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भारत को बड़ी राहत: 1 जनवरी 2026 से ऑस्ट्रेलिया में भारतीय सामान पूरी तरह ड्यूटी-फ्री

2024-25 में भारत का ऑस्ट्रेलिया को निर्यात 8 प्रतिशत बढ़ा है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन (trade balance) में सुधार हुआ है.

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ये समझौता 29 दिसंबर 2022 को लागू हुआ था और इसे 'अर्ली हार्वेस्ट' डील कहा जाता है. (फोटो- PTI)

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते के तीन साल पूरे होने पर बड़ी खबर सामने आई है. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार, 29 दिसंबर को घोषणा की कि 1 जनवरी 2026 से ऑस्ट्रेलिया भारतीय निर्यात के लिए अपनी सभी टैरिफ लाइनों को शून्य ड्यूटी (zero-duty) कर देगा. यानी भारत से ऑस्ट्रेलिया जाने वाले किसी भी सामान पर कोई भी शुल्क नहीं लगेगा.

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ये समझौता 29 दिसंबर 2022 को लागू हुआ था और इसे 'अर्ली हार्वेस्ट' डील कहा जाता है. जिसमें शुरुआती चरण में कुछ प्रमुख व्यापारिक मुद्दों को शामिल किया गया था. अब तीन साल बाद ये डील अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है, जहां ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय सामान के लिए पूरी तरह ड्यूटी-फ्री मार्केट एक्सेस देने का फैसला किया है. पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,

"1 जनवरी 2026 से भारतीय निर्यात के लिए ऑस्ट्रेलियाई कोई भी ड्यूटी नहीं लेगा.”

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पीयूष गोयल का पोस्ट.

उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में इस समझौते ने निर्यात में लगातार वृद्धि की है. बेहतर बाजार तक पहुंच और सप्लाई चेन को मजबूत बनाने में मदद की है. इससे भारतीय निर्यातक, MSME, किसान और काम करने वाले लोगों को खास फायदा हुआ है.

द हिंदू में छपी रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत का ऑस्ट्रेलिया को निर्यात 8 प्रतिशत बढ़ा है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन (trade balance) में सुधार हुआ है. विभिन्न क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन देखने को मिला है. मैन्युफैक्चरिंग, केमिकल्स, टेक्सटाइल, प्लास्टिक, फार्मास्यूटिकल्स, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स और जेम्स एवं ज्वेलरी जैसे सेक्टर में मजबूत बढ़ोतरी दर्ज की गई.

कृषि निर्यात में भी व्यापक प्रगति हुई है. फल-सब्जियां, समुद्री उत्पाद, मसाले और खास तौर पर कॉफी में खासा उछाल देखा गया है. श्रम-प्रधान क्षेत्र जैसे टेक्सटाइल, लेदर, जेम्स-ज्वेलरी और प्रोसेस्ड फूड को इस नई व्यवस्था से सबसे ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है, क्योंकि टैरिफ खत्म होने से इनके लिए ऑस्ट्रेलियाई बाजार में पहुंच आसान और सस्ती हो जाएगी.

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ये कदम ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव के चलते भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ लग रहा है. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित बाजार में ड्यूटी-फ्री एक्सेस भारत के लिए निर्यात की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा. दोनों देश फिलहाल व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (Comprehensive Economic Cooperation Agreement - CECA) पर बातचीत कर रहे हैं, जो और भी गहरा और व्यापक होने की उम्मीद है. पीयूष गोयल ने कहा कि Economic Cooperation and Trade Agreement (ECTA) इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की आर्थिक मौजूदगी को मजबूत करता है और 'मेक इन इंडिया' तथा 'विकसित भारत@2047' के विजन से जुड़ा है.

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