अहमदाबाद का रहने वाला 13 साल का आकाश अपनी ‘छोटी सी जिंदगी’ में कभी हवाई जहाज पर नहीं बैठा था. लेकिन गुरुवार 12 जून को एयर इंडिया के प्लेन क्रैश में उसकी भी जान चली गई. दरअसल, घटना के वक्त आकाश मेघानीनगर इलाके में अपनी चाय की दुकान के सामने फुटपाथ पर सो रहा था. तभी प्लेन क्रैश होकर पास के बीजे मेडिकल कॉलेज के यूजी हॉस्टल की बिल्डिंग से टकराया. इससे सड़क पर काफी दूर तक फ्यूल फैल गया जिससे 700 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान पर जलने वाली आग ने आकाश को भी अपनी जद में ले लिया.
प्लेन क्रैश: मकान मालिक ने घर से निकाला, मजबूरी में सड़क पर सोना 13 साल के बच्चे की जान ले गया
प्लेन क्रैश में मारे गए लोगों की तरह आकाश भी इतनी बुरी तरह से जल गया कि उसके शव की पहचान मुश्किल हो गई. उसकी दादी बाबीबेन पाटनी ने बताया कि दो हफ्ते पहले मकान मालिक ने उनके परिवार को घर से निकाल दिया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, प्लेन क्रैश में मारे गए लोगों की तरह आकाश भी इतनी बुरी तरह से जल गया कि उसके शव की पहचान मुश्किल हो गई. उसकी दादी बाबीबेन पाटनी ने बताया कि दो हफ्ते पहले मकान मालिक ने उनके परिवार को घर से निकाल दिया था. आकाश की मां सीता बीजे मेडिकल कॉलेज के यूजी हॉस्टल के पास चाय की दुकान लगाती थीं. घर से निकाले जाने के बाद परिवार इसी दुकान के सामने फुटपाथ पर सोता था. हादसे के वक्त दोपहर में आकाश यहीं सो रहा था.
बाबीबेन ने रोते हुए बताया,
जब प्लेन आसमान से गिरा, तब आकाश सड़क पर सो रहा था. मेरा बच्चा मेरी आंखों के सामने जल गया.
आकाश को बचाने की कोशिश में उसकी मां सीता के शरीर का एक हिस्सा भी बुरी तरह से जल गया. बाबीबेन ने बताया,
मेरी बहू सीता दुकान संभाल रही थी. तभी सामने की सड़क पर सोया उसका बेटा आकाश चिल्लाने लगा. सीता उसकी ओर दौड़ी और आग बुझाने की कोशिश करने लगी. इस कोशिश में उसके शरीर का दाहिना हिस्सा बुरी तरह जल गया, लेकिन लड़का बच नहीं पाया.
आकाश का शरीर इतनी बुरी तरह से जल गया कि उसे पहचानना मुश्किल हो गया. उसके पिता सुरेश ने कसौटी भवन में में डीएनए टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल दिया है, ताकि आकाश के शव की शिनाख्त हो सके.
बता दें कि आकाश उन 24 लोगों में शामिल है, जो जहाज में सवार नहीं थे लेकिन प्लेन क्रैश में मारे गए. इनमें 4 स्टूडेंट्स और एक डॉक्टर की पत्नी भी शामिल है.
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