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'अवैध मस्जिद गिराओ, बांग्लादेशियों को बाहर करो' अरुणाचल प्रदेश की राजधानी में युवाओं ने बुलाया बंद

Itanagar Shutdown: पुलिस और प्रशासन इस बंद के सख्त खिलाफ हैं और इसे गैरकानूनी करार दिया है. पुलिस महानिरीक्षक (IGP) चुखु आपा ने बंद बुलाने वालों को चेतावनी भी दी है कि अगर उन्होंने शांति भंग करने या कानून तोड़ने की तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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तीन संगठनों ने मिलकर ईटानगर में यह बंद बुलाया है. (Photo: ITG)

अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में कुछ युवा संगठनों ने आज यानी मंगलवार, 9 दिसंबर को 12 घंटे का बंद बुलाया है. संगठन अवैध मस्जिद गिराने और राज्य से अवैध प्रवासियों को निकालने की मांग कर रहे हैं. इसे देखते हुए अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. साथ ही प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी है कि वह व्यवस्था खराब करने की कोशिश न करें.

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क्या है संगठनों की मांग?

इंडिया टुडे से जुड़े युवराज मेहता की रिपोर्ट के अनुसार यह बंद इंडिजिनस यूथ फोर्स ऑफ अरुणाचल (IYFA), अरुणाचल प्रदेश इंडिजिनस यूथ ऑर्गनाइजेशन (APIYO) और ऑल नाहरलागुन यूथ ऑर्गनाइजेशन (ANYO) ने मिलकर बुलाया है. इन संगठनों की मांग है,

  • निगम कॉलोनी, नाहरलागुन में कैपिटल जामा मस्जिद को हटाया जाए.
  • राजधानी क्षेत्र में वीकली मार्केट पर पूरी तरह से प्रतिबंध हो.
  • अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों को देश से निकाला जाए.
बातचीत टलने के बाद लिया फैसला

इससे पहले संगठनों ने 25 नवंबर को बंद बुलाया था, लेकिन प्रशासन की ओर से बातचीत के लिए बुलाए जाने के बाद इसे स्थगित कर दिया था. 5 दिसंबर को संगठनों की राज्य के गृह मंत्री के साथ बैठक होने वाली थी. लेकिन निकाय चुनाव में व्यस्तता के चलते यह मीटिंग रद्द हो गई. इसके बाद संगठनों ने आज यानी 9 दिसंबर को बंद बुलाने का फैसला किया. APIYO के अध्यक्ष तारो सोनम लियाक ने कहा कि इस बार बंद को स्थगित नहीं किया जाएगा. उन्होंने दुकानों, अलग-अलग संगठनों और लोगों से इस बंद का समर्थन देने की अपील की. साथ ही सोनम ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान होने वाली किसी भी अप्रिय घटना के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी.

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प्रशासन ने दी चेतावनी

हालांकि, पुलिस और प्रशासन इस बंद के सख्त खिलाफ हैं और इसे गैरकानूनी करार दिया है. पुलिस महानिरीक्षक (IGP) चुखु आपा ने बंद बुलाने वालों को चेतावनी भी दी है कि अगर उन्होंने शांति भंग करने या कानून तोड़ने की तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि बंद के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने और स्थिति को सामान्य रखने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं. इसके अलावा कई समुदाय-आधारित संगठनों (CBOs) और नागरिक निकायों ने युवा समूहों से अपने फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की है.

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