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कैसे मिला शाहरुख को रातोंरात स्टार बना देना वाला 'बाज़ीगर' का रोल?

शाहरुख ने स्क्रिप्ट सुनी और अब्बास-मस्तान को गले लगा लिया.

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अजय शर्मा का रोल सलमान खान ने भी रिजेक्ट किया था

'जब वो बाहें फैलाता है, तो उसमें पूरा देश समा जाता है.'

पहली याद का कोई मुक़ाबला नहीं. चाहे वो पहली मार हो या पहला प्यार. जोक की तरह दिमाग में चिपट जाता है. हमारे ऑफिस में एक मोहतरमा हैं मेघना. उनके दिमाग में भी एक याद अमरबेल की तरह लिपटी हुई है. उनकी पहली थिएटर में देखी फ़िल्म, 'कुछ-कुछ होता है' और उसका बाहें फैलाए खड़ा हीरो शाहरुख खान. मेघना की थिएटर मेमोरी में शाहरुख इस कदर बैठ गया कि उसी दिन से उनका पहला और आखिरी सिनेमाई प्रेमी बन गया. मेरी उनके प्रेमी की पहली याद है दूरदर्शन पर देखी गई 'बाज़ीगर'. जनता ने इस पर खूब प्यार उड़ेला. शाहरुख कहते हैं:

Creativity is the only thing which has to be judged by how much people like it not how much you like it.

तो मित्रो 'बाज़ीगर' नामक क्रिएटिविटी को जनता ने खूब सराहा. इसमें शाहरुख के रोल को भी पसंद किया गया. यही वो फ़िल्म है जिसके बाद शाहरुख सुपरस्टार बनने की ओर बढ़ चले. पहला फ़िल्म फेयर इसी मूवी ने उन्हें दिलाया. काजोल और शिल्पा शेट्टी को भी इसी फ़िल्म ने पहचान दी. आइए आज इसी के कुछ किस्से आपको सुनाते हैं.

शाहरुख से पहले सलमान को ऑफर हुई फ़िल्म

'बाज़ीगर' एक हॉलीवुड फ़िल्म 'A kiss Before Dying' पर आधारित है. इसका हीरो एक विलेन है. जो फ़िल्म की हीरोइन को बिल्डिंग से नीचे फेंक देता है. मेकर्स जिसके पास भी स्क्रिप्ट लेकर जा रहे थे, वो फ़िल्म रिजेक्ट कर दे रहा था. कारण था कहीं जनता इस रोल के चलते उनसे नफ़रत न करने लगे. इस वज़ह से वो ऐसे किरदारों से बचते थे. जब अब्बास-मस्तान ने इसकी स्क्रिप्ट लिखी, तो वो सबसे पहले अनिल कपूर के पास पहुंचे. अब ये एंटी हीरो का रोल अनिल कैसे करते? उनकी टिपिकल बॉलीवुडिया हीरो वाली इमेज को खतरा था. उन्होंने ये कहकर मना कर दिया कि ये सब्जेक्ट बहुत रिस्की है. फिर गेंद पहुंची सलमान के पाले में. मस्तान कहते हैं, सलमान उस समय राजश्री प्रोडक्शन की फ़ैमिली फ़िल्में कर रहे थे. इसलिए वो भी 'बाज़ीगर' नहीं कर सकते थे. उनके पिता सलीम खान ने अब्बास-मस्तान को मना कर दिया. सलीम साहब का कहना था कि ऐसी फ़िल्में करना सलमान के लिए अभी बहुत जल्दी हो जाएगा. इसके बाद फ़िल्म अक्षय के पास पहुंची. उन्होंने भी अजय शर्मा को निगेटिव शेड का किरदार बताकर रिजेक्ट कर दिया. कहते हैं आमिर खान और अजय देवगन ने भी यही वज़ह बताकर फ़िल्म रिजेक्ट की थी. इतने रिजेक्शन के बाद फ़िल्म शाहरुख के पास पहुंची थी.

लुढ़कते- लुढ़कते कैसे पहुंचा शाहरुख तक अजय शर्मा?

आप सबहेड पढ़कर सोच रहे होंगे, अजय शर्मा क्या कोई लकड़ी का लट्ठा है जो लुढ़कते हुए शाहरुख तक पहुंचा. अजय शर्मा तो 'बाज़ीगर' में शाहरुख खान के किरदार का नाम है. पर सही मायनों में ये लुढ़कते हुए ही शाहरुख तक पहुंचा. क्यों ये तो आप पढ़ ही चुके हैं? कैसे? हम बताते हैं. जब सभी ने फ़िल्म रिजेक्ट कर दी, तो अब्बास-मस्तान एक नया चेहरा ढूंढ़ रहे थे. जिन ऐक्टर्स को मेकर्स फ़िल्म में लेना चाह रहे थे, वो फ़िल्में रिजेक्ट कर रहे थे. जो ऐक्टर्स फ़िल्में करना चाह रहे थे, वो अजय शर्मा के रोल में फिट नहीं बैठ रहे थे. फ़िल्म को प्रोड्यूस किया था वीनस मूवीज़ ने. वीनस को चार भाई गणेश जैन, गिरीश जैन, चंपक जैन और रतन जैन मिलकर चलाते थे. इनकी ही कंपनी वीनस रिकॉर्ड्स एंड टेप्स फिल्मों का म्यूजिक भी रिलीज़ किया करती थी. उस समय शाहरुख की 'दीवाना' नहीं रिलीज़ हुई थी. इसके म्यूजिक राइट्स वीनस के पास थे. रतन जैन ने फ़िल्म के कुछ हिस्से देखे. इसमें शाहरुख का काम उन्हें बहुत पसंद आया. उन्होंने अब्बास-मस्तान को उनका नाम सुझाया. दोनों शाहरुख के नाम के साथ आगे बढ़ गए.

पिंकविला को दिए एक इंटरव्यू में रतन ने बताया था कि पहली बार वो सी रॉक होटल में शाहरुख से मिले. उन्होंने बस एक लाइन का आइडिया सुनाया. शाहरुख ने हां कर दी. बोले, I will do the best, only I can do the best. सब कुछ पहली मीटिंग में ही डिसाइड हो गया. शाहरुख को नरेशन भी नहीं चाहिए था. क्योंकि उन्होंने हॉलीवुड फ़िल्म 'A kiss Before Dying' पहले ही देख रखी थी. पर रेडिफ डॉट कॉम को दिए इंटरव्यू में अब्बास-मस्तान का कहना था कि उन्होंने शाहरुख को स्क्रिप्ट नरेट की. जब उन्होंने शाहरुख को अप्रोच किया, तो ये तय हुआ कि स्क्रिप्ट के राइटर्स इसे नरेट करेंगे. शाहरुख का आग्रह था कि खुद अब्बास-मस्तान स्क्रिप्ट नरेट करें. दोनों ने उन्हें बताया भी कि वो अच्छे नरेटर नहीं हैं. पर शाहरुख माने ही नहीं. डेट फाइनल हुई. स्क्रिप्ट नरेट की गई. अब्बास-मस्तान को लगा, अभी उनसे कहा जाएगा कि दो दिन में बताते हैं. पर जैसे ही नरेशन खत्म हुआ. शाहरुख उछल पड़े. उन्होंने अब्बास-मस्तान को गले लगा लिया. 

चमत्कार में शाहरुख खान की कास्टिंग को लेकर सवाल क्यों उठे थे?