उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एक 30 साल के इंजीनियर ने कथित तौर पर अपनी जान दे दी. आगरा में एक होटल के कमरे में उसका शव मिला है. रिपोर्ट्स के मुताबिक अपनी मौत से पहले इंजीनियर अपने परिवार से कह गया कि उसकी मौत के बाद ‘13 दिन का ड्रामा ना किया जाए’. इंजीनियर ने परिवार को ये सलाह भी दी थी कि मौत के बाद उसका शव मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए दे दिया जाए.
आगरा में बेरोजगार इंजीनियर ने जान दे दी, परिवार से कह गया- '13 दिन का ड्रामा मत करना'
मृतक की पहचान रोहित कुमार के रूप में हुई है. वो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के रहने वाले थे. अपनी मौत से पहले रोहित का कहना था कि जैसे वो गायब हैं, वैसे ही गायब रहने दिया जाए. उनकी मौत के बाद किसी भी तरह का ‘13 दिन का ड्रामा’ ना किया जाए.
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मृतक की पहचान रोहित कुमार के रूप में हुई है. वो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के रहने वाले थे. अपनी मौत से पहले रोहित का कहना था कि जैसे वो गायब हैं, वैसे ही गायब रहने दिया जाए. उनकी मौत के बाद किसी भी तरह का ‘13 दिन का ड्रामा’ ना किया जाए. हिंदू धर्म में किसी की मौत के 13 दिन तक शोक मनाया जाता है. अंतिम दिन उसके नाम की तेरहवीं की जाती है, जो एक धार्मिक संस्कार होता है. माना जाता है कि ये दिवंगत आत्मा की शांति के लिए किया जाता है.
आजतक की खबर के मुताबिक, मृतक इंजीनियर ने अपनी मौत से पहले एक महिला डॉक्टर के बारे में डिटेल्स दिए थे, जो अब किसी और जिले में काम करती हैं. रोहित ने बताया था कि उनकी मौत के बाद शव को उनके परिवार वालों को ना दिया जाए, बल्कि दान कर दिया जाए या मेडिकल स्टूडेंट्स को दे दिया जाए. जिससे वो पढ़ाई के लिए उनके अंगों का इस्तेमाल कर सकें.
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आगरा के एडिशनल डिप्टी पुलिस कमिश्नर (ADCP) सोनम कुमार ने बताया कि शाहगंज थाने में पड़ने वाले एक होटल में सोमवार, 4 अगस्त को इंजीनियर का शव मिला था. उन्होंने कहा कि मामले में हर एंगल से जांच की जा रही है.
आजतक की खबर में बताया गया है कि रोहित कुमार के पिता सलेख चंद विजिलेंस विभाग में थे. पांच साल पहले ही वो रिटायर हुए. करीब दो साल पहले रोहित की मां की मौत हो गई थी. रोहित का एक भाई और उनकी दो बहनें हैं. उनके भैया और भाभी दुबई में प्रोफेसर हैं. दोनों बहनों की शादी हो चुकी है. रोहित ने गाजियाबाद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. बताया जा रहा है कि लंबे समय से उनके पास नौकरी नहीं थी.
(अगर आप या आपके किसी परिचित को खुद को नुकसान पहुंचाने वाले विचार आ रहे हैं तो आप इस लिंक में दिए गए हेल्पलाइन नंबरों पर फोन कर सकते हैं. यहां आपको उचित सहायता मिलेगी. मानसिक रूप से अस्वस्थ महसूस होने पर डॉक्टर के पास जाना उतना ही जरूरी है जितना शारीरिक बीमारी का इलाज कराना. खुद को नुकसान पहुंचाना किसी भी समस्या का समाधान नहीं है.)
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