड़ी देवी के पटना स्थित सरकारी आवास पर तगड़ा पॉलिटिकल ड्रामा हुआ. इंडिया टुडे से जुड़ीं मौसमी सिंह और शशि भूषण की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि लालू प्रसाद यादव ने RJD के कुछ नेताओं को टिकट बांट दिए. यह तब हुआ जब तेजस्वी दिल्ली में कांग्रेस के साथ टिकट बंटवारे पर माथापच्ची कर रहे थे. वो इस बात से बेखबर थे.

तेजस्वी पटना लौटे तो RJD उम्मीदवारों को पार्टी सिंबल दिए जाने का पता चला. कांग्रेस ने इसे लेकर तेजस्वी के सामने नाराजगी जाहिर की. रिपोर्ट के मुताबिक, तेजस्वी ने उसी रात RJD नेताओं को राबड़ी देवी के घर बुलाया और दिए गए पार्टी सिंबल वापस ले लिए.

इससे पहले 13 अक्टूबर को नई दिल्ली में सीट बंटवारे पर तेजस्वी और कांग्रेस नेताओं के बीच जमकर नूराकुश्ती हुई. लेकिन नतीजा सिफर. सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी ने कांग्रेस टीम से बोल दिया कि मौजूदा हालात में ‘गठबंधन आगे नहीं बढ़ सकता.’

कांग्रेस ने 61 से 63 सीटों पर लड़ने के इरादे पर ज़ोर दिया. कांग्रेस ने सीटों का ऐसा आंकड़ा कबूल करने से इनकार कर दिया, जिससे उसकी चुनावी सफलता की संभावना कम हो सकती है. कांग्रेस नरकटियागंज और वारिसलीगंज के साथ-साथ कहलगांव जैसी सीटों पर अपना दबदबा बनाए रखने पर अड़ी है.

2020 में कांग्रेस इन तीनों सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी. चैनपुर और बछवाड़ा पर भी चर्चा हुई, लेकिन इन दोनों सीटों पर कम विवाद माना जा रहा है. RJD ने कांग्रेस की 61 सीटों की मांग को पूरा करने पर रजामंदी जताई, लेकिन इन खास सीटों पर बात नहीं बनी.

तेजस्वी यादव ने दिल्ली की बैठक यह कहते हुए छोड़ दी कि अब वे 'देखेंगे और जवाब देंगे.' तेजस्वी फिर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मिले बिना ही पटना के लिए रवाना हो गए. RJD के साथ मोलभाव में जुटी कांग्रेस की टीम को राहुल गांधी से सीधा संदेश मिला है- 'अच्छा खेलें और कड़ी सौदेबाजी करें.'

कांग्रेस नेताओं को निर्देश दिया गया है कि वे कांग्रेस की उन पारंपरिक सीटों को ना छोड़ें जहां पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, उन्होंने संकेत दिया कि सीटों की कुल संख्या कम महत्वपूर्ण है. इस बात पर खासा जोर रहे कि कांग्रेस के खाते में ऐसी सीटों का दबदबा ना रहे, जहां जीतने की संभावना बहुत कम हो.

कांग्रेस नेता मनमाफिक सीटें हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल से विवादित सीटों पर हस्तक्षेप करने की मांग की. हालांकि, खरगे ने राज्य के नेताओं को तेजस्वी यादव से सीधे संपर्क करने और मंगलवार, 14 अक्टूबर तक सीट बंटवारे के मुद्दे को सुलझाने की सलाह दी.

सीट शेयरिंग के भंवर में लेफ्ट पार्टियां भी फंसी हैं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) - CPI (ML) ने तो 14 अक्टूबर को 18 उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी कर दी. लेकिन पार्टी ने महागठबंधन में सीटों पर चल रही सौदेबाजी का हवाला देकर इस लिस्ट को वापस ले लिया.

CPI (ML) के सीनियर नेताओं का कहना है कि सीटों पर अभी बातचीत जारी है. जब बात बन जाएगी, तब नए सिरे से लिस्ट जारी की जाएगी. उधर, विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के मुखिया मुकेश सहनी ने 12 अक्टूबर को कहा था कि महागठबंधन का इलाज तो दिल्ली में ही होगा. लेकिन सीट बंटवारे पर महागठबंधन में अब तक कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है. अब देखना होगा कि महागठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच सीट बंटवारे का ऐलान कब होता है.

2020 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा और 19 सीटें जीतीं, जबकि RJD 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के चुनाव 6 और 11 नवंबर को होने हैं, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी.

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