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7 इंजीनियर सस्पेंड, कंपनी ब्लैकलिस्ट... भोपाल के 90 डिग्री वाले ब्रिज को लेकर बड़ी कार्रवाई

Bhopal 90-degree turn bridge: भोपाल के ऐशबाग इलाके में 648 मीटर लंबा रेल ओवरब्रिज (ROB) बनाने में 18 करोड़ रुपये की लागत आई थी. बीते दिनों सोशल मीडिया पर ये ब्रिज चर्चा में रहा. अब सूबे के मुख्यमंत्री Mohan Yadav ने इस मामले में कार्रवाई की है.

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भोपाल के 90 डिग्री वाले ब्रिज के मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. (फ़ोटो- आजतक)

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 90 डिग्री मोड़ वाले ब्रिज को लेकर बड़ी कार्रवाई हुई है. मध्य प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग (PWD) के आठ इंजीनियर्स के ख़िलाफ़ कार्रवाई की है. सात इंजीनियर्स को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है, जिनमें दो मुख्य इंजीनियर शामिल हैं. वहीं, एक रिटायर्ड सीनियर इंजीनियर के ख़िलाफ़ विभागीय जांच की जाएगी.

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कार्रवाई की जानकारी देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर एक पोस्ट किया. उन्होंने बताया कि ऐशबाद रेलवे ओवरब्रिज (ROB) के निर्माण में गंभीर लापरवाही हुई थी. जिस पर संज्ञान लेते हुए उन्होंने जांच के आदेश दिए थे. इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने कार्रवाई की है. मोहन यादव ने अपने X पोस्ट में आगे लिखा,

ब्रिज को बनाने वाली एजेंसी और डिजाइन कंसल्टेंट को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है. ROB में ज़रूरी सुधार करने के लिए एक समिति गठित की गई है. सुधार के बाद ही इसका लोकार्पण किया जाएगा.

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बता दें, भोपाल के ऐशबाग इलाके में 648 मीटर लंबा रेल ओवरब्रिज (ROB) बनाने में 18 करोड़ रुपये की लागत आई थी. इस ब्रिज का मकसद रेलवे फाटक पर लगने वाले भीषण जाम को ख़त्म करना था. लेकिन जब ये ब्रिज तैयार हुआ, तो अपने 90 डिग्री मोड़ वाली अतरंगी संरचना की वजह से सोशल मीडिया पर चर्चा में आ गया.

ख़ूब मीम बने, स्थानीय निवासियों और यूज़र्स ने इसके डिजाइन पर सवाल उठाए. आश्चर्य जताया कि वाहन 90 डिग्री के अचानक आए मोड़ को कैसे पार करेंगे. इतनी फजीहत हुई कि इसे लेकर जांच के आदेश दिए गए.

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ख़ूब खेला गया ‘ब्लेम गेम’

जब विवाद शुरू हुआ, तो PWD और रेलवे के अधिकारियों ने एक-दूसरे के ऊपर दोष मढ़ने का खेल शुरू कर दिया. PWD के सीनियर अफसरों ने रेलवे पर ‘समन्वय की कमी’ का आरोप लगाया. कहा, ‘उन्हें (रेलवे को) प्रोजेक्ट को रोककर नया डिजाइन लाना चाहिए था. लेकिन उन्होंने अपना हिस्सा बना दिया और हमें अप्रोच वाले हिस्से को जोड़ने के लिए छोड़ दिया.’

वहीं, रेलवे का कहना था कि उन्होंने पहले ही डिजाइन की कमियों के बारे में PWD को बता दिया था. लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो उन्होंने अपना हिस्सा बना लिया.

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