The Lallantop

कमल हासन की बॉलीवुड को सलाह: "इंग्लिश नहीं, हिंदी-बंगाली फ़िल्में देखिए"

कमल ने बताया कि एक समय ऐसा था जब वो इंस्पिरेशन के लिए हिंदी सिनेमा को देखा करते थे.

Advertisement
post-main-image
कमल हासन की इस साल आई फिल्म 'विक्रम' ने खूब नोट छापे.

साल 2022 बॉलीवुड के लिए कुछ खास नहीं रहा. बड़े-बड़े फिल्ममेकर्स और स्टार्स की फिल्में आईं और आई-गई हो गईं. एक-दो को छोड़ दें तो बाकी फिल्मों ने ना तो बॉक्स ऑफिस पर ढंग से कमाई की और ना ही लोगों को वो फिल्में पसंद आई. लॉकडाउन के बाद ऑडिएंस का फिल्मों को लेकर टेस्ट काफी बदल गया. इस साल बॉलीवुड से ज़्यादा साउथ सिनेमा का बोलबाला रहा. राजामौली, प्रशांत नील और लोकेश कनगराज की फिल्मों को खूब पसंद किया गया. सिर्फ इंडिया में ही नहीं ग्लोबली भी इन फिल्मों की तारीफ हुई. फिल्ममेकिंग पर ही बात करते हुए कमल हासन ने बॉलीवुड फिल्ममेकर्स को सलाह दे डाली है.

Advertisement

कमल हासन फिल्म कम्पैनियन के द फिल्ममेकर्स अड्डा में पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि एक समय ऐसा था जब वो इंस्पिरेशन के लिए हिंदी सिनेमा को देखा करते थे. कमल ने कहा,

''इंग्लिश फिल्में देखने से पहले हिंदी फिल्मों को देखना चाहिए. हिंदी और बंगाली सिनेमा को देखिए. क्योंकि जब आप कहते हैं कि हिंदी सिनेमा में कुछ नहीं तो मैं आपको बता दूं मुझे हिंदी फिल्मों से ही बहुत ज़्यादा इंस्पिरेशन मिली है. जिनका मैं सबसे ज़्यादा सम्मान करता हूं वो हिंदी सिनेमा से ही जुड़े हुए हैं. दो चीज़ें होती हैं, एक उत्तरायण और एक दक्षिणायन. आज कल कमर्शियल फिल्में भी सूरज की तरह मूव कर रही हैं. अभी सूरज दक्षिण में चमक रहा है. हम उम्मीद करते हैं आगे भी ये ऐसे ही चमकता रहे.''

Advertisement

कमल ने ये भी कहा कि समय के साथ बदलना बहुत ज़रूरी है. यही पॉपुलर फिल्मों को बनाने की चाभी भी है. कमल कहते हैं,

''जब शांताराम जी 'डॉक्टर कोटनिस की अमर कहानी' बना रहे थे वो बिल्कुल सड़क किनारे खड़े आदमी की तरह फिल्म डायरेक्ट कर रहे थे. जब वो बड़े फिल्ममेकर बन गए तो अपने कनेक्शन को ध्यान में रखते हुए उन्होंने 'झनक झनक पायल बाजे' और 'नवरंग' जैसी फिल्में बनाईं. ये एक दूसरी दुनिया थी जो उन्होंने बनाई.''

RRR वाले राजामौली ने भी इस मुद्दे पर बात की. उन्होंने कहा कि कंफर्ट, क्रिएटिविटी की सबसे बड़ी दुश्मन है. उन्होंने कहा,

Advertisement

''आपकी फिल्म अनाउंसमेंट के बाद से ही अच्छा परफॉर्म करने लगती है, तो आप आत्मसंतुष्ट हो जाते हैं.''

पृथ्वीराज सुकुमारन ने भी इस विषय पर बात की. कहा,

''मुझे अक्सर नॉर्थ इंडियन सिनेमा से सवाल पूछा जाता है कि वो कमर्शियल सिनेमा को क्रैक करने में सक्षम नहीं हैं. मगर कुछ ही दिन पहले हमने देखा है कि कैसे हिंदी सिनेमा ने विदेशी मार्केट को अपने लिए खोल दिया है. ओवरसीज़ मार्केट खोल दिया है. मुझे लगता है ये एक फेज़ है. एक बड़ी हिट, शायद वो शाहरुख की 'पठान' हो. मैं कुछ हिंदी फिल्मों के बारे में जानता हूं जो फ्लोर पर हैं और बहुत एक्साइटिंग प्रोजेक्ट हैं. तो एक बड़ी हिट उसके बाद दूसरी, फिर पूरा नेरेटिव चेंज हो जाएगा.''

कमल हासन की बात करें तो वो इन दिनों अपनी फिल्म 'इंडियन' के दूसरे पार्ट की शूटिंग में बिज़ी हैं.

दी सिनेमा शो: पठान के लिए शाहरुख और दीपिका की फीस में इतना ज्यादा अंतर क्यों है?

Advertisement