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शाहरुख खान की वजह से 'मुन्नाभाई चले अमेरिका' कभी बन ही नहीं पाई!

अरशद वारसी ने बताया कि इस वक्त राजकुमार हीरानी के पास 'मुन्नाभाई 3' की तीन बढ़िया स्क्रिप्ट तैयार रखी हैं.

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अरशद वारसी ने खुलासा किया कि 'मुन्नाभाई MBBS' में पहले ग्रेसी सिंह की जगह तबु को कास्ट किया जा रहा था.

Rajkumar Hirani के डायरेक्शन में बनी Munna Bhai फ्रैंचाइज़ ने Arshad Warsi को घर-घर में पहचान दिलवा दी थी. फिल्म के पहले दो पार्ट्स में Sanjay Dutt मुन्ना, और वो सर्किट बने थे. इस फिल्म ने अरशद के करियर को बदलकर रख दिया था. हाल ही में वो द लल्लनटॉप के स्पेशल प्रोग्राम ‘गेस्ट इन द न्यूजरूम’ में आए हुए थे. यहां उनसे 'मुन्नाभाई' फ्रैंचाइज़ की तीसरी मूवी Munna Bhai Chale America पर सवाल किया गया था. ये फिल्म अनाउंस होने के बावजूद कभी बन नहीं पाई थी. अरशद ने अब इसके पीछे का असली कारण बताया है. उनके मुताबिक इस फिल्म के न बन पाने की बड़ी वजह Shah Rukh Khan और My Name Is Khan हैं.

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अरशद बताते हैं कि 'मुन्ना भाई चले अमेरिका' और 'माय नेम इज़ खान' में काफ़ी समानताएं थीं. उनके मुताबिक,

"माय नेम इज़ खान की कहानी मुन्नाभाई चले अमेरिका से काफ़ी मिलती-जुलती हो गई थी. उस फिल्म में भी हम दोनों यानी मुन्ना भाई और सर्किट, अमेरिका के राष्ट्रपति से मिलने वाले थे. राजकुमार हीरानी को बिल्कुल पसंद नहीं है कि उनकी फिल्म किसी दूसरी फिल्म जैसी लगे. इसलिए जब उन्हें ओह माय गॉड के बारे में पता चला, तो उन्होंने पीके के सेकंड हाफ को तीन बार लिखा.”

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अरशद ने बताया कि ‘मुन्नाभाई’ फ्रैंचाइज़ के तीसरे चैप्टर के लिए हीरानी के पास तीन स्क्रिप्ट्स तैयार हैं. उन सबकी कहानी आजकल आने वाली अधिकतर फिल्मों से बेहतर है. अरशद बताते हैं कि शुरुआत में वो 'मुन्नाभाई MBBS' का पार्ट बनना ही नहीं चाहते थे. मगर टैरो कार्ड रीडर ऋतंभरा दीवान की सलाह पर वो विधु विनोद चोपड़ा से मिलने चले गए थे.

अरशद की मानें तो वो खुद को तब तक इस फिल्म के लिए राजी नहीं कर पाए, जब तक उनकी भेंट राजकुमार हीरानी से नहीं हो गई थी. उन्हें हीरानी बेहद पसंद आए थे. मगर उन्होंने डायरेक्टर के सामने शर्त रखी कि उन्हें फिल्म में पूरी छूट दी जाए. अरशद बताते हैं कि पहले उनके किरदार का नाम खुजली था. मगर उन्होंने इसे बदलकर सर्किट कर दिया. यही नहीं, उन्होंने फिल्म के कई सारे डायलॉग्स और एक्सप्रेशन भी चेंज कर दिए थे. वो सेट पर खूब इम्प्रोवाइज़ करते थे मगर हीरानी ने कभी कोई आपत्ति नहीं जताई. इस वजह से फिल्म के दूसरे चैप्टर, यानी 'लगे रहो मुन्नाभाई' में उन दोनों का काम और आसान हो गया था.

वीडियो: 'शाहरुख खान को खुद को बेचना आता है...' अरशद वारसी ने ऐसा क्यों कहा?

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