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सलमान को लॉन्च करने वाले डायरेक्टर ने शाहरुख पर कहा-"वो कुछ था नहीं लेकिन बातें ऐसी कि..."

बिहारी और शाहरुख खान के बीच स्क्रिप्ट को लेकर तना-तनी हो गई थी. बिहारी का मानना है कि शाहरुख को उनकी एरोगेंस ने ही सुपरस्टार बनाया.

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शाहरुख ने जिस फिल्म के लिए स्क्रिप्ट मांगी, ऋषि कपूर ने उसके लिए फोन पर ही हामी भर दी थी.

Shah Rukh Khan को सफ़ल बनाने में उनके एरोगेंस का बड़ा हाथ है. ऐसा हम नहीं, फिल्ममेकर JK Bihari का कहना है. बिहारी ने Biwi Ho Toh Aisi फिल्म से Salman Khan को लॉन्च किया था. मगर शाहरुख को लेकर उनके विचार थोड़े तल्ख हैं. इसका दोष उन्होंने शाहरुख के उसी एरोगेंस को दिया, जिसकी वजह से दोनों Inteha Pyar Ki फिल्म में साथ काम नहीं कर सके.

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हुआ ये कि बिहारी 'इंतेहा प्यार की' (1992) नाम की एक फिल्म बना रहे थे. इसमें ऋषि कपूर लीड रोल में थे. सेकेंड लीड के लिए शाहरुख खान को अप्रोच किया गया था. वो इसके लिए तैयार हो भी जाते. मगर दिक्कत तब आई, जब उन्होंने बिहारी से फिल्म की स्क्रिप्ट मांग ली. बस यही बात डायरेक्टर को चुभ गई. सिद्धार्थ कनन के साथ हुई बातचीत में बिहारी ने बताया,  

"मैं शाहरुख खान के पास गया और उनसे कहा कि महबूब स्टूडियो में एक पिक्चर करनी है. तो उन्होंने मुझसे कहा कि आप मुझे स्क्रिप्ट भेज दीजिए. मुझे बड़ा अफ़सोस हुआ कि ये मुझसे स्क्रिप्ट मांग रहा है. वो तब किंग अंकल की शूटिंग कर रहा था. तब तक उसने कोई बड़ी फिल्म नहीं की थी. 'बाज़ीगर', 'दीवाना' जैसी मूवीज़ बाद में आईं. इसलिए शाहरुख ने जब मुझसे फिल्म की स्क्रिप्ट मांगी तो ये बात मुझे अच्छी नहीं लगी."

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ये उस दौर की बात है, जब हिंदी फिल्मों में बाउंड स्क्रिप्ट का चलन नहीं था. कई फिल्ममेकर्स तो सेट पर ही सीन लिखते थे. कई बार ऑन-स्पॉट इम्प्रोवाइजेशन किया जाता था. वैनिटी वैन नहीं हुआ करते थे. एक्टर्स तीन-तीन, चार-चार शिफ्ट में कई फिल्में एक साथ शूट करते थे. प्रमोशन नाम की बला भी तब सिस्टम का हिस्सा नहीं थी. एक्टर्स की फिल्में कब रिलीज़ हो रही हैं, उन्हें खुद पता नहीं होता था. ऐसे में शाहरुख खान नाम के नए लड़के का स्क्रिप्ट मानना, बिहारी को खल गया. ख़ैर, बिहारी इस फिल्म में शाहरुख को इमरान खान की जगह कास्ट करने वाले थे. लीड रोल ऋषि कपूर को दिया गया था. बिहारी के मुताबिक,

"ऋषि कपूर कश्मीर में शूटिंग कर रहे थे. मैंने फोन किया, तो उन्होंने फोन पर ही हां कह दिया. और ये (शाहरुख) मुझसे स्क्रिप्ट मांग रहा है. तो मुझे गुस्सा आ गया कि मुझे इसे काम नहीं देना है."

हालांकि बिहारी ने स्वीकारा कि शाहरुख को सफ़ल बनाने के पीछे भी उनके इसी अक्खड़पन का हाथ है. वो कहते हैं,

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“ये जो उसकी सक्सेस है न, ये उसकी (शाहरुख) एरोगेंस के वजह से ही है. लोगों को उसे नहीं लेना चाहिए था पर लोग ले रहे थे. रतन जैन ने भी मुझसे कहा कि ये जो लड़का आया है नया, वो ऐसी बड़ी-बड़ी बातें करता है. कैसे चलेगा? क्या करता है? मगर वही सक्सेसफुल हुआ. बाद में खुद रतन जैन ने भी उसकी 'बाज़ीगर' बनाई. वो फिल्म सफ़ल हो गई.”

ये पूछे जाने पर कि स्क्रिप्ट मांगे जाने से इंसान एरोगेंट कैसे हुआ? इस पर बिहारी ने कहा,

“उसने मेरा ईगो हर्ट किया. बात तो सही ढंग से की. लेकिन उसने स्क्रिप्ट मांग ली. मैंने उससे कहा कि मैं कहानी सुनाता हूं. मगर उसने कहा कि मुझे स्क्रिप्ट चाहिए. इससे मैं थोड़ा हर्ट हुआ कि ये नया लड़का आकर मुझसे स्क्रिप्ट मांग रहा.”

जहां तक सलमान की बात है, उनके फिल्म डेब्यू के पीछे भी एक रोचक कहानी है. दरअसल बिहारी 'बीवी हो तो ऐसी' (1988) की कास्टिंग कर रहे थे. इसी सिलसिले में उन्हें एक ऐसे यंग एक्टर की ज़रूरत थी जो फारूख शेख के भाई और रेखा के देवर विक्रम का रोल कर सके. एक दिन वो अपने गैरेज में बैठे थे. तभी सलमान रोड क्रॉस कर उनकी तरफ़ आते दिखे. बिहारी को उनके चलने का अंदाज़ बेहद पसंद आया और उन्होंने झट से उन्हें अपनी फिल्म के लिए साइन कर लिया. ये सलमान खान के करियर की पहली फिल्म थी. इसके बाद उन्होंने 1989 में सूरज बड़जात्या की ‘मैंने प्यार किया’ में काम किया. जो कि 80 के दशक की सबसे कमाऊ फिल्म साबित हुई. 

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