अन्ना यूनिवर्सिटी में हुए यौन उत्पीड़न मामले (Anna University Sexual Assault) में बिरयानी वेंडर ज्ञानशेखरन को दोषी करार दिया गया है. 2 जून को उसे सज़ा सुनाई जाएगी. चेन्नई महिला अदालत की जज राजलक्ष्मी ने फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि उसे अधिकतम सज़ा मिलनी चाहिए.
अन्ना यूनिवर्सिटी यौन उत्पीड़न केस: बिरयानी वेंडर 11 आरोपों में दोषी करार, 2 जून को सुनाई जाएगी सजा
Anna University Sexual Assault Case: महिला अदालत ने पांच महीने तक मामले की सुनवाई की. इसी के बाद बुधवार, 28 मई को ये फ़ैसला आया है. ज्ञानशेखरन को सभी 11 आरोपों में दोषी पाया गया है. 2 जून को सज़ा सुनाई जाएगी.

महिला अदालत ने पांच महीने तक मामले की सुनवाई की. इसी के बाद बुधवार, 28 मई को ये फ़ैसला आया है. ज्ञानशेखरन को सभी 11 आरोपों में दोषी पाया गया है. इन आरोपों में यौन उत्पीड़न, यौन शोषण, रेप, धमकी, किडनैपिंग और IT एक्ट के साथ-साथ अन्य प्रावधान शामिल थे.
इस मामले में 29 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. और 100 पेजों की चार्जशीट दाखिल की गई है. जांच में ये भी पता चला कि अपराधी कई चोरी के मामलों में शामिल था. उसके पास से 100 से ज़्यादा सोने के सिक्के और एक लग्जरी एसयूवी जब्त की गई थी. NDTV ने सूत्रों के हवाले से बताया कि ज्ञानशेखरन ने चेन्नई में कई घरों में लूटपाट करने की बात क़ुबूल की है.
चेन्नई के गुइंडी में अन्ना यूनिवर्सिटी का कैंपस मौजूद है. यहां 23 दिसंबर, 2024 की रात क़रीबन आठ बजे 19 साल की छात्रा अपने एक दोस्त से बात कर रही थी. ज्ञानशेखरन ने पहले उस दोस्त पर हमला किया. फिर यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्रा का यौन उत्पीड़न किया. उसने इस हरकत का वीडियो भी बनाया था. ताकि भविष्य में उसे ब्लैकमेल कर सके.
छात्रा ने कोट्टूरपुरम पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी. अगले दिन 24 दिसंबर को पुलिस ने शिकायत के आधार पर जांच शुरू की. इस सिलसिले में अड्यार में रेस्टोरेंट चलाने वाले ज्ञानशेखरन को गिरफ़्तार किया गया था.
राजनीतिक विवादइस मामले के आरोपी ज्ञानशेखरन की DMK के कई नेताओं के साथ तस्वीरें सामने आई थीं. इसके बाद विपक्ष की तरफ से दावे किए गए कि आरोपी DMK का सदस्य है. बीजेपी लगातार DMK सरकार के ख़िलाफ़ प्रोटेस्ट करती रही. उन्होंने छात्रा के लिए न्याय की मांग की. 3 जनवरी को BJP के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने राज्य सरकार पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया. बाद में उन्होंने विरोध जताते हुए सार्वजनिक तौर पर खुद को कोड़े मारे.
पूरे विवाद पर बाद में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सफ़ाई आई थी. 8 जनवरी को तमिलनाडु विधानसभा में बोलते हुए सीएम स्टालिन ने कहा कि आरोपी पार्टी का सदस्य नहीं है, बल्कि पार्टी का समर्थक है.
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