इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्रुखाबाद की SP आरती सिंह को कड़ी फटकार लगाई है. हाईकोर्ट IPS आरती सिंह की ‘हरकतों’ से इस कदर नाराज हुआ कि अदालत ने उन्हें हिरासत में लेने तक का आदेश दे दिया. आरती सिंह पर आरोप था कि उन्होंने दो लोगों को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा, धमकी दी और बाद में जबरन बयान लिखवा लिया. मामला में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से भी जवाब मांगा है.
IPS आरती सिंह ने ऐसा क्या किया कि HC बोल- ‘इन्हें हिरासत में लो...’
मामला फर्रुखाबाद जिले के कायमगंज थाना इलाके का है. सोमवार 8 सितंबर की रात 9 बजे पुलिस जबरन एक महिला के घर में घुस आई. दावा है कि वे लगातार SP आरती सिंह से बात कर रहे थे. इसके बाद पुलिस ने प्रीति के परिवार के दो सदस्यों को हिरासत में ले लिया.


दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, मामला फर्रुखाबाद जिले के कायमगंज थाना इलाके का है. सोमवार 8 सितंबर की रात 9 बजे पुलिस जबरन प्रीति नाम की महिला के घर में घुस आई. पुलिस टीम में थाना प्रभारी अनुराग मिश्रा समेत 4-5 पुलिसकर्मी थे. दावा है कि वे लगातार SP आरती सिंह से बात कर रहे थे. इसके बाद पुलिस ने प्रीति के परिवार के दो सदस्यों को हिरासत में ले लिया.
दोनों को करीब एक हफ्ते तक हिरासत में रखा गया. 14 सितंबर की रात 11 बजे पुलिस ने दोनों को छोड़ दिया. लेकिन दबाव में एक बयान लिखवा लिया. इसमें लिखवाया गया कि उन्होंने कोई मुकदमा नहीं किया है. उन्हें कोई शिकायत नहीं है और न ही वे किसी तरह की शिकायत करेंगे.
इसे लेकर प्रीति यादव समेत दो और लोगों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल की थी. हैबियस कॉर्पस माने अगर पुलिस किसी शख्स को अकारण और जबरदस्ती उठा ले जाए तो कोर्ट में याचिका दाखिल करके उसके बारे में जानकारी मांगी जा सकती है. ये संविधान का मूल अधिकार है.
लेकिन यह मामला यहीं तक तक सीमित नहीं है. 11 अक्टूबर को मामले एक और मामला सामने आया. करीब 100 पुलिसकर्मी फर्रुखाबाद के रहने वाले वकील अवधेश मिश्र के घर पहुंच गए. पुलिस को शक था कि वकील अवधेश मिश्र ने ही प्रीति को याचिका दाखिल करने में मदद की. पुलिस ने उनके घर में तोड़फोड़ की. सामान फेंक दिया. घर का CCTV भी तोड़ दिया.
इसके बाद अवधेश मिश्र की तरफ से भी कोर्ट में एफिडेविट फाइल किया. प्रीति के केस के साथ-साथ यह मामला भी 14 अक्टूबर को जस्टिस जेजे मुनीर और संजीव कुमार की अदालत में पहुंचा. कोर्ट ने जब पुलिस से इस पर जवाब मांगा. लेकिन एसपी और उनकी टीम से जवाब देते नहीं बना. इस पर अदालत ने मौखिक आदेश देते हुए कहा,
“SP आरती सिंह को हिरासत में लिया जाए. कोई भी पुलिसकर्मी याचिकाकर्ता प्रीति यादव से संपर्क नहीं करेगा. न ही किसी तरह की धमकी दी जाएगी.”
लेकिन आदेश मौखिक था इसलिए आरती सिंह के वकील ने कोर्ट से कुछ समय मांगा. यही वजह है कि फिलहाल आरती सिंह को हिरासत में नहीं लिया गया. कोर्ट ने आरती सिंह, SP फतेहगढ़, CO कायमगंज और SHO कायमगंज को 15 अक्टूबर को अदालत में पेश होकर सफाई देने का आदेश दिया है.
कौन है IPS आरती सिंहआरती सिंह मध्य प्रदेश के सिंगरौली की रहने वाले हैं. उन्होंने सोनभद्र के NTPC शक्तिनगर के विवेकानंद स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की. फिर दुद्धीचुआ के डीएवी स्कूल से इंटरमीडिएट और जबलपुर से बीबीए किया. इसके बाद वह एमबीए करने के लिए इंदौर चली गईं.
उनके पति अनिरुद्ध सिंह भी IPS अधिकारी हैं. आरती और अनिरुद्ध दोनों ने एक साथ ही UPSC की तैयारी की, परीक्षा पास की और IPS बन गए. आरती को UPSC में 118वीं रैंक मिली थी. वह मथुरा और बनारस में CO रही हैं और फिलहाल फर्रुखाबाद में बतौर SP तैनात हैं.
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