‘विक्रम वेधा’ और ‘पोन्नियिन सेलवन:1’. इस हफ्ते आने वाली दो बड़ी फिल्में. ट्रेड एक्सपर्ट्स को लगता है कि दोनों फिल्मों की भिड़ंत से बॉक्स ऑफिस पर पैसा ही पैसा होगा. फिर भी ‘विक्रम वेधा’ आगे निकल जाएगी. कम-से-कम हिंदी राज्यों में. पिछले कुछ समय से साउथ से आई फिल्में हिंदी बेल्ट में भौकाल काट रही हैं. जैसे ‘KGF 2, ‘पुष्पा’, RRR और ‘कार्तिकेय 2’. बावजूद ऐसी फिल्मों की परफॉरमेंस के, जानकारों को लगता है कि ‘पोन्नियिन सेलवन:1’ अपना कमाल सिर्फ साउथ में दिखा पाएगी. वहीं, नॉर्थ का मजमा ‘विक्रम वेधा’ लूटेगी.
ऋतिक-सैफ की 'विक्रम वेधा' साउथ की बड़ी फिल्म 'PS-1' को पछाड़ने वाली है!
हालिया ट्रेंड ये रहा है कि साउथ की बड़ी रिलीज़ेज़ हिंदी भाषी राज्यों में अच्छा बिज़नेस कर रही है. 'विक्रम वेधा' इसे पलट सकती है.

फिल्म विक्रेता अक्षय राठी ने इंडियन एक्सप्रेस से इस बारे में बात की. बताया कि ऋतिक और सैफ की हिंदी भाषी ऑडियंस के बीच अच्छी अपील है. इस वजह से ‘विक्रम वेधा’ लोगों की पहली पसंद होगी. आगे कहा,
ऋतिक हिंदी फिल्म फ्रेटर्निटी के आखिरी सुपरस्टार्स में से एक हैं. ऑडियंस का एक तबका है जो फिल्म के पोस्टर पर ऋतिक का चेहरा देखकर सिनेमाघरों में आता है. ये उनके बाद आए नए एक्टर्स के साथ नहीं होता. ‘वॉर’ के चार साल बाद उनकी वापसी को लेकर लोग बहुत उत्साहित हैं.
ट्रेड एक्सपर्ट्स का अनुमान अगर सही साबित होता है तो ‘विक्रम वेधा’ को पहले दिन 15 करोड़ रुपए की ओपनिंग मिल सकती है. बता दें कि इस साल की सबसे कामयाब हिंदी फिल्मों में से एक ‘भूल भुलैया 2’ को करीब 14.11 करोड़ रुपए की ओपनिंग मिली थी. हालांकि, ट्रेड एक्सपर्ट गिरीश जौहर का मानना है कि ‘विक्रम वेधा’ इससे भी बड़ी ओपनिंग ले सकती थी. बस अगर फिल्म की मार्केटिंग बेहतर तरीके से की जाती तो. उनके मुताबिक अच्छी मार्केटिंग के साथ ये 20 करोड़ रुपए की ओपनिंग ले सकती थी. उन्होंने कहा कि प्रमोशन में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही. एडवांस बुकिंग भले ही बेहतरीन नहीं पर औसत से ऊपर हैं.
‘विक्रम वेधा’ की तुलना में ‘PS-1’ का नॉर्थ में बड़ा हल्का बज़ है. इसकी वजह प्रमोशन की कमी भी है. साथ ही अक्षय राठी को लगता है कि फिल्म की कहानी से तमिलनाडु की जनता ज़्यादा कनेक्ट करेगी. क्योंकि ये तमिल लिटरेचर का अहम हिस्सा है. वहीं, गिरीश जौहर के मुताबिक ‘PS-1’ को हिंदी बेल्ट में करीब दो करोड़ रुपए की ओपनिंग मिल सकती है. दोनों फिल्में चाहे जितना भी कलेक्शन करें, सिनेमा की जय-जय होने वाली है. जानकारों का ऐसा मानना है. टिकट की कीमतें 10 से 15% तक गिरी हैं. जिस वजह से ज़्यादा लोग सिनेमाघरों में जुटेंगे. इसका सबसे बड़ा सबूत 23 सितंबर आया नैशनल सिनेमा डे था. जब 75 रुपए में टिकट मिल रही थीं. नतीजतन फिल्मों को भारी फुटफॉल मिला.
वीडियो: ब्रह्मास्त्र ने नैशनल सिनेमा डे पर भरपूर पैसा फोड़ा |