10 स्टेप में पकाएं साहित्य का सर्वे
साल बीत रहा है, जल्द ही और चीजों की तरह साहित्य के सर्वे भी सामने आएंगे.

© Christine Ellger
साल बीतने में दस दिन रह गए हैं. हिंदी साहित्य से संबंधित सालाना सर्वे आने में दस से भी कम दिन रह गए हैं. इस बारे में सोचने और इस पूरी प्रोसेस में उतरने के लिए उससे भी कम दिन रह गए हैं. कम दिन जब बिल्कुल कम रह जाएंगे तब ये सर्वे दिखने शुरू होंगे और उन किताबों को सर्वेकर्ता इस साल की उपलब्धि बताएंगे, जिन्हें पढ़ना तो दूर उन्होंने हाथ में लेकर देखा भी नहीं होगा. इनके लिए किताबें अब हाथ में लेने की चीज नहीं रह गई हैं. ये सर्वेकर्ता मनोहर श्याम जोशी के सबसे बड़े फॉलोअर प्रतीत होते हैं. ‘कुरु कुरु स्वाहा’ में मश्जो यों ही नहीं कह गए हैं : ‘‘दिक्कत यह है कि पढ़-पढ़कर इनके लिए साहित्य क्या जीवन तक मौलिक नहीं रह गया है. ...गोया किताबें इनके लिए जिंदगी हो गई हैं और जिंदगी इनकी ससुरी किताब हो चली है.’’ इनके लिए किताबें जिंदगी और जिंदगी किताब नहीं है. इसलिए इनके जीवन बिल्कुल मौलिक हैं और सर्वे भी. ‘‘हिंदी साहित्य में कुछ बड़ा नहीं हो रहा है.’’ ‘‘हिंदी में किताबें पढ़ी नहीं जा रही हैं.’’ ‘‘हिंदी में अब कोई नहीं पढ़ता.’’ ‘‘हिंदी में कथा-कविता के सिवा और कुछ नहीं लिखा जाता.’’ साल भर इस प्रकार के बयान सुनने में आते रहते हैं, लेकिन बावजूद इसके यह इन सर्वेकर्ताओं की दया नहीं तो और क्या है प्रभु कि साल खत्म होते-होते हिंदी के अंधेरे में चार चांद लगाने वाली चार से ज्यादा किताबें अखबारों, पत्रिकाओं और वेबसाइट्स के पन्नों पर झिलमिलाने लगती हैं. यहां आकर कोई भी सोच में पड़ सकता है कि भला यह सब मुमकिन कैसे होता होगा. लेकिन यह सब इतना मुश्किल भी नहीं है. दरअसल, अब हिंदी साहित्य में सर्वे एक ऐसा व्यंजन है जिसे कोई भी आसानी से पका सकता है. इसे पकाकर सबको पकाने की विधि यहां दस लाइनों में बताई जा रही है : 1. सबसे पहले अपने नजदीकी हिंदी प्रेमी से हिंदी के कुछ प्रकाशकों के नाम पूछिए. 2. इन प्रकाशकों के नंबर निकालिए. 3. इन प्रकाशकों का नंबर मिलाइए. 4. इन प्रकाशकों से पूछिए कि इस सर्वे के लिए बात करने के लिहाज से सही पर्सन आपके यहां कौन है. 5. सही पर्सन से पूछिए कि आप अपने यहां से इस वर्ष आई किन किताबों को श्रेष्ठ मानते हैं. 6. इन किताबों की एक लिस्ट बनाइए. 7. इसके बाद किसी नजदीकी लेखक को पकड़िए और उससे इस लिस्ट में से उसकी पसंदीदा किताबें पूछिए. 8. इस नजदीकी लेखक की समझ पर भरोसा कीजिए. 9. सर्वे लिखकर जहां भेजना हो भेज दीजिए. 10. प्रकाशित होते ही फेसबुक पर जेपीजी या लिंक में संबंधित व्यक्तियों, लेखकों-लेखिकाओं और मित्रों को टैग करके परोसिए.