Cannes Film Festival 2024 में डायरेक्टर Payal Kapadia ने ग्रां प्री (Grand Prix - Jury Prize) जीतकर इतिहास बनाया. उनकी फिल्म All We Imagine As Light को ये अवॉर्ड मिला. पायल की इस उपलब्धि के लिए फिल्म एंड टेलिविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) के पूर्व चेयरमैन Gajendra Chauhan ने भी उन्हें बधाई दी है. साथ ही उन्होंने पायल की स्कॉलरशिप रोकने और उनकी गिरफ्तारी पर भी रिएक्ट किया है.
FTII में पायल कपाड़िया की स्कॉलरशिप रोकने वाले गजेंद्र चौहान ने बधाई दी, साथ में ताना भी मार दिया
अपनी फिल्म All We Imagine As Light के लिए Cannes Film Festival 2024 में Grand Prix जीतने वाली Payal Kapadia को FTII के पूर्व चेयरमैन Gajendra Chauhan ने बधाई दी है.

गजेंद्र चौहान ने टाइम्स नाव से बातचीत की. इसमें उनसे FTII की नियुक्ति के दौरान पायल ने जो विरोध किया, इस पर सवाल पूछा गया. जवाब में गजेंद्र ने कहा,
"मैं पायल की उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई देता हूं. लेकिन प्रतिभाशाली और अनुशासित होने में बहुत बड़ा फर्क होता है. प्रतिभाशाली होना बहुत अच्छा है. मगर अनुशासन में रहना बहुत ज़्यादा ज़रूरी है."
गजेंद्र ने इस बातचीत में पायल की गिरफ्तारी और चार्जशीट पर नाम होने पर भी बात की. उनका कहना है,
"मुझे अच्छे से याद नहीं है कि उनका चार्जशीट में नाम था या नहीं. लेकिन स्टूडेंट्स के एक बड़े ग्रुप ने तत्कालीन एफटीआईआई निदेशक प्रशांत पाथराबे को बंधक बनाया था. सच कहूं तो अपहरण कर लिया था. वो डायबटीज़ से पीड़ित थे और उन्हें जबरदस्ती 12-14 घंटों तक बंधक बनाया हुआ था."
दरअसल, बात 2015 की है. FTII के चेयरमैन के पद पर गजेंद्र चौहान का नियुक्त किया गया. पायल और उनके साथी फ़िल्म स्टूडेंट्स ने इसका विरोध किया. उनका कहना था कि गजेंद्र चौहान की पेशेवर योग्यता इस पद पर बैठने की नहीं है. और उनकी नियुक्ति महज एक राजनीतिक नियुक्ति है. FTII के स्टूडेंट्स ने भारी विरोध प्रदर्शन किए. इस संस्थान के इतिहास के सबसे लंबे प्रोटेस्ट इस दौरान चले. प्रोटेस्ट के 68वें दिन FTII के तत्कालीन निदेशक प्रशांत पथराबे ने 2008 बैच को हॉस्टल खाली करने का नोटिस जारी कर दिया.
पूछने पर प्रशांत ने तर्क दिया कि बच्चों के फिल्म प्रोजेक्ट्स की जांच की गई है, जिनमें अधिकतर अधूरे पाए गए हैं. छात्र उनसे जवाब मांगने गए. उनके ऑफिस को एक ह्यूमन चेन बनाकर घेर लिया. प्रशांत को बाहर निकालने के लिए आधी रात FTII कैंपस में पुलिस आई. पांच छात्रों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने 35 लोगों पर नामजद रिपोर्ट दर्ज की. इनमें पायल कपाड़िया का भी नाम था. बाद में FTII ने इन सभी पर अनुशासन तोड़ने संबंधी कार्रवाई की. FTII ने इनकी स्कॉलरशिप रोक दी. साथ ही फॉरेन एक्चेंज प्रोग्राम में भी शामिल नहीं होने दिया गया. पायल कपाड़िया और उनके साथियों का केस अभी कोर्ट में चल रहा है.
कौन हैं पायल कपाड़िया?
पायल कपाड़िया मुंबई में जन्मीं. उन्होंने आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल से अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की. इसके बाद वो मुंबई लौटीं. यहां सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज़ से उन्होंने इकोनॉमिक्स में ग्रेज़ुएशन किया. इसके बाद सोफिया कॉलेज़ से एक साल का मास्टर्स किया. फिल्म डायरेक्शन की पढ़ाई के लिए फिल्म एंड टेलिविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) जॉइन किया. पायल की मां नलिनी मालिनी भारत की फर्स्ट जनरेशन वीडियो आर्टिस्ट बताई जाती हैं.
पायल ने करियर की शुरुआत शॉर्ट फिल्म से की थी. उन्होंने 2014 में पहली फिल्म Watermelon, Fish and Half Ghost बनाई. इसके बाद 2015 में Afternoon Clouds बनाई जो Cannes में गई थी. फिर उन्होंने The Last Mango Before the Monsoon (2017) और And What is the Summer Saying (2018) डॉक्यूमेंट्री बनाई.
इसके बाद उनकी Cannes में पहली जीत हुई. 2021 उनकी डॉक्यूमेंट्री A Night of Knowing Nothing को यहां The Golden Eye मिला, जो फेस्ट की बेस्ट डॉक्यूमेंट्री को दिया जाता है. मज़े की बात है कि ये डॉक्यूमेंट्री FTII में स्टूडेंट्स के प्रोटेस्ट्स पर बेस्ड थी.
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