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"मैं ट्रेन की पटरी पर..." गैंग्स ऑफ वासेपुर से पहले आत्महत्या करने वाले थे नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी!

नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि उनके कई दोस्त स्ट्रगल करते-करते गुज़र गए. ऐसे में उन्हें लगा कि वो भी कुछ किए बिना जल्दी ही मर जाएंगे.

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फिल्मों में काम न मिलने पर इतने निराश हो गए थे नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी कि आत्महत्या करने की सोचने लगे थे.

Nawazuddin Siddiqui हाल ही में Maddock Horror Comedy Universe (MHCU) की Thamma में नज़र आए थे. Ayushmann Khurrana और Rashmika Mandanna स्टारर इस फिल्म में वो विलेन बने थे. नवाज़ हिंदी सिनेमा की अब तक 90 से ज़्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं. हालिया इंटरव्यू में नवाज़ ने अपने संघर्ष के दिनों पर बात की. उन्होंने बताया कि एक वक्त ऐसा भी था जब काम न मिलने पर वो सुसाइड तक करने की सोचने लगे थे.

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नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी हाल ही में राज शमनी के पॉडकास्ट में नज़र आए. यहां पर उन्होंने अपने करियर के उस दौर के बारे में बात की, जब उनके पास कोई काम नहीं था. उन्हें कई फिल्मों के ऑफर मिले थे. लेकिन सभी एक के बाद एक हाथ से निकल जाती थीं. इंटरव्यू में अपने स्ट्रगल पर बात करते हुए नवाज़ ने कहा, 

“2012 से पहले अक्सर ऐसा होता था कि मुझे मौके मिलते थे और फिर खो जाते थे. मैं ये मानने लगा था कि शायद मैं ज़िंदगी में कुछ खास हासिल करने के लिए नहीं बना. क्योंकि जब भी मुझे कुछ मिलता था, वो फिसल जाता था. कई फिल्में और प्रोजेक्ट जिनका मैं हिस्सा होने वाला था, वो दूसरे को मिल गए. हर कोई एक ऐसे दौर से गुज़रता है, जब उसे लगता है कि हार मान ली जाए. आप सोचने लगते हैं कि शायद ये किस्मत है, ये बदकिस्मती है. मैं भी यही सोचता था कि अब कुछ नहीं होगा. लेकिन फिर कोई छोटी सी बात मुझे उम्मीद दे देती. ये सिलसिला करीब 7-8 साल तक चलता रहा.”

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नवाज़ ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि एक दौर तो ऐसा भी था, जब उन्हें सुसाइडल थॉट्स आने लगे थे. वो कहते हैं,

“मेरे दोस्त थे वो एक के बाद एक जा रहे थे. एक की एक्सीडेंट में डेथ हो गई. एक पागल होके मर गया. एक शराब पीके खत्म हो गया. ऐसे 4-5 एक्टर दोस्तों की मौत हो चुकी थी. मैं उस वक्त काफी कमज़ोर हो गया था, तो मुझे लगा कि मैं भी जल्दी चला जाऊंगा. इसलिए मैं काफी वक्त बाहर ही बिताता था. ताकि मैं ज्यादा से ज़्यादा चीज़ों को देख पाऊं. क्योंकि मैं जल्द ही मर जाऊंगा. वो सब स्ट्रगल के दौर में ही दुनिया छोड़कर चले गए तो मैं सहम गया था. मीरा रोड पर ट्रेन जा रही थी और मैं थोड़ा टूटा हुआ था. मैंने सोचा चला जाऊं क्या? फिर मैंने अपने आप से कहा, ‘एक्टिंग कौन तेरा बाप करेगा’." 

नवाज़ ने बताया कि वो यही बात सोचकर वापस लौट आए और अपने काम में लग गए. उन्होंने खुद से कहा कि कुछ नहींं भी हुआ, तो भी वो एक्टिंग करेंगे. फ्री में करनी पड़ी तो भी करेंगे. सड़कों पर करनी पड़ी तो भी करेंगें. लेकिन फिर उन्हें एक के बाद एक मौके मिलने लगे. साल 2012 में नवाज़ की बैक टु बैक तीन फिल्में आईं. ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘कहानी’ और ‘तलाश’. इस पर नवाज़ ने बताया कि उन्हें यकीन हो गया था कि चीज़ें होती हैं. बस उन्हें होने में वक्त लगता है.

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नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी फिलहाल अपनी आने वाली फिल्म ‘रात अकेली है 2’ की शूटिंग में व्यस्त हैं. ये एक थ्रिलर फिल्म है, जो नेटफ्लिक्स की हिट फिल्म ‘रात अकेली है’ का सीक्वल है. फिल्म में नवाज़ एक बार फिर इंस्पेक्टर जटिल यादव की भूमिका नभा रहे हैं. उनके साथ राधिका आप्टे, चित्रांगदा सिंह और रजत कपूर जैसे एक्टर्स काम कर रहे हैं.  

वीडियो: नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, सुपरस्टार नहीं बनना, बल्कि अलग-अलग और अच्छा काम करना है

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