मकान मालिक और किरायेदार…बड़े शहरों में तो इनका चोली-दामन का साथ होता. वैसे तो दोनों की एक-दूसरे से अक्सर परेशान नजर आते हैं. लेकिन इनमें एक बड़ी शिकायत किरायदारों की ही होती है. वो ये कि मकान मालिक समय पर उनका डिपॉजिट नहीं लौटाते. अब डिपॉजिट के मायने समझ न आ रहे हों तो घबराइए मत, नीचे एक्सप्लेन कर देंगे. अभी इतना समझ लीजिए कि ये सब बड़े और अमीर शहरों का चक्कर है. खबर पर लौटते हैं, तो एक ऐसे ही किरायेदार ने मकान मालिक से डिपॉजिट निकालने का तरीका बताया है. उसने इस खास तरीके से अपने मकान मालिक से 2.6 लाख रुपये का डिपॉजिट निकलवा लिया, जिसे देने में लैंडलॉर्ड आना-कानी कर रहा था. क्या है पूरा मामला चलिए बताते हैं.
लाखों का डिपॉजिट नहीं दे रहा था लैंडलॉर्ड, किरायेदार ने लगाई ऐसी तरकीब कि खुद दौड़ता हुआ आया
2.6 Lakh Deposit Recovery By Tenant: किरायेदार ने मकान मालिक से डिपॉजिट निकालने का तरीका बताया है. उसने इस खास तरीके से अपने मकान मालिक से 2.6 लाख रुपये का डिपाजिट निकलवा लिया, जिसे देने में लैंडलॉर्ड आना-कानी कर रहा था.


पहले आपको डिपॉजिट का ही मतलब समझा देते हैं. डिपॉजिट का मतलब होता है घर किराये पर लेने से पहले एकमुश्त रकम मकान मालिक को देनी होती है ताकि अगर आप किराये के घर में रहते हुए कोई नुकसान करें तो वह उससे काटा जाए. अगर कोई नुकसान नहीं होता है तो घर खाली करते वक्त मकान मालिक आपको यह रकम लौटा देता है. अब आप सोच रहे होंगे कि आपके यहां तो ऐसा कोई कॉन्सेप्ट ही नहीं है. आप अपनी जगह बिल्कुल ठीक सोच रहे हैं. अगर आप छोटे शहर या किसी कस्बे के रहने वाले हैं तो वहां डिपॉजिट वगैरह का चक्कर नहीं होता. ये सब मुंबई, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरवालों का चक्कर है.
कब लिया था मकान किराये परचलिए अब खबर पर आते हैं. बेंगलुरु के एक शख्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडइट पर r/Bangalorerentals नाम के ग्रुप पर अपना आपबीती सुनाई. उसने यह भी बताया कि उसने किस तरह लैंडलॉर्ड से डिपॉजिट के पैसे निकलवाए. शख्स ने बताया कि उसने कोविड-19 के दौरान 55,000 रुपये/महीने पर एक 3.5 BHK अपार्टमेंट किराए पर लिया था. फ्लैट का मालिक एक रिटायर्ड सेना अधिकारी हैं. लेकिन बाद में उसका उससे झगड़ा हो गया.

शख्स ने बताया कि शुरुआत में मकान मालिक ने चिकनी-चुपड़ी बातें की थी. लेकिन थोड़े ही समय बाद किराया 55,000 रुपये से बढ़ाकर 78,000 रुपये कर दिया गया. इसके बाद उसने नोटिस देकर घर खाली करने का फैसला किया. इसके बाद ही मकान मालिक का रवैया उसके प्रति खराब हो गया. वह उस पर अपत्तिजनक टिप्पणियां करने लगा.

शख्स के मुताबिक, घर खाली करने के कुछ दिन बाद ही मकान मालिक ने मरम्मत के नाम पर उसके डिपॉजिट से पैसे काटने शुरू कर दिए. धीरे-धीरे यह काटे जाने वाली रकम बढ़ती गई. अब उसे समझ आ चुका था कि लैंडलॉर्ड पैसे वापस नहीं करना चाहता. लैंडलॉर्ड कोर्ट-कचहरी तक के लिए तैयार थे. लेकिन शख्स ने धीरज थामते हुए अपने डिपॉजिट वापस पाने के लिए खास तरकीब निकाली.
शख्स ने ऐसे निकलवाए पैसेशख्स के मुताबिक, उसने मकान मालिक के आर्मी बैकग्राउंड के बारे में पता करना शुरू किया. इसके बाद उसने रक्षा मंत्रालय, आर्मी में उसकी यूनिट, यहां तक कि जिस प्राइवेट गोल्फ क्लब में वह जाता था वहां अनजान ईमेल भेजे. इसमें उसने मकान मालिक पर अपने पद और प्रतिष्ठा का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. मामला आगे बढ़ा तो मकान मालिक के होश ठिकाने आए.
शख्स ने दावा किया कि इसके एक्शन के कुछ ही दिनों बाद मकान मालिक ने उसे बुलाया. बेहद नरम लहजे में उसे ऐसा करने के लिए मना किया और वादा किया कि वह उसके पूरे पैसे लौटा देगा. इसके बाद मकान मालिक ने उसके डिपॉजिट की पूरी रकम लौटा दी. शख्स ने यह भी बताया कि यह सब इतना आसान नहीं था. उसने इसके लिए काफी रिसर्च की थी.
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