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आज कहां हैं आपके बचपन के सबसे सुंदर गानों को आवाज़ देने वाले?

लकड़ी की काठी से चड्डी पहन के फूल खिलाने तक वाले.

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फोटो - thelallantop
हिंदी सिनेमा में यूं तो बच्चों के ज़्यादातर गानों को बड़े गायकों ने ही आवाज़ दी है. 'फूलों का तारों का' में किशोर दा और लता जी की आवाज़ है तो 'हैपी बर्थडे टू यू' को रफी साहब ने सुर दिए हैं. फिल्म बीवी नंबर 1 के 'मुझे माफ करना साईं राम' में मुख्य आवाज़ अभिजीत और अल्का याग्निक की ही है. मगर जब कभी किसी बच्चे की आवाज़ में कोई गाना हिट हुआ है, तो उस गाने की लोकप्रियता दशकों तक रही है. इस समय लोगों के दिमाग पर 'दंगल' का 'हानिकारक बापू' छाया हुआ है. दो बच्चों 'सरवर खान' और 'सरताज़ खान बरना' के गाए इस गीत के बहाने हम आज बात करते हैं उन गानों की, जिनमें बच्चों ने ही अपनी आवाज़ दी और ये भी बताते हैं कि बचपन से स्टार बने वो बच्चे आज क्या कर रहे हैं: 1- मास्टर मदन 'यूं न रह-रह कर हमें अब तड़पाइये.'  मास्टर मदन हिंदी फिल्म संगीत की सबसे दुर्लभ प्रतिभाओें में से एक माने जाते हैं. 1927 में पैदा हुए मदन ने कुल 8 गाने गाए. जिनके लिए देश भर में दीवानगी की हद तक लोकप्रियता देखी गई. कहा जाता है कि 14 साल की उम्र में मदन को मर्करी खिला दिया गया और हिंदी का पहला नन्हा सुपर स्टार असमय ही चल बसा. https://www.youtube.com/watch?v=I0vDvwYE59Q 2- वनिता मिश्रा, गौरी बापट, गुरप्रीत कौर लकड़ी की काठी, काठी पे घोड़ा, 1983 की फिल्म मासूम के इस गाने को गाने वाले इन तीन सिंगर्स में वनिता मिश्रा ने अभी तक के करियर में कुल 6 हिंदी गाने गाए. गुरप्रीत कौर ने मासूम के बाद कुछ पंजाबी भजन और गाने गाए. इस तिकड़ी की तीसरी सिंगर गौरी बापट इन तीनों के मुकाबले फिल्म इंडस्ट्री में सबसे ज़्यादा सक्रिय हैं. 2003 की फिल्म जानशीन के गाने इन्होंने गाए थे. 2014 की मराठी फिल्म अजूबा का स्क्रीन प्ले लिखा. https://www.youtube.com/watch?v=chXKA41cec4   3- अमोल सहदेव विशाल भारद्वाज ने जब ऐनिमेशन सीरीज़ 'द जंगल बुक' का गीत कम्पोज़ किया तो अपने दोस्त आलोक सहदेव के चौथी क्लास में पढ़ने वाले बेटे से गवाया. इस एक गाने से स्टार बने अमोल सहदेव ने MBA किया और अब दिल्ली में TCS में नौकरी करते हैं. क्लासिकल म्यूज़िक में ट्रेंड अमोल शौकिया तौर पर शो भी करते हैं. https://www.youtube.com/watch?v=fQ4nOwxnVdw   4- आदित्य नारायण आदित्य नारायण बाल गायकों में शायद सबसे पॉपुलर हुए हैं. ‘छोटा बच्चा जान के’ गाने वाले आदित्य ने बचपन में कई हिट गाने गाए. बड़े होकर ऐक्टिंग में हाथ आजमाया. फिलहाल म्यूज़िकल शो सारेगामापा के एंकर के तौर पर लोकप्रिय हैं. https://www.youtube.com/watch?v=1Wr7fgH1tD8 5- आलाप मझगांवकर और उपगना पांड्या मकड़ी के 'उंगली दबाके अंगूठा बना ' देने वाली आलाप और उपगना की जोड़ी में उपगना ने मकड़ी के बाद कुछ ही एक गाने और गाए. वहीं आलाप ने इसके बाद जो गाने गाए उनमें हैदर का 'आओ न सो जाओ न' बहुत मशहूर हुआ. https://www.youtube.com/watch?v=qetBI2Lir5I
सिर्फ हिंदुस्तान में ही नहीं दुनिया भर में ये देखा गया है कि बचपन में सिंगर के तौर पर प्रसिद्ध हुए ज़्यादातर गायक बड़े होकर गायकी में चल नहीं पाते हैं. कभी इसकी वजह कम उम्र में स्टारडम मिल जाने के कारण रियाज़ में कमी रह जाना है. तो कभी बचपन के सुपरहिट गाने का पैकेज कैरी करना भी एक कारण होता है. खैर, आप एक बार बचपन के दिनों की याद ताज़ा करते हुए वो गाना सुनिये जिसे साधना सरगम ने गाया था.
https://www.youtube.com/watch?v=R-tTOJ1RvUY  

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