‘कॉल साइन : 31 नवंबर.’ यह एक एंबुलेंस का नंबर है जो 15 फरवरी की रात हुई भगदड़ के बाद सबसे पहले नई दिल्ली रेलवे स्टेशन ( New Delhi Railway Station Stampede) पर पहुंची. यह एंबुलेंस गिरधारी लाल मैटरनिटी हॉस्पिटल में खड़ी थी जो हादसे की जगह से करीब 850 मीटर दूर थी. यह एंबुलेस स्टेशन पर पहुंची. और घायलों को तुरंत इलाज के लिए ले गई. इसके बाद और भी एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंची. इन एंबुलेंस से जुड़े कर्मचारियों ने हादसे के बाद की स्थिति के बारे में बताया है.
रात भर घायलों को अस्पताल पहुंचाते रहे, एंबुलेंस ड्राइवरों ने बताया भगदड़ के बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का हाल
New Delhi Railway Station Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए भगदड़ के बाद सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचने वाले एंबुलेंस के ड्राइवर और कर्मचारियों ने हादसे के बाद स्टेशन का हाल बताया है.

इंडियन एक्सप्रेस से जुड़ी साक्षी चंद की रिपोर्ट के मुताबिक, कॉल साइन : 31 नवंबर में तैनात इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (EMT) कृष्ण कुमार ने बताया,
रात के करीब साढ़े 9 बजे हमें पहली कॉल मिली. एक आठ साल की लड़की को गिरधारी लाल हॉस्पिटल के पास लाया गया. फिर हमने उसे लोक नायक हॉस्पिटल पहुंचाया.
कृष्ण कुमार ने बताया कि उनके सहयोगी अरविंद एंबुलेंस चला रहे थे. अरविंद ने बताया कि भगदड़ के समय वो लोग स्टेशन के पास थे इसलिए सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंच गए. कृष्ण कुमार अपने साथी अरविंद के साथ घायल लड़की को हॉस्पिटल पहुंचाने के बाद रेलवे स्टेशन पर वापस आ गए. उन्होंने बताया,
जब हम वापस आए तो हमने देखा कि एक व्यक्ति हाथ में बहुत दर्द की शिकायत कर रहा था. उसके हाथ में फ्रैक्चर था. मैंने उसके हाथ पर पेन रिलीफ स्प्रे छिड़का और मौके पर ही फर्स्ट एड दिया.
कुमार बताते हैं कि वो लोग रात भर घायलों को लेकर हॉस्पिटल पहुंचाते रहे. और सुबह के करीब 5 बजे तक वे अपने सहयोगी के साथ वहां रहे. कुमार ने आगे बताया,
रेलवे स्टेशन पर कुलियों ने शवों और घायल लोगों को रेलवे प्लेटफॉर्म से एंबुलेंस तक लाने में भरपूर सहयोग किया. वे (कुली) उन लोगों में से किसी को नहीं जानते थे लेकिन घायल लोगों को अपने कंधे पर उठाकर एंबुलेंस तक पहुंचाया.
उन्होंने दुख जताया कि वहां मौजूद कई लोग वीडियो बनाने में जुटे थे. और घायलों की मदद नहीं कर रहे थे. ‘कॉल साइन : 31 नवंबर’ के बाद दूसरी एंबुलेंस ‘कॉल साइन अल्फा 22’ घटनास्थल पर पहुंची. एंबुलेंस के ड्राइवर इरफान अली ने बताया,
जब हमें रात के 9 बजकर 36 मिनट पर कॉल आया तब हम दिल्ली गेट पर खड़े थे. हमने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जो देखा उससे 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की याद आ गई.
इरफान बताते हैं कि जब वो तेजी से गाड़ी चलाते हुए स्टेशन पर पहुंचे तब उनको अंदाजा नहीं था कि रेलवे स्टेशन के अंदर कितना बुरा हाल है. वो स्कूप स्ट्रेचर लेकर सीधे प्लेटफॉर्म पर पहुंच गए. उन्होंने बताया,
वहां बहुत सारे लोग थे. पैदल चलने की भी जगह नहीं थी. केवल पुलिस और कुली ही घायलों की मदद कर रहे थे. मैंने तीन महिलाओं और एक नौजवान को हॉस्पिटल पहुंचाया.
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इरफान ने आगे बताया कि मृतकों और घायलों को चादर में लपेटकर लाया जा रहा था. वहां के हालात देखकर उन्होंने कंट्रोल रूम को बताया कि स्थिति खराब है. और ग्राउंड पर ज्यादा लोगों की जरूरत है. 15 फरवरी की रात को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई थी. जिसमें कम से कम 18 लोगों की मौत हुई है.
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