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आजम खान रिहा होने के 20 महीने के अंदर फिर जेल में, बेटा भी गिरफ्तार, सजा पर क्या बोले?

Rampur Court ने दो पैन कार्ड मामले में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को सात साल की सजा सुनाई है. आजम खान 23 सितंबर को सीतापुर जेल से रिहा हुए थे. दो महीने बाहर रहने के बाद वे फिर जेल जाएंगे.

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अब्दुल्ला (बायें) और आजम खान (दायें) को कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है (India today)

समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) और उनके बेटे अब्दुल्ला को दो पैन कार्ड मामले में अदालत ने दोषी करार दिया है. रामपुर के एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के जज शोभित बंसल ने मामले पर फैसला देते हुए दोनों को 7 साल की जेल की सजा सुनाई है. इसके बाद भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बेटे अब्दुल्ला के साथ आजम खान को जेल भेज दिया गया. इस दौरान आजम खान ने बेहद निराशा भरी आवाज में कहा कि अदालत का फैसला है. बेहतर है उन्होंने गुनहगार समझा है. सजा दे दी है. 

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आजम खान अभी 23 सितंबर 2025 को ही सीतापुर जेल से रिहा हुए थे.  

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में रामपुर से बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने इस मामले में केस दर्ज कराया था. आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव लड़ने के नियमों का उल्लंघन किया. उन्होंने अपनी उम्र ज्यादा दिखाने के लिए दूसरा पैन कार्ड बनवाया. इंडिया टुडे से जुड़े कुमार अभिषेक की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के लिए रामपुर की स्वार सीट से अब्दुल्लाह आजम खान ने पर्चा भरा था. लेकिन तब उनकी उम्र विधानसभा चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थी. यानी वो तब तक 25 साल के नहीं हुए थे. आरोप है कि आजम खान ने अपने बेटे को स्वार से चुनाव लड़ाने के लिए षड्यंत्र रचा और एक अलग पैन कार्ड बनवाया, जिसमें उनकी जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 दिखाई गई.

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इसके बाद वह विधानसभा चुनाव लड़े. मामले में थाना सिविल लाइन में धारा 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया था. अदालत ने सभी पहलुओं की सुनवाई के बाद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को इस मामले में दोषी ठहराया है. 

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था झटका

इससे पहले अब्दुल्ला आजम खान को 6 दिसंबर 2024 को कोर्ट से बड़ा झटका लगा था. कोर्ट ने पासपोर्ट के लिए फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल और दो पैन कार्ड मामले में अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने से मना कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि FIR रद्द करने के लिए कोई ठोस कानूनी आधार नहीं है और न ही कानूनी प्रक्रिया में दखल देने की कोई वजह दिखाई देती है. 

2023 में दोबारा जाना पड़ा जेल

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आजम खान को पहली बार 2022 में 27 महीने जेल में बिताने के बाद जमानत मिली थी. करीब सवा साल बाहर रहने के बाद 2023 में फिर एक मामले में जेल जाना पड़ा. 

2017 में कसना शुरू हुआ कानूनी शिकंजा

आजम खान पर उत्तर प्रदेश में 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद कानूनी शिकंजा कसना शुरू किया गया था. उनके खिलाफ करीब 104 मुकदमे दर्ज किए गए. इसमें 93 मुकदमे केवल रामपुर में दर्ज हैं. 

वीडियो: आजम खान को 7 साल की सजा, जौहर ट्रस्ट की याचिका खारिज... रामपुर का क्या होगा?

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