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आलिया भट्ट की 'राज़ी' की 10 बातेंः इस असली भारतीय महिला जासूस का बलिदान आप नहीं जानते!

फिल्म का ट्रेलर आ गया है. यहां देखें!

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फिल्म के एक दृश्य में आलिया भट्ट. उनकी मां सोनी राजदान ने भी फिल्म में एक्टिंग की है. एक सीन में वो उनके और विकी कौशल के साथ खड़ी नज़र आती हैं. (सभी फोटोः धर्मा प्रोडक्शंस)
1. इसमें आलिया भट्ट एक जासूस बनी हैं जो पाकिस्तान के राज़ भारत को पहुंचाती है. उसका नाम है - सहमत. उनका किरदार एक असली भारतीय महिला जासूस की कहानी है जिसकी पहचान आज तक गोपनीय रखी गई है. ljlkej 2. वो कश्मीर से है. संभवतः 1971 का वक्त है. सहमत एक मासूम लड़की है. उसके पिता और भारतीय गुप्तचर एजेंसी के लोग मिलकर तय करते हैं उसे पाकिस्तान में प्लेस करना है ताकि वो वहां भारत की आंख और कान बन सके. Untitled-16dd 3. फिर उसे इसकी ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेन करने वाले हैंडलकर / अधिकारी का रोल जयदीप अहलावत ने किया है. पाकिस्तान जाने के बाद सहमत वहां से जुटाई सारी जानकारियां दूसरे सूत्रों के ज़रिए इसी अधिकारी को पहुंचाती है. ljekjllj 4. पाकिस्तान में स्थापित करने के लिए उसकी शादी सेना के एक बड़े अधिकारी के बेटे से कर दी जाती है जो खुद एक पाकिस्तानी आर्मी ऑफिसर है. इस अधिकारी का रोल विकी कौशल (मसान, रमन राघव 2.0) ने निभाया है. वे और आलिया इस फिल्म के ज़रिए पहली बार साथ काम कर रहे हैं. ljljjekljll 5. एक आम लड़की से एक जासूस के रूप में सहमत का परिवर्तन बहुत कष्टभरा होता है. जब वो पहली बार किसी की जान लेती है तो टूट जाती है. उसे पाकिस्तान में अपना कवर बचाए रखने के लिए ऐसा बहुत कुछ करना पड़ता है. ljeljj 6. आरुषि-हेमराज मर्डर केस पर उम्दा फिल्म 'तलवार' बनाने वाली मेघना गुलज़ार ने 'राज़ी' को डायरेक्ट किया है. करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शंस और जंगली पिक्चर्स ने मिलकर इसे प्रोड्यूस किया है. फिल्म 11 मई को रिलीज हो रही है. ljlejlejej 7. ये फिल्म हरिंदर सिक्का के 2008 में प्रकाशित नॉवेल ‘कॉलिंग सहमत’ पर आधारित है. वो एक असल भारतीय जासूस महिला की कहानी है. कहानी में इतने बदलाव किए गए हैं ताकि उन जासूस और उनके परिवार की पहचान न जाहिर हो. sedd 8. वो असल महिला भारतीय जासूस एक कश्मीरी मुस्लिम युवती थीं जिनके पिता एक रईस कश्मीरी थे. लेकिन देश के लिए उन्होंने पाकिस्तान जाकर गृहस्थी बसाई और जान को खतरे में डालकर देश को भारी महत्व की जानकारियां देती रहीं. उन्हीं की वजह से 1971 के युद्ध के दौरान बहुत से भारतीय सैनिकों की जान बची. se 9. उनकी दी सबसे जरूरी जानकारी थी कि पाकिस्तान ने भारतीय युद्धपोत आईएनएस विराट को डुबोने के लिए एक प्लान बनाया था. भारत सरकार इस युद्धपोत को उनकी दी जानकारी की वजह से बचा पाई. Untitled-11dkljljkl 10. बाद में वे भारतीय जासूस अपने बेटे के साथ भारत लौट आईं. उनका बेटा फिर भारतीय सेना में शामिल हुआ. कारगिल लड़ा. वो शायद आज भी सेना में सेवारत है लेकिन वे महिला जासूस अब जिंदा नहीं हैं. ‘राज़ी’ की कहानी संभवतः उसी सीन से शुरू होगी जहां उन जासूस की मृत्यु हो चुकी है और उनके शव पर तिरंगा लिपटा हुआ है. फिल्म का ट्रेलरः

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