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महाराष्ट्र के सिद्धिविनायक मंदिर पर वक्फ बोर्ड ने दावा ठोका? सच गणेश भक्तों तक पहुंचना जरूरी

वायरल पोस्ट महाराष्ट्र के अखबार ‘सकाल मीडिया’ के हवाले से वायरल हो रही है. सोशल मीडिया पर यूजर्स इस दावे को आस्था पर हमला बताकर शेयर कर रहे हैं.

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क्या वक्फ बोर्ड ने भगवान गणेश को समर्पित मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर पर अपना दावा ठोक दिया?(तस्वीर:ANI)

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले सिद्धिविनायक मंदिर (SiddhiVinayak Temple) को लेकर एक पोस्ट वायरल है. कहा जा रहा कि वक्फ़ बोर्ड ने मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर पर अपना दावा ठोक दिया है. वायरल पोस्ट महाराष्ट्र के अखबार ‘सकाल मीडिया’ के हवाले से वायरल हो रही है. सोशल मीडिया पर यूजर्स इस दावे को ‘आस्था पर हमला’ बताकर शेयर कर रहे हैं.

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श्याम विश्वकर्मा नाम के एक यूजर ने ‘एक्स’ पर वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा,

“सिद्धिविनायक मंदिर पर वक़्फ़ बोर्ड का दावा हमारी आस्था पर हमला है. अब भी समय है. एक हैं तो सेफ़ हैं. एकजुट हों और अपनी परंपराओं की रक्षा करें.”

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इसी तरह का दावा सुधीर कुमार मुन्ना नाम के यूजर ने भी किया है. उन्होंने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा,

“लो भाई अब वक्फ़ बोर्ड ने मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर पर दावा ठोक दिया है. कह दो इन इंडी गठबंधन वालों से कि ये लोग अपनी सस्ती चालें चलना बंद कर दें. मंदिर हमारा था, मंदिर हमारा है, मंदिर हमारा ही रहेगा. बस ये संदेश हर एक हिंदू तक पहुंच जाए.”

पड़ताल

क्या वाकई वक्फ़ बोर्ड ने मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर पर अपना दावा ठोक दिया है? क्या है वायरल पोस्ट की सच्चाई? इसका पता लगाने के लिए हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किए. लेकिन हमें ऐसी कोई ठोस रिपोर्ट नहीं मिली जिससे इस दावे की पुष्टि हो सके. चूंकि पोस्ट ‘सकाल मीडिया’ के हवाले से वायरल है, तो हमने इस मीडिया संस्थान के आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल को खंगाला. यहां हमें 18 नवंबर को किया गया एक पोस्ट मिला. इसमें सकाल मीडिया ने वायरल हो रहे पोस्ट का खंडन किया है. संस्थान ने लिखा है कि उनके मीडिया हाउस का नाम इस्तेमाल करके एक भ्रामक पोस्ट शेयर किया जा रहा है.

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थोड़ी और खोजबीन में हमें सिद्धिविनायक मंदिर के कोषाध्यक्ष और मुंबई बीजेपी उपाध्यक्ष पवन त्रिपाठी का बयान मिला. ‘मुंबई तरूण भारत’ से बातचीत करते हुए उन्होंने वक्फ़ बोर्ड के दावे वाली बात को भ्रामक बताया है. उन्होंने अपने बयान में कहा,

“श्री सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई की आन बान और शान है. पूरे विश्व में रहने वाले सनातनियों की इस मंदिर पर आस्था है. इसलिए मंदिर पर कोई भी बोर्ड कब्जा नहीं कर सकता है. यह सभी गणेश भक्तों का मंदिर है और गणेश भक्तों का मंदिर बना रहेगा.”

यह तो बात हो गई सकाल मीडिया और सिद्धिविनायक मंदिर के कोषाध्यक्ष का पक्ष. इसके बाद हमने वक्फ बोर्ड की तरफ से दिए गए बयान को खोजा. हमें बीबीसी मराठी की वेबसाइट पर 19 नवंबर को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली. इसमें महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जुनैद सैयद का बयान छपा है. उन्होंने इस खबर को फर्जी बताया है. जुनैद ने कहा,

“हमें नहीं पता कि इस तरह की जानकारी कहां से फैलाई गई है. हमने न ही ऐसा कोई दावा किया है और न ही ऐसा कुछ शेयर किया है कि सिद्धिविनायक मंदिर हमारी संपत्ति है. वक्फ बोर्ड ने ऐसा कोई आधिकारिक दावा नहीं किया है और इसको लेकर कोई चर्चा नहीं है."

नतीजा

कुल मिलाकर, हमारी पड़ताल में मुंबई के दादर में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर को लेकर किसी वक्फ़ बोर्ड का कोई आधिकारिक दावा फिलहाल सामने नहीं आया है.

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