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'मुंबई पर आतंकी हमला हुआ तो यूपी-बिहार के लोगों ने बचाया', पूर्व नेवी कमांडो ने राज-उद्धव ठाकरे को सुनाया

प्रवीण कुमार ने आगे कहा कि जिन लोगों ने मुंबई को बचाया, वे ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से थे. उन्होंने कहा, “मैं वहां मौजूद था, मैंने हालात संभाले और आतंकियों का सामना किया. मैं खुद UP से हूं और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के गांव का रहने वाला हूं,”

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बाई ओर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की साझा रैली वहीं दाई ओर नेवी कमांडो प्रवीण कुमार तेवतिया.(क्रेडिट - इंडिया टुडे + सोशल मीडिया)

महाराष्ट्र में मराठी भाषा के नाम पर हो रही राजनीति अब केवल नेताओं की बयानबाजी तक सीमित नहीं रही. इसने गैर-सियासी लोगों को भी अपनी चपेट में ले लिया है. मुंबई में हुए 26/11 आतंकवादी हमलों के दौरान सैन्य ऑपरेशंस में शामिल रहे पूर्व नेवी कमांडो प्रवीण कुमार तेवतिया ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने MNS प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की हालिया रैली पर टिप्पणी की. प्रवीण कुमार ने कहा कि आतंकवादी हमले के दौरान तथाकथित MNS कार्यकर्ता गायब थे जबकि उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों ने शहर को बचाया.

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दरअसल, बीती 5 जुलाई को केंद्र सरकार की तीन भाषा नीति के खिलाफ एकजुट होते हुए राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ एक मंच पर दिखे. इसी रैली पर टिप्पणी करते हुए तेवतिया ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, "जब 26/11 आतंकी हमला हुआ तब MNS के तथाकथित योद्धा छिप गए और कहीं नहीं दिखे. राज ठाकरे खुद, उद्धव ठाकरे और उनका परिवार भी कहीं नजर नहीं आया." 

प्रवीण कुमार ने आगे कहा कि जिन लोगों ने मुंबई को बचाया, वे ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से थे. उन्होंने कहा, “मैं वहां मौजूद था, मैंने हालात संभाले और आतंकियों का सामना किया. मैं खुद UP से हूं और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के गांव का रहने वाला हूं,”

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भाषा विवाद पर बात करते हुए तेवतिया ने कहा कि वे मराठी भाषा का सम्मान करते हैं, लेकिन भाषा को राजनीति का हथियार नहीं बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “हमें राजनीति न सिखाएं. भाषा को राजनीति से अलग रखें. हमें मराठी पर गर्व है, लेकिन इसे राजनीतिक मुद्दा न बनाएं. अगर राजनीति करनी है, तो विकास और रोजगार पर ध्यान दें.”

इससे पहले भी भाषा विवाद को लेकर तेवतिया ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी. 5 जुलाई को उन्होंने एक्स पर इसी मामले से जुड़ा एक पोस्ट लिखा. उन्होंने PM मोदी, अमित शाह, राज ठाकरे, मुंबई पुलिस को टैग करते हुए कहा,

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"मैंने 26/11 आतंकी हमले के दिन मुंबई को बचाया. मैंने महाराष्ट्र के लिए खून बहाया. मैं यूपी से हूं. मैंने ताज होटल को बचाया. राज ठाकरे के तथाकथित योद्धा कहां थे? देश को मत बांटो. मुस्कुराहट के लिए किसी भाषा की जरूरत नहीं होती."

अपनी इसी पोस्ट के कुछ देर बाद तेवतिया ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस के एक वीडियो को शेयर करते हुए एक पोस्ट किया. इस पोस्ट में उन्होंने अपनी एक फोटो शेयर करते हुए वही बाते लिखीं.

एक दूसरी पोस्ट में उन्होंने मराठी भाषा और मराठा योद्धाओं पर गर्व जताते हुए चेतावनी दी कि "कुछ हारे हुए लोग" देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बेरोजगारी, गरीबी, महिलाओं के खिलाफ हिंसा और कोर्ट में पेंडिंग मामलों जैसे गंभीर मुद्दों की ओर भी ध्यान दिलाया.

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