इस दीवाली Ayushmann Khurrana स्टारर Thamma की भिड़ंत Harshvardhan Rane की Ek Deewane Ki Deewaniyat से होने जा रहा है. दोनों फिल्में 21 अक्टूबर से सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही हैं. मगर इन दोनों फिल्मों की रिलीज़ से पहले ही मेकर्स के बीच रस्साकशी शुरू हो गई. खबर है कि डिस्ट्रिब्यूटर्स ने 'थामा' के लिए सिंगल और डबल स्क्रीन थिएटर्स के सभी शोज़ मांग लिए हैं.
हर्षवर्धव राणे की 'एक दीवाने की दीवानियत' से डर गए आयुष्मान की 'थामा' के मेकर्स?
'थामा' और 'एक दीवाने...' में होने वाली है जबरदस्त भिड़ंत. 'थामा' के मेकर्स, हर्षवर्धन राणे की फिल्म को स्क्रीन्स नहीं देना चाहते. वजह ये है.
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बॉलीवुड हंगामा ने सोर्स के हवाले से बताया,
“आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदन्ना स्टारर थामा को PVR Inox डिस्ट्रिब्यूट कर रही है. मुंबई सर्किट में इसके डिस्ट्रिब्यूटर-पार्टनर अगस्त एंटरटेनमेंट ने इस क्षेत्र के सिनेमाघरों को एक ईमेल भेजा है, जिसमें उन्होंने स्क्रीन शेयरिंग को लेकर अपनी शर्तें रखी हैं. उन्होंने सिंगल और डबल स्क्रीन वाले थिएटर्स के सभी शोज़ सिर्फ थामा को देने की मांग की है. वहीं ट्रिपल स्क्रीन वाले मल्टीप्लेक्स से उन्होंने कुल 12 शोज़ की मांग की है. यानी दो स्क्रीन पर फिल्म के 100 परसेंट शोज़ और तीसरी स्क्रीन पर एक या दो शोज़.”
अगस्त एंटरटेनमेंट के इस मेल में और भी कई डिमांड्स रखी गई हैं. डिस्ट्रिब्यूटर्स ने 4 स्क्रीन वाले थिएटर्स में 15 शोज़, 5 स्क्रीन में 18, 6 स्क्रीन में 21, 7 स्क्रीन में 24, 8 स्क्रीन में 27, 9 स्क्रीन में 30 और 10 स्क्रीन सिनेमाघरों में 33 शोज़ की मांग रखी है. बता दें कि ये डिमांड केवल अगस्त एंटरटेनमेंट की तरफ़ से आई है, जो मुंबई सर्किट में इस फिल्म को डिस्ट्रीब्यूट कर रही है. देश के दूसरे हिस्सों में फिलहाल ऐसी कोई मांग नहीं देखी गई है.
'एक दीवाने की दीवानियत' एक लव-स्टोरी है. इस फिल्म का मार्केट में बढ़िया बज़ है. इसका क्रेडिट जाता है ‘सैयारा’ और हर्षवर्धन राणे की ‘सनम तेरी कसम’ की री-रिलीज़ को. ये दोनों ही रोमैंटिक फिल्में थीं, जिन्हें पब्लिक ने खूब पसंद किया. इसलिए कई एग्जीबिटर्स अगस्त एंटरटेनमेंट की मांग को नाजायज़ ठहरा रहे हैं. एक एग्जीबिटर ने अपनी असहमति जताते हुए कहा,
“हम थामा ज़रूर दिखाना चाहेंगे क्योंकि ये एक मज़ेदार फिल्म लग रही है. लेकिन सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों को एक दीवाने की दीवानियत जैसी फिल्मों को दिखाने का भी मौका मिलना चाहिए. दरअसल, ये ही वो थिएटर्स हैं जहां हर्षवर्धन राणे की फिल्म अच्छा परफॉर्म कर सकती है. इसके अलावा मराठी फिल्म प्रेमाची गोष्ठा 2 और गुजराती फिल्म छनिया टोली भी इस दिवाली रिलीज़ हो रही है. कुछ सिनेमाघर इन फिल्मों को भी दिखाना चाहेंगे. इसलिए, हम उम्मीद करते हैं कि इस समस्या का कोई बेहतर समाधान निकाला जाएगा.”
एक अन्य एग्जीबिटर ने बताया कि अगस्त एंटरटेनमेंट ने इस नियम के तहत तीनों नेशनल चेन्स- PVR, Inox और सिनेपोलिस को शामिल नहीं किया है. यानी ये कायदे-कानून इन थिएटर्स को छोड़कर बाकी सब पर लागू होंगे. इस भेदभाव ने सिंगल और डबल स्क्रीन सिनेमाघरों के मालिकों को और नाराज़ कर दिया है. इसे ऐसे भी देखा जा रहा है कि शायद ‘थामा’ के मेकर्स ‘एक दीवाने की दीवानियत’ से असुरक्षित हो गए हैं. क्योंकि बुक माय शो पर ‘थामा’ में 1 लाख 4 हज़ार लोगों ने इंट्रेस्ट दिखाया है. वहीं ‘एक दीवाने की दीवानियत’ में 1.07 लाख लोगों की दिलचस्पी है. (आंकड़े इस खबर के लिखे जाने तक).

बता दें कि इस तरह का मामला 'कांतारा: चैप्टर 1' और 'सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी' के वक्त भी देखने को मिला था. तब 'कांतारा' के मेकर्स ने सिंगल और डबल के साथ ट्रिपल स्क्रीन सिनेमाघरों से भी 100 परसेंट शोज़ की मांग की थी. यही नहीं, उन्होंने 4 स्क्रीन वाले सिनेमाघरों से भी 80 से 90 परसेंट शोज़ मांग डाले थे. हालांकि तब डिस्ट्रिब्यूटर्स ने बातचीत के जरिए बीच का रास्ता निकाला और दोनों फिल्मों के बीच स्क्रीन शेयर्स किए थे.
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