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UPSC ड्रीम के आड़े आ रहा था पिता, बेटी ने ऐसा स्टेप लिया परिवार, पुलिस, अदालत सब हिल गए

साक्षी ने 12वीं कक्षा में 92% अंक हासिल कर अपने स्कूल में टॉप किया था. लेकिन परिवार चाहता था कि साक्षी पढ़ाई की बजाय उनकी पसंद से शादी कर ले.

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भोपाल की ACP बिट्टू शर्मा ने मामले की जानकारी दी. (फोटो- आजतक)

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक लड़की ने 12वीं में टॉप किया. लेकिन जनवरी, 2025 आते-आते उसने अपना घर छोड़ दिया. वजह, उसे IAS बनना था. लेकिन उसके परिवार वाले कथित तौर पर उसकी शादी कर देना चाहते थे. लड़की के लापता होने के बाद घरवालों ने खोजबीन शुरू की. जब वो फिर भी नहीं मिली, तो उसका पिता राज्य के हाई कोर्ट पहुंचा. इसके बाद, अब जाकर उस लड़की का पता चल पाया है.

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मामला भोपाल के बजरिया थाना क्षेत्र का है. यहां की रहने वाली साक्षी ने 12वीं कक्षा में 92% अंक हासिल कर अपने स्कूल में टॉप किया था. लेकिन परिवार चाहता था कि साक्षी पढ़ाई की बजाय, उनकी पसंद से शादी करे. आजतक से जुड़े रवीश पाल सिंह और धर्मेंद्र साहू की खबर के मुताबिक, शुरुआत में तो साक्षी ने परिवार वालों को खूब मनाने की कोशिश की. लेकिन वे फिर भी नहीं माने और साक्षी की शादी के लिए अड़े रहे.

ऐसे में इसी साल जनवरी में साक्षी को अपना घर छोड़कर निकलना पड़ा. उसके परिवार वालों ने अपने स्तर पर उसे ढूंढने की कोशिश की. लेकिन जब ये कोशिश सफल नहीं हो सकी, तो साक्षी के पिता ने उसकी गुमशुदगी को लेकर हाई कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर कर दी. बता दें कि ये याचिका स्वीकार होने पर किसी व्यक्ति को कोर्ट के सामने हाजिर करना ही होता है.

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कोर्ट ने पुलिस को साक्षी की तलाश करने के आदेश दिए. इसके बाद, पुलिस ने तफ्तीश शुरू कर दी. भोपाल की असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर (ACP) बिट्टू शर्मा ने आजतक को बताया कि तफ्तीश के दौरान पुलिस को साक्षी के दोस्तों के पास से एक नोट मिला. इसपर लिखा था- ‘2030 में IAS बनकर घर लौटूंगी.’

पुलिस ने इसके बाद जांच का दायरा बढ़ाया और देशभर के कोचिंग सेंटर, कॉलेज और लाइब्रेरी खंगाले. मामले में नया मोड़ तब आया, जब कुछ दिन पहले साक्षी ने अपना आधार अपडेट किया. इससे ये तो मालूम हुआ ही कि अब वो बालिग हो चुकी थी. साथ ही, पुलिस ने साक्षी की लोकेशन ट्रेस कर ली जो इंदौर की थी.

इसके बाद, पुलिस की एक टीम तुरंत इंदौर पहुंची और साक्षी को ढूंढ निकाला. इस दौरान, साक्षी ने बताया कि घर से बाहर रहने के दौरान वो पहले ललितपुर में रही. बाद में इंदौर आ गई. यहां उसने 18 हजार रुपये महीना की नौकरी शुरु कर दी और किराए के रूम में रहने लगी.

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चूंकि मामला हैबियस कॉर्पस के जरिये हाई कोर्ट में आया था, लिहाजा पुलिस ने साक्षी को जज के सामने पेश किया. दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, पिता ने कोर्ट के सामने अपनी बेटी को प्रताड़ित न करने का भरोसा दिया और उसे घर भेजने का आग्रह किया. ऐसे में चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा की अध्यक्षता वाली कोर्ट ने उसे 4-5 दिन पिता के साथ रहने की सलाह दी.

कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर सब कुछ ठीक रहता है, तो ठीक है. वर्ना पढ़ाई और रहने की व्यवस्था प्रशासन करवाएगा. अगली सुनवाई बुधवार, 12 नवंबर को तय की गई है.

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