चेतन भगत का नया नॉवेल आया है. वन इंडियन गर्ल. इसका एक सबसे बड़ा सीक्रेट है. ये इंडियन गर्ल खुद चेतन भगत हैं. उन्होंने अपनी सारी सोच, सारी फैंटेसी इसमें चांप दी हैं. नॉवेल हमने पढ़ लिया. पूरा 269 पन्ना. ताकि आपको न पढ़ना पढ़े. ये इसलिए नहीं कह रहे कि हम चेतन से खजियाते हैं. हम उन इलीट इंग्लिश पिच्चर वालों की तरह नहीं हैं, जो भगत को फकत भक्त साबित करने पर तुले रहते हैं. हमें उनके पिछले सारे नॉवेल कम ज्यादा पसंद आए, मगर ये वाला सबसे घटिया है. सब कहानी शुरू में ही समझ आ जाती है. जब आपके सारे गेस सही साबित हों, तो समझ लेना चाहिए कि लड़के ने कतई मेहनत नहीं की.
सॉरी चेतन भगत, इस बार तुम्हारी चैतन्यता चूरन-चूरन हो पसर गई
चेतन भगत का नया नॉवेल आया है 'वन इंडियन गर्ल', रीव्यू नहीं जानोगे इसका!

दो सेक्स, ब्राजीलियन वैक्सिंग और खूब सारा पैसा
हाफ गर्लफ्रेंड में चेतन के किरदार पहली बार विदेश गए थे. माधव झा कन्या के फेर में अमरीका पहुंच गए थे. इस बार सब कुछ परदेस में ही है. देश आता है सिर्फ गोवा की शकल में. वहीं से प्लॉट खुलता है. लड़की है. नर्ड है. नाम राधिका है. पढ़ाकू है इसलिए सुंदर नहीं हो सकती. या फिर सुंदर नहीं है, इसलिए किसी का ध्यान नहीं है, इसलिए सारा ध्यान पढ़ाई पर है. इसलिए टॉपर है. तो आईआईएम अहमदाबाद में है. जहां चेतन थे. फिर न्यू यॉर्क में हैं. बैंकर है. जैसे चेतन थे. वहां उसे मिलता है देबू. जो क्रिएटिव है. जैसे चेतन हैं. देबू और राधिका में बातें होती हैं. फिर सेक्स होता है. फिर प्यार होता है. फिर लिव इन. फिर ईगो टसल. फिर ब्रेकअप.
सेकंड पार्ट में राधिका हांगकांग में है. यहां बॉस का बॉस है. सुपर. सेक्सी. उम्रदराज. आजकल सॉल्ट एंड पेपर चल रहा है न. जैसे चेतन के हैं. बाल. फिर वही सब. ट्रिप. टॉक. सेक्स. इस बार गिल्ट भी है, क्योंकि बॉस शादीशुदा है. फिर ब्रेकअप.
इन दोनों के बीच पैरों की वैक्सिंग और ब्राजीलियन वैक्सिंग भी है. नायिका को पता चलता है कि प्राइवेट पार्ट्स की वैक्सिंग को ब्रैजिलियन कहते हैं. जनता को भी पता चलेगा. शुक्रिया चेतन भगत. एक इंटरव्यू में जनाब बोले, 'लड़कियों को किस हालत से गुरजना पड़ता है, ये जानने के लिए मैंने वैक्सिंग कराई.' अब एक काम करो. चड्ढी में पांच दिन ब्लड सोक्स पैड्स भी लगा लो. पेट में पत्थर भी बांध लो. फील प्रेग्नेंसी एज वेल. लिस्ट लंबी है. तुमसे न हो पाएगा. तो तुम्हारी कहानी खत्म करते हैं.
तो कहानी का तीसरा और आखिरी पड़ाव. लंदन. मम्मी परेशान. बेटी इत्ता कमा रही है. शादी कौन करेगा. शादी डॉट कॉम है न. वही, जिसके चेतन ब्रैंड एंबेसडर हैं. एंटर ब्रजेश. व्हाई ब्रजेश. क्योंकि चेतन भगत हैं कान्हा के. तो हीरो सब के सब कृष्ण के पर्यायवाची. फाइव प्वाइंट समवन का हरि, वन नाइट एट कॉल सेंटर का श्याम, थ्री मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ का गोविंद. टू स्टेट्स का कृष और हाफ गर्लफ्रेंड का माधव. हेंस सिद्धम.
ब्रजेश भी बुरा नहीं है. फेसबुक में कोडर है. सैन फ्रैंसिस्को में रहता है. शुरू में रेगुलर लगता है. आखिरी तक प्रोग्रेसिव हो जाता है. और चूंकि श्याम नाम वाला है. और शादी डॉट कॉम के थ्रू मिला है. तो आखिर में क्या होगा. कहना न होगा.
चेतन भगत खुद को रिपीट कर रहे हैं, भयानक ढंग से. उनके सब रेगुलर एलिमेंट हैं. वैसे भी अब वो नॉवेल नहीं लिखते. फिल्मों का स्क्रीनप्ले लिखते हैं. उसमें से सीन डिटेल्स हटाकर बचे डायलॉग्स की जिल्द बना देते हैं. पब्लिक समझती है कि नॉवेल है. लत है. जिन्होंने पांच पढ़े वो कंटीन्यूटी बनी रहे इसलिए छठा भी पढ़ लेते हैं. मेरी तरह. निराश भी होते हैं. क्योंकि अब तक हम कहते आए थे. कि चेतन लिटरेचर का सलमान खान है. उसने पब्लिक को जोड़ा है.
आज भी याद है. जेएनयू की वो शाम. एमए के दिन. पहली मर्तबा एक इंग्लिश नॉवेल उठाया. नाम था फाइव प्वाइंट समवन. कुछ ही घंटों के लिए किताब मिली थी. तो आधी पढ़ी लौटानी पड़ी. चैन तब आया, जब किसी और से मांग पूरी पढ़ ली. कमाल अनुभव था. ऐसे भी लिखा जा सकता है.
अब सब फॉर्मूला हो गया है. ऐसे ही लिखा जा सकता है. सॉरी चेतन. इस बार तुम्हारी चैतन्यता चूरन-चूरन हो पसर गई.
रिव्यू देखें:
https://www.youtube.com/watch?v=vOyDRKRsn40'वन इंडियन गर्ल' रूपा पब्लिकेशन से आई है. 176 रुपया दाम है. ऑनलाइन साइट्स पर 99 रुपए में बिक रही है. अब भी पढ़ने का मन कर रहा हो, तो खरीद लेना.