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पाकिस्तानी इंडी गाना 'वो लम्हे वो बातें' इंडिया में सुपरहिट कैसे बना?

"कई सीनियर म्यूज़िक कम्पोज़र उस गहराई तक पहुंच नहीं पा रहे थे".

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मिथुन ने ही 'आशिकी 2' के गानों की धुन भी बनाई थी.

Emraan Hashmi को लेकर लोगों में एक धारणा है. कि चाहे उनकी फिल्में जैसी भी हों. गाने एकदम सॉलिड होते हैं. आतिफ असलम, हिमेश रेशमिया, ऐसी कलाकारों के बेस्ट गाने इमरान पर फिल्माए गए. उनके पॉपुलर गानों में से एक है ‘वो लम्हे वो बातें’. फिल्म थी ‘ज़हर’. जिसे बनाया था मोहित सूरी ने. हाल ही में उन्होंने इस गाने की मेकिंग पर बात की. बताया कि पाकिस्तान के इस इंडी गाने को इंडिया में उन्होंने कैसे बनाया. 

बॉलीवुड हंगामा ने मोहित सूरी और म्यूज़िक कम्पोज़र मिथुन से बात की. मोहित ने बताया कि ‘वो लम्हे वो बातें’ एक पाकिस्तानी इंडी गाना था. असल में ये रॉक गाना था. बता दें कि इस गाने को ‘जल’ नाम के बैंड ने बनाया था. उनके और भी पॉपुलर गाने हैं – जैसे ‘सजनी’, आदत’ और ‘बिखरा हूं मैं’. सुनने चाहिए. खैर, मोहित जब ‘ज़हर’ बना रहे थे तब उनकी उम्र 22 साल थी. उनकी फिल्म में ‘वो लम्हे वो बातें’ का सब्जेक्ट डार्क था. एक आदमी जिसका तलाक होने वाला है. उसे जिस इमोशन और जिस गहराई की ज़रूरत थी, वो उनके पास नहीं थे. मोहित ने आगे बताया,

बहुत सारे सीनियर लोग (म्यूज़िक कम्पोज़र) उस गहराई तक पहुंच नहीं पा रहे थे. मिथुन ने उस गाने का स्क्रैच बनाया. उन्होंने शुरुआत में वो अलाप डाला. उन्होंने खुद की आवाज़ में ही वो अलाप रिकॉर्ड किया. वो एक कराह की तरह था जो वो आदमी महसूस कर रहा था. 

मोहित बताते हैं कि मिथुन का इस पुकार से गाना शुरू करने की वजह ने उसे बहुत ऊपर पहुंचा दिया. उसके बाद आए आतिफ असलम. रही-सही कसर उन्होंने पूरी कर दी. मोहित ने बताया कि उन दिनों गाने ऐसे शुरू नहीं होते थे. वो बहुत लाउड तरह से शुरू होते थे. मिथुन ने इस गाने का क्रेडिट मोहित को भी दिया. उन्होंने कहा कि मोहित ने उन्हें रिस्क लेने दिया. किसी भी तरह के बाहरी दखल को खुद तक सीमित रखा. और मिथुन के म्यूज़िक पर असर नहीं पड़ने दिया.

मिथुन लगातार बढ़िया काम करते रहे हैं. ‘आशिकी 2’, ‘द ट्रेन’, ‘हमारी अधूरी कहानी’, ‘शिवाय’, ‘मलंग’, ये वो फिल्में हैं जिन्हें कहानी की वजह से भले ही पसंद नहीं किया गया. लेकिन उनके म्यूज़िक से किसी को शिकायत नहीं रही.           
 

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