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SIR में जिंदा शख्स को घोषित कर दिया मृत, डेथ सर्टिफिकेट लेने जा पहुंचा नगर पालिका दफ्तर

Election Commission ने West Bengal में SIR के बाद Draft Voter List जारी की है, उसमें पूर्वी बर्धमान के एक शख्स को मृत बताया गया था, जबकि वह शख्स जिंदा है. इसके बाद शख्स खुद नगर पालिका के ऑफिस में पहुंचा और अपना डेथ सर्टिफिकेट मांगने लगा.

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शख्स ने नगर पालिका पहुंचकर मांगा अपना डेथ सर्टिफिकेट. (Photo: ITG)
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अनुपम मिश्रा

पश्चिम बंगाल में एक शख्स नगरपालिका के पास अपना डेथ सर्टिफिकेट लेने पहुंचा. कहा कि मैं जिंदा हूं, लेकिन वोटर लिस्ट में मुझे मृत दिखाया गया है. पता चला कि SIR के दौरान बीएलओ की लापरवाही से यह गड़बड़ हो गई थी. वहीं शख्स की पत्नी को अंग्रेजी न आना भी इसका एक कारण बना.

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क्या है मामला?

मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR जारी है. हाल ही में चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट जारी किया था, जिसमें लगभग 58 लाख लोगों के नाम काटे गए थे. इसमें पूर्वी बर्धमान के वार्ड नंबर 12 के कलिनागर पारा के रहने वाले पूर्ण साहा ने देखा कि वोटर लिस्ट में उनके नाम के आगे मृत लिखा हुआ है. आजतक की रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद पूर्ण साहा कालना नगरपालिका पर अपना मृत्यु प्रमाणपत्र लेने पहुंच गए.

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वोटर लिस्ट में शख्स को मृत दिखाया गया है. (Photo: ITG)
क्यों हुई गलती?

पूर्ण ने बताया कि नियमों के अनुसार उनके घर से एसआईआर का फॉर्म भरा गया था, लेकिन बीएलओ ने फॉर्म रिसीव करते समय उन्हें मृत घोषित कर दिया. उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी फॉर्म भरने गई थीं. पत्नी का कहना है कि बीएलओ ने घर आने की बजाय किसी और जगह बैठाकर फॉर्म भरा था, ऐसे में वह सही से देख नहीं पाईं कि बीएलओ ने फॉर्म पर क्या लिखा है. साथ ही यह भी कहा कि उन्हें ठीक से पढ़ना नहीं आता और फॉर्म में अंग्रेजी पर क्या लिखा था, उन्हें समझ नहीं आया.

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बहरहाल जब इस पूरे मामले पर संबंधित बीएलओ से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने मीडिया के कैमरे के सामने बोलने से इनकार कर दिया. लेकिन इतना जरूर कहा कि अगर वह शख्स जिंदा है तो उसके सामने लाया जाए. वहीं इस मामले पर सियासत भी होने लगी. तृणमूल कांग्रेस की ट्रेड यूनियन विंग के सदस्य संदीप बसु ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग जानबूझकर वैध मतदाताओं के नाम हटाने की साजिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे भाजपा का भी हाथ है.

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