महेश जोशी- जयपुर की हवामहल सीट से विधायक हैं. दो बार विधायक और एक बार लोकसभा सांसदी का चुनाव जीत चुके हैं. उन्हें गहलोत का नजदीकी माना जाता है. मजाक में महेश जोशी को जयपुर का मुख्यमंत्री कहा जाता है. पायलट खेमे की बगावत के समय हुए सियासी संकट के वक्त संकट मोचक बने. ब्राह्मण चेहरे के तौर पर मंत्रिमंडल में जगह मिली है.
विश्वेंद्र सिंह- भरतुपर की डीग-कुम्हेर सीट से विधायक हैं. तीन बार विधायकी का चुनाव जीता है. पहले भी मंत्री थे. सियासी संकट के बीच मंत्री पद छोड़ना पड़ा था. सचिन पायलट खेमा का प्रमुख चेहरा हैं. कहा जा रहा है कि विश्वेंद्र सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल करने की वजह पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की नाराजगी दूर करने का संदेश देना है.
ममता भूपेश बैरवा- दौसा जिले की सिकराय सीट से विधायक हैं.दलित समुदाय से आती हैं. अभी महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री हैं. अब प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा. ममता भूपेश महिला NSUI और यूथ कांग्रेस में काम कर चुकीं हैं. माना जा रहा है कि उन्हें प्रमोट कर दौसा जिले में सियासी समीकरण साधने की कोशिश की जा रही है.
भजनलाल जाटव- भजनलाल जाटव भरतपुर के वैर से दूसरी बार विधायक हैं.अभी गृह रक्षा राज्य मंत्री हैं. प्रमोट होकर कैबिनेट मंत्री बने हैं. बीजेपी राज में उप चुनाव में वैर से जीतकर चर्चा में आए थे. कहा जा रहा है कि भरतपुर में जाटव वोट बैंक को साधने के लिए भजनलाल जाटव को प्रमोट किया जा रहा है.
गोविंदराम मेघवाल- बीकानेर की खाजूवाला से विधायक हैं. दो बार विधायकी का चुनाव जीता है. दलित कोटे से मंत्री बनाए गए हैं. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. गोविंद मेघवाल पहले बीजेपी में थे. वसुंधरा राजे के पहले कार्यकाल में संसदीय सचिव रहे थे. बाद में बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आए. कहा जाता है कि गोविंद मेघवाल की छवि दबंग नेता की है.
शकुंतला रावत- अलवर की बानसूर सीट से दो बार की विधायक.गुर्जर समुदाय से आती हैं. मुख्यमंत्री की भरोसेमंद भी हैं. शकुंतला रावत को कैबिनेट में जगह देने के पीछे पार्टी के हलकों में गुर्जरों को आगे बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. क्योंकि कहा जा रहा है कि पार्टी को जीत की ओर ले जाने के बावजूद पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया इससे गुर्जर समुदाय नाराज है.
टीकाराम जूली- अलवर ग्रामीण सीट से विधायक हैं. दलित समुदाय से आते हैं. अभी श्रम राज्य मंत्री थे. प्रमोट करके कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.टीकाराम जूली 2004 में जिला परिषद् अलवर के पहली बार सदस्य बने. 2008 में कांग्रेस के टिकट पर विधायकी जीते. टीकाराम के पिता लेखराज जिलाध्यक्ष रह चुके हैं.
रमेश मीणा- राजस्थान सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रहे हैं. करौली के सपोटरा से तीन बार के विधायक हैं. कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. सियासी संकट के दौरान मंत्री पद छोड़ना पड़ा था. पायलट खेमे के माने जाते हैं. फिर से मंत्रिमंडल में होंगे शामिल.
राज्य मंत्री
जाहिदा- भरतपुर की कामा सीट से विधायक हैं. संसदीय सचिव भी रह चुकी हैं.राजस्थान, हरियाणा और पंजाब तीनों राज्यों में कैबिनेट मंत्री रह चुके तैयब हुसैन की बेटी है. मुस्लिम कोटा के तहत मंत्री बनाया गया है.
बृजेंद्र सिंह ओला- झुंझनू सीट से विधायक हैं. तीन बार के विधायक पहले भी मंत्री रह चुके हैं. शेखावटी क्षेत्र के बड़े जाट नेता माने जाते हैं. पायलट समर्थक हैं. कद्दावर नेता रहे शीशराम ओला के बेटे हैं.
राजेंद्र गुढ़ा- झुंझनू जिले की उदयपुरवादी सीट से विधायक हैं. बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े और जीते, लेकिन पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस की पिछली सरकार में भी अशोक गहलोत सरकार के मंत्री के तौर पर काम कर चुके हैं.
मुरारीलाल मीणा- दौसा से विधायक हैं. 2008 से 2013 तक कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे थे. 2013 में चुनाव हार गए थे. पायलट खेमे से मंत्री के तौर पर शामिल हो रहे हैं.