15 जून, 2001 की तारीख को सिनेमाघरों में ‘गदर’ मचा. सनी देओल की फिल्म आने से कुछ दिन पहले ही इसको लेकर हवा बनने लगी थी. गानों के पर लगे और वो पूरे देशभर में पहुंचे. बाकी बचा काम फिल्म की कहानी ने कर दिया. एक पंजाबी मुंडे और पाकिस्तानी मैडम जी की प्रेम कहानी. जहां दहाड़ते सनी देओल थे. गुर्राते अमरीश पुरी थे. हैंडपम्प था. लहू में उबाल लाने वाली देशभक्ति का सेंटीमेंट था. लेकिन इन सब के बीच था इमोशन – दो प्रेमियों के बीच का इमोशन. मां और बेटे के बीच का इमोशन. ऐसे इमोशन्स को सजीव करने वाला इंसान ही ‘गदर’ का असली स्टार था. लेकिन उसकी कहीं बात ही नहीं हो रही थी. देखें वीडियो.
गदर फिल्म के हीरो सनी देओल हैं,लेकिन उसे कामयाब बनाने वाला कोई और है
जब यश चोपड़ा ने फोन किया और कहा, "शक्तिमान, 'गदर' में सबसे अच्छा काम तुम्हारा ही था".
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