साल 1959 में Raj Kapoor और Nutan की एक फिल्म आई थी. इसका नाम था Anari. Hrishikesh Mukherjee फिल्म के डायरेक्टर थे. फिल्म में एक सीन है जहां राज कपूर के किरदार राज को पैसे से भरा बटुआ मिलता है. ये एक अमीर आदमी का है. वो उस बटुए के सही मालिक को खोजकर उसे लौटाना चाहता है. एक बड़े से फैंसी होटल में पहुंचता है. उसकी हालत, उसके कपड़े देखकर दरबान दुत्कारता है. तभी राज हाथ में पकड़ा बटुआ दिखाता है. दरबान के तेवर तपाक से बदलते हैं और वो सम्मान के साथ अंदर जाने को कहता है. कुछ कदम दूर एक वेटर के साथ भी कुछ ऐसा ही वाकया होता है. इधर-उधर नज़र दौड़ाने पर राज को वो अमीर आदमी नज़र आता है. राज उस आदमी को बटुआ थमाता है. वो पूछता है,
शाहरुख का कमबैक करवाने वाले सिद्धार्थ आनंद की कहानी, जिनका दिया रोल सुनकर सलमान उछल पड़े थे!
ये वो Siddharth Anand हैं जिनके लिए Ranbir Kapoor ने अपना नियम तोड़ दिया था.

अमीर आदमी: तुम जानते हो इस बटुए में कितने रुपये हैं?
राज: बहुत से रुपये हैं जी.
अमीर आदमी: और तुम ये मुझे वापस करने आए हो?
राज: जी हां.
अमीर आदमी: तब तो तुम बिल्कुल अनाड़ी हो.
वो आदमी, राज को बैठने के लिए कहता है. फिर कहता है,
देखते हो ये रंगीन ज़िंदगी. हीरे-मोती-जवाहरात से लदी औरतें. भड़कीले कहकहे लगाने वाले ये मर्द. ये लोग सब कौन है?
राज कहता है कि उसे नहीं मालूम. उस पर सामने वाला का जवाब आता है,
ये वो लोग हैं जिन्हें सड़कों पर बटुए मिले और उन्होंने लौटाए नहीं.
इस एक लाइन ने बिना कहे बहुत कुछ कह दिया. स्वभाव से लेकर सोशल क्लास तक, हर चीज़ पर एक लाइन में ही टिप्पणी कर दी. इस लाइन को Inder Raj Anand ने लिखा था. जब ये लाइन सिनेमा में कही गई, उसके करीब 63 साल बाद एक फिल्म आई. इस फिल्म से Shah Rukh Khan चार साल बाद वापसी कर रहे थे. Pathaan नाम की इस फिल्म के अंत में शाहरुख कहते हैं,
एक सोल्जर ये नहीं पूछता कि देश ने उसके लिए क्या किया, पूछता है वो देश के लिए क्या कर सकता है.
इस फिल्म को इंदर राज आनंद के पोते Siddharth Anand ने बनाया था. राज कपूर से शाहरुख खान तक की जर्नी बहुत बड़ी रही है. कैसे सिद्धार्थ के पिता नहीं चाहते थे कि वो फिल्मों में आएं. कैसे उन्होंने Ranbir Kapoor की जान मुश्किल में डाल दी थी. Salman Khan से ऐसा क्या कहा कि वो उछल पड़े. शाहरुख का कमबैक करवाने वाले सिद्धार्थ आनंद की पूरी कहानी जानेंगे.
# पिता चाहते थे कि बेटा CA बने
इंदर राज आनंद के दो बेटे हुए – टिनू आनंद और बिट्टू आनंद. दोनों बेटे फिल्मी दुनिया के बीचों-बीच पले-बड़े. दोनों इसी इंडस्ट्री में आना चाहते थे मगर पिता इस बात के खिलाफ थे. टिनू आनंद ने सत्यजीत राय को असिस्ट किया. वापस मुंबई आकर अमिताभ बच्चन के साथ ‘कालिया’ और ‘शहंशाह’ जैसी पॉपुलर फिल्में बनाईं. भाई बिट्टू आनंद प्रोड्यूसर बन गए. पिता की मर्ज़ी के खिलाफ जाकर दोनों भाई फिल्म इंडस्ट्री में आए और कामयाब भी हुए. बस अफसोस इस बात का रहा कि पिता उस मुकाम को नहीं देख सके.
बिट्टू के बेटे सिद्धार्थ आनंद भी बचपन से फिल्मों के करीब रहे. घर पर एक्टर्स, सेलिब्रिटीज को आते-जाते देखा. सैफ अली खान, ऋतिक रोशन और रानी मुखर्जी दोस्त थे. बड़े होने पर सिद्धार्थ ने भी पिता के सामने घोषणा कर दी कि उन्हें भी फिल्म इंडस्ट्री में ही करियर बनाना है. बिट्टू आनंद ने उसी तरह से रिएक्ट किया जैसा किसी ज़माने में उनके पिता ने किया था. बिट्टू ने साफ, सरल, स्पष्ट भाषा में सिद्धार्थ को मना कर दिया. वो देख चुके थे कि इस इंडस्ट्री में बहुत रिस्क है. यहां स्थिरता नहीं है. पिता चाहते थे कि सिद्धार्थ अपनी पढ़ाई पूरी करें और आगे जाकर चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) बनें. सिद्धार्थ एक पुराने इंटरव्यू में बताते हैं कि पिता की सलाह मानकर वो CA का फॉर्म भी लेने चले गए.
फॉर्म लेने के लिए एक लंबी कतार थी. सिद्धार्थ के पास पहले भी CA बनने की कोई ज़्यादा प्रेरणा नहीं थी, ऐसे में बचा हुआ काम इस भीड़ ने कर दिया. वो बिना फॉर्म लिए ही घर लौट गए. आगे की पढ़ाई जारी रखी. साथ ही पिता को भी मनाते रहे, कि उन्हें फिल्मों में काम करने दिया जाए. एक पॉइंट पर आकर पिता को सिद्धार्थ की बात माननी पड़ी. सिद्धार्थ अपनी फिल्में बनाना चाहते थे. पहली सीढ़ी थी किसी डायरेक्टर को असिस्ट करने की. राहुल रवैल उन दिनों ‘कुछ खट्टी कुछ मीठी’ नाम की फिल्म बना रहे थे. सिद्धार्थ को उनके पास भेज दिया गया. सिद्धार्थ उस फिल्म पर असिस्ट करने लगे. चाहते थे कि रिलीज़ पर पिता को फिल्म दिखाई जाए. अपना सपना पूरा करने की तमन्ना थी. लेकिन दुर्भाग्यवश फिल्म रिलीज़ होने से पहले ही सिद्धार्थ के पिता बिट्टू आनंद का निधन हो गया. पिता के जाने के बाद सिद्धार्थ ने हमेशा के लिए पढ़ाई से दूरी बना और खुद को पूरी तरह से फिल्मों में झोंक दिया.
# “उस बच्चे की तबियत खराब है...”
साल 2005 में सिद्धार्थ की पहली फिल्म ‘सलाम नमस्ते’ रिलीज़ हुई. लीड रोल्स में सैफ अली खान और प्रीति ज़िंटा थे. इस फिल्म से सिद्धार्थ ने अपना स्टाइल सेटअप कर दिया था. प्रीति से एक पुराने इंटरव्यू में पूछा गया कि नए डायरेक्टर के साथ काम करने का अनुभव कैसा था. उन्होंने मज़ाक में कहा कि जब फिल्म की शूटिंग शुरू हुई थी तब सिद्धार्थ उन्हें और सैफ को नाम से बुलाते थे. लेकिन अंत तक वो उन्हें बेटा कहकर पुकारने लगे थे.
खैर ‘सलाम नमस्ते’ रिलीज़ हुई. फिल्म को क्रिटिक्स ने पसंद किया. जनता ने भी फिल्म पर प्यार लुटाया. बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कलेक्शन किया. सिद्धार्थ ने अपनी अगली फिल्म भी सैफ के साथ ही बनाई. बस यहां प्रीति ज़िंटा की जगह रानी मुखर्जी थीं. ये फिल्म थी साल 2007 में रिलीज़ हुई ‘ता रा रम पम’. ये वो फिल्म थी जिसने एक पूरी जनरेशन को ट्रॉमाटाइज़ किया. किसी बच्चे के कूड़ेदान से बर्गर निकालकर खाना किसी भूत को देखने से भी ज़्यादा डरावना था. फिल्म में इस बच्चे का रोल अली हाजी ने किया था. वो फिल्म में सैफ और रानी के बेटे बने थे. सैफ ने एक बार उनसे जुड़ा एक किस्सा भी सुनाया.
हुआ यूं कि एक दिन सेट पर सैफ की तबियत ठीक नहीं थी. वो किसी भी तरह वहां से निकलना चाहते थे. उसी दिन अली की तबियत भी खराब थी. लेकिन वो लगातार शूट कर रहे थे. सैफ इस इंतज़ार में थे कि किसी तरह अली शूट करने से मना कर दें, ताकि सैफ खुद भी निकल सकें. सैफ ने इस बारे में सिद्धार्थ आनंद से बात की. सिद्धार्थ का कहना था कि उस बच्चे की तबियत खराब है, फिर भी वो काम कर रहा है. ऐसे में तुम ये बात कैसे कर सकते हो. सैफ कहते हैं कि ये उनके लिए एक सबक था. वो सेट पर रुके और शूटिंग पूरी की.
# रणबीर कपूर की जान पर बात आ गई
‘सलाम नमस्ते’ और ‘ता रा रम पम’ के बाद सिद्धार्थ की अगली फिल्म ‘बचना-ए-हसीनों’ थी. सिद्धार्थ और रणबीर कपूर ने पहली बार साथ में काम किया. लेकिन दोनों की पार्टनरशिप सिर्फ एक फिल्म तक सीमित नहीं रहने वाली थी. सिद्धार्थ की चौथी फिल्म ‘अनजाना अनजानी’ को भी रणबीर ने लीड किया था. सिद्धार्थ ने उस समय के इंटरव्यूज़ में कहा कि रणबीर के साथ काम करना किसी लत की तरह (addictive) था. उधर कहा जाने लगा कि रणबीर ने सिद्धार्थ के लिया अपना नियम तोड़ दिया. वो नियम था कि रणबीर एक डायरेक्टर के साथ सिर्फ एक ही फिल्म करेंगे. मगर सिद्धार्थ के साथ उन्होंने दो फिल्में बनाईं.

सिद्धार्थ और रणबीर का बॉन्ड कैसे बना, उससे जुड़े दो किस्से बताते हैं. ‘बचना-ए-हसीनों’ के गाने ‘खुदा जाने’ की शूटिंग चल रही थी. केके और शिल्पा राव की आवाज़ में गाए इस गाने को रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण पर फिल्माया गया था. इस गाने के एक हिस्से के लिए सिद्धार्थ ने रणबीर को एक पहाड़ के सबसे आखिरी कोने पर खड़ा कर दिया. उन्हें वहां खड़े होकर अपनी बाहें फैलानी थी. सिद्धार्थ बताते हैं कि रणबीर को वर्टिगो की दिक्कत थी. यानी ऊंची हाइट से डर लगता है. उस शॉट के लिए रणबीर कपूर की हालत खराब हो गई. बहरहाल किसी भी तरह उन्हें वो शूट कर ही लिया.
‘अनजाना अनजानी’ में भी ऐसा ही कुछ हुआ था. फिल्म के एक सीन में रणबीर और प्रियंका चोपड़ा समुद्र के बीचों-बीच फंस जाते हैं. अब उस सीन में रणबीर को पानी में कूदना था. पानी बेतहाशा ठंडा, हाथ डाले तो उंगलियां जम जाए. मसला सिर्फ इतना ही नहीं था. रणबीर को Aquaphobia था. यानी पानी का डर होना. उसके बाद भी रणबीर ने वो सीन खुद ही शूट किया.
# सलमान को आइडिया सुनाया, वो उछल पड़े
सिद्धार्थ ने यशराज फिल्म्स के लिए ‘वॉर’ डायरेक्ट की थी. गांधी जयंती पर रिलीज़ हुई ये फिल्म साल 2019 की सबसे कमाऊ हिंदी फिल्मों में से एक थी. ‘वॉर’ पर काम करने के दौरान सिद्धार्थ एक और आइडिया को डिवेलप कर रहे थे. लेकिन उस समय तक उस कहानी को पुख्ता ज़मीन और उसके हीरो को कोई शक्ल नहीं मिली थी. ऐसे में ‘वॉर’ की स्क्रिप्ट तैयार थी, तो पहले उसे ही बनाया गया. ‘वॉर’ की धांसू कामयाबी के बाद यशराज फिल्म्स के कर्ताधर्ता आदित्य चोपड़ा, सिद्धार्थ को एक और फिल्म डायरेक्ट करने के लिए देना चाहते थे. सिद्धार्थ जिस आइडिया पर काम कर रहे थे, अब वो इस फिल्म में तब्दील होने वाला था. इस फिल्म का टाइटल पड़ा ‘पठान’.
दिसम्बर 2018 में शाहरुख खान की फिल्म ‘ज़ीरो’ आई थी. बॉक्स ऑफिस पर ये फिल्म बुरी तरह तहस-नहस हो गई. शाहरुख ने फिल्मों से ब्रेक ले लिया. इस दौरान उनकी निजी ज़िंदगी में भी उथल-पुथल आई. पब्लिक सेंटीमेंट शाहरुख के साथ बनने लगा. एक बड़ा तबका चाहता था कि वो ऐसी धमाकेदार वापसी करें कि सबकी बोलती बंद हो जाए. ये मौका उन्हें ‘पठान’ ने दिया. 25 जनवरी 2023 को शाहरुख खान की कमबैक फिल्म ‘पठान’ रिलीज़ हुई. फिल्म ने शाहरुख की सालों पुरानी तमन्ना पूरी कर दी. उन्होंने भरपूर एक्शन किया. शाहरुख के करियर की पहली फिल्म बनी जिसने 1000 करोड़ रुपये से ज़्यादा का कलेक्शन किया.

‘पठान’ में शाहरुख, दीपिका पादुकोण और जॉन अब्राहम थे. लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं कि सलमान खान के कैमियो ने मजमा लूट लिया. मेकर्स ने सलमान के कैमियो को सरप्राइज़ रखने की पूरी कोशिश की. लेकिन सलमान अपना उत्साह नहीं रोक सके. उन्होंने मीडिया को पूरा प्लान बता दिया. फर्स्टपोस्ट को दिए इंटरव्यू में सिद्धार्थ बताते हैं कि सलमान के कैमियो का आइडिया आदित्य चोपड़ा को आया था. उन्होंने सलमान से इस बारे में बात की. सिद्धार्थ कहते हैं कि ये सुनकर सलमान उछल पड़े थे. वो सिर्फ शाहरुख के लिए ये फिल्म करना चाहते थे. उन्होंने ये नहीं पूछा कि उनका सीन क्या है, डायलॉग क्या हैं, वो बस फिल्म करने के लिए राज़ी थे. ‘पठान’ ने सिद्धार्थ के करियर को दो हिस्सों में बांट दिया. कुछ ऐसा ही ‘बाहुबली’ ने एसएस राजामौली के करियर के लिए किया था.
‘पठान’ से सिद्धार्थ की ऐसी साख बनी कि शाहरुख ने अपनी अगली फिल्म ‘किंग’ डायरेक्ट करने की ज़िम्मेदारी भी उन्हें सौंप दी. यहां शाहरुख और सुहाना खान पहली बार किसी फिल्म के लिए स्क्रीन शेयर करेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ईद 2026 पर ‘किंग’ रिलीज़ होने वाली है. उसके अलावा वो अपने बैनर Marflix के तले फिल्में भी प्रोड्यूस कर रहे हैं. बाकी खबरें ये भी हैं कि YRF अपने स्पाय यूनिवर्स की सबसे बड़ी फिल्म ‘टाइगर वर्सेज़ पठान’ डायरेक्ट करने के लिए भी सिद्धार्थ को लाने वाले हैं. हालांकि ये फिल्म कब आएगी, इसे लेकर अभी कोई अपडेट नहीं है.
वीडियो: दी सिनेमा शो: शाहरुख खान की 'पठान' के बाद 'किंग' भी सिद्धार्थ आनंद डायरेक्ट करने वाले हैं